तेजेंद्र पाल सिंह, हापुड़उत्तर प्रदेश में जो अधिकारियों ने कह दिया वह आलाकमान के लिए सत्य मामला आता है। ना ही उसकी कोई जांच कराई जाती है और ना ही उसका सत्य जानने की कोशिश की जाती है, लेकिन उत्तर प्रदेश में अधिकारियों की हकीकत कुछ और ही है। उत्तर प्रदेश में अधिकारियों की लापरवाही लगातार उजागर होती रहती है। ताजा मामला हापुड़ से सामने आया है। यहां अधिकारियों की लापरवाही से पंचायत चुनाव के मुहर लगे कुछ बैलेट पेपर गांव में कूड़े में मिले हैं।हापुड़ के गांव फतेहपुर में कूड़े के एक स्थान पर मुहर लगे कुछ बैलेट पेपर मिले हैं, जिनको देखकर गांव के ग्रामीणों में चर्चाओं का बाजार गर्म है। पंचायत चुनाव के करीब 26 दिन बाद मुहर लगे बैलेट पेपर देखकर ग्रामीणों और प्रशासन में हड़कंप मच गया है। मामले की जानकारी प्रशासन को दीपंचायत चुनाव के मुहर लगे कुछ बैलेट पेपर देखने के बाद ग्रामीणों ने मामले की जानकारी प्रशासन को दी। गांव में बैलेट पेपरों के मिलने की सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई और बैलेट पेपरों को कब्जे में लेकर जांच में जुट गई है। वहीं, आशंका जताई जा जा रही है कि किसी असामाजिक तत्व ने पंचायत चुनाव के डमी बैलेट पेपर बनवाकर उनको कूड़े के ढेर में फेंक दिया है।UP News: पंचायत चुनाव से पहले पुलिस महकमे में डिप्टी एसपी के बड़े पैमाने पर तबादलेअधिकारियों ने कहा-जल्द खुलासा होगाइस मामले में ग्रामीणों की मानें तो इसमें साफ अधिकारियों की लापरवाही दिख रही है और पंचायत चुनाव की काउंटिंग में भी लापरवाही की गई है। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और जल्द ही खुलासा कर दिया जाएगा। इन सबके बीच बड़ा सवाल है कि पंचायत चुनाव के 26 दिन बाद मुहर लगे बैलेट गांव में कहां से आए हैं।
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