गोरखपुरकोरोना की तीसरी लहर के पहले गोरखपुर के जिलाधिकारी के. विजेंद्र पांडियन ने जिले के सभी वार्ड के निगरानी समितियों के साथ बैठक की। इस दौरान बैठक को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी कोरोना के दूसरी लहर को यादकर भावुक हो गए। भावुक होते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर बहुत तेज थी, एक बेड के पर 100 लोग वेटिंग में थे। लोग मरीज के मरने का इंतज़ार कर रहे थे कि एक मरे तो वह अपने मरीज को एडमिट कराएं।3 दिन में खराब हो जा रहा है 80 फीसद फेफड़ाबैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने आगे कहा कि लॉकडाउन के दौरान अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ रखने के लिए हफ्ता दस दिन खोलना बेहद जरूरी है। कोरोना की पहली लहर में सभी ने काम किया था। कब आया कब चला गया पता ही नहीं चला, लेकिन दूसरी लहर बहुत तेज थी। संक्रमण के तीसरे दिन 80 फीसद फेफड़ा संक्रमित हो जा रहा है। पांचवें दिन सांस फूलने लगती है और सातवें दिन संक्रमित व्यक्ति खत्म हो जाता है।Gorakhpur News: UP के गोरखपुर में ‘चमत्कार’, वैक्सीन लगी नहीं मगर जारी हो गया सर्टिफिकेटसैकड़ो वेटिंग… किसे दें बेड तय करना मुश्किल था: DMडीएम ने कहा कि रोज हजारों केस आ जाते थे। यह तय करना मुश्किल हो जाता था कि किसे बेड दें, किसे न दें। एक बेड के लिए 100 लोगों की लाइन लगी थी। लोग मरने का इंतज़ार कर रहे थे कि एक मरेगा तब उन्हें बेड मिलेगा। दोबारा ऐसी स्थिति हमारी जिंदगी में देखने को न मिले, इसके लिए हम सबको मिलकर काम करना है। बता दें कि तीसरी लहर के लिए पहले जिला प्रशासन ने युद्धस्तर की तैयारियां कर ली हैं। हर 5 किलो मीटर पर एक अस्पताल होगा, ताकि किसी भी संक्रमित को भर्ती कराने के लिए किसी के मरने का इंतजार न करना पड़े।
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