प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से कहा है कि प्रदेश के निजी डायग्नोस्टिक सेंटरों द्वारा विभिन्न जांचों के लिए वसूली जा रही दरों को सरकार तय करे। साथ ही कोर्ट ने चार छोटे जिलों बाराबंकी, बिजनौर, बहराइच, श्रावस्ती और जौनपुर में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने की कार्ययोजना बताने के लिए सरकार को समय दिया है। कोरोना संक्रमण के हालात की मॉनटिरिंग कर रही न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजीत कुमार की पीठ ने याचिका को सुनवाई के लिए 27 मई को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
इससे पूर्व 17 मई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की खराब हालत पर गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा था कि सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था राम भरोसे चल रही है। कोर्ट ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार को कई सुझाव व निर्देश दिए थे। कोर्ट ने छोटे जिलों, कस्बों और गांवों में तेजी से पैर पसार कोराना संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जानकारी मांगी थी।
इसके जवाब में शनिवार को अपर सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने वर्चुअल सुनवाई में बताया कि सरकार बहुत जल्दी इस पर जानकारी मुहैया कराएगी। इसी प्रकार से डायग्नोस्टिक सेंटरों द्वारा वसूली जा रही जांच की कीमतें तय करने के मामले में उन्होंने कोर्ट से और समय की मांग की। पीठ ने प्रदेश सरकार को 27 मई तक यह जानकारियां उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। याचिका पर अगली सुनवाई 27 मई को होगी।
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