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प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय एवं संघटक महाविद्यालयों के तकरीबन दो लाख 80 हजार छात्र-छात्राएं इस साल बिना परीक्षा के अगली कक्षा में प्रमोट किए जाएंगे। शासन की ओर से गठित तीन सदस्यीय कमेटी ने अपने जो रिपोर्ट सौंपी है, जिसके अनुसार प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय के इन विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा। विश्वविद्यालय प्रशासन को अब शासन से दिशा-निर्देश जारी होने का इंतजार है, ताकि प्रमोशन और परीक्षा की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा सके।पिछले साल भी कोविड के कारण राज्य विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को बिना परीक्षा अगली कक्षा में प्रोन्नत किया गया था। इस बार भी कोविड के कारण परीक्षा कराने की परिस्थितियां नहीं बन पा रही हैं और इसी वजह से शासन ने समस्या के निराकरण के लिए तीन कुलपतियों की एक कमेटी बनाई थी। कमेटी ने स्नातक प्रथम एवं द्वितीय वर्ष और स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को अगली कक्षा में बिना परीक्षा प्रमोट किए जाने की सिफारिश की है। प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय एवं संघटक महाविद्यालयों के तकरीबन दो लाख 80 हजार छात्र-छात्राएं इस सिफारिश से प्रभावित हो रहे हैं, जो बिना परीक्षा अगली कक्षा में प्रमोट होंगे।राज्य विश्वविद्यालय के प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़ और कौशाम्बी में 634 संघटक महाविद्यालय है। इनमें स्नातक एवं स्नातकोत्तर के कुल चार लाख 50 हजार छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। स्नातक प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के छात्र-छात्राओं की संख्या तीन लाख 20 हजार के आसपास है। वहीं, स्नातकोत्तर प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के छात्र-छात्राओं की संख्या एक लाख 70 हजार है। इनमें स्नातक प्रथम वर्ष, स्नातक द्वितीय वर्ष और स्नातकोत्तर अंतिम सेमेस्टर के कुल दो लाख 80 हजार छात्र-छात्राएं बिना परीक्षा के प्रमोट किए जाएंगे, जबकि स्नातक एवं स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष के एक लाख 70 हजार विद्यार्थी परीक्षा में शामिल होंगे।
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प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय एवं संघटक महाविद्यालयों के तकरीबन दो लाख 80 हजार छात्र-छात्राएं इस साल बिना परीक्षा के अगली कक्षा में प्रमोट किए जाएंगे। शासन की ओर से गठित तीन सदस्यीय कमेटी ने अपने जो रिपोर्ट सौंपी है, जिसके अनुसार प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय के इन विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा। विश्वविद्यालय प्रशासन को अब शासन से दिशा-निर्देश जारी होने का इंतजार है, ताकि प्रमोशन और परीक्षा की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा सके।
पिछले साल भी कोविड के कारण राज्य विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को बिना परीक्षा अगली कक्षा में प्रोन्नत किया गया था। इस बार भी कोविड के कारण परीक्षा कराने की परिस्थितियां नहीं बन पा रही हैं और इसी वजह से शासन ने समस्या के निराकरण के लिए तीन कुलपतियों की एक कमेटी बनाई थी। कमेटी ने स्नातक प्रथम एवं द्वितीय वर्ष और स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को अगली कक्षा में बिना परीक्षा प्रमोट किए जाने की सिफारिश की है। प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय एवं संघटक महाविद्यालयों के तकरीबन दो लाख 80 हजार छात्र-छात्राएं इस सिफारिश से प्रभावित हो रहे हैं, जो बिना परीक्षा अगली कक्षा में प्रमोट होंगे।
राज्य विश्वविद्यालय के प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़ और कौशाम्बी में 634 संघटक महाविद्यालय है। इनमें स्नातक एवं स्नातकोत्तर के कुल चार लाख 50 हजार छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। स्नातक प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के छात्र-छात्राओं की संख्या तीन लाख 20 हजार के आसपास है। वहीं, स्नातकोत्तर प्रथम एवं द्वितीय वर्ष के छात्र-छात्राओं की संख्या एक लाख 70 हजार है। इनमें स्नातक प्रथम वर्ष, स्नातक द्वितीय वर्ष और स्नातकोत्तर अंतिम सेमेस्टर के कुल दो लाख 80 हजार छात्र-छात्राएं बिना परीक्षा के प्रमोट किए जाएंगे, जबकि स्नातक एवं स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष के एक लाख 70 हजार विद्यार्थी परीक्षा में शामिल होंगे।
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