यूपी बोर्ड सहित देश के दूसरे सभी शिक्षा बोर्ड की ओर से बारहवीं की परीक्षा को लेकर कोई निर्णय नहीं होने से इस बार भी एमएनएनआईटी, ट्रिपलआईटी सहित दूसरे संस्थानों में शैक्षिक सत्र पिछड़ सकता है। जेईई मेंस की अप्रैल, मई की परीक्षा नहीं होने से आईआईटी, एनआईटी, ट्रिपलआईटी सहित दूसरे केंद्रीय संस्थानों में प्रवेश में देरी होगी। कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने के बाद ही बोर्ड परीक्षाएं कराई जा सकेंगी। बोर्ड परीक्षाओं से मुक्त होने के बाद एनटीए की ओर से जेईई मेंस अप्रैल एवं मई की परीक्षाएं कराई जा सकेंगी।कोरोना संक्रमण कम होने के बाद ही बोर्ड परीक्षाएं देश भर के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश बारहवीं का परीक्षा परिणाम के बाद होता है। सीबीएसई, आईसीएसई, यूपी बोर्ड सहित देश के अधिकांश राज्य शिक्षा बोर्ड की ओर से अभी बारहवीं की परीक्षा नहीं कराई गई है। उत्तर प्रदेश सहित कुछ राज्यों में जहां कोरोना संक्रमण की गति धीमी पड़ रही है, वहीं दक्षिण के कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण तेज हो रहा है। सीबीएसई की परीक्षाओं को लेकर कोई निर्णय पूरे देश में कोरोना संक्रमण कम होने पर ही लिया जा सकेगा।
परीक्षा में देरी से ऑल इंडिया स्तर के सभी प्रवेश प्रभावित
एमएनएनआईटी के निदेशक प्रो. राजीव त्रिपाठी ने बताया कि बोर्ड परीक्षाओं के साथ ही जेईई मेंस की दो चरण की परीक्षा नहीं हुई है। बोर्ड परीक्षाएं कब होंगी पता नहीं ऐसे में एनआईटी, ट्रिपलआईटी सहित दूसरे केंद्रीय संस्थानों में शैक्षिक सत्र देर से शुरू होना तय है। इंजीनियरिंग के साथ ही बोर्ड परीक्षा में देरी के चलते मेडिकल, लॉ एवं मैनेजमेंट के साथ दूसरी प्रवेश परीक्षाएं भी प्रभावित होंगी। ऑल इंडिया स्तर पर प्रवेश में देरी के चलते शैक्षिक सत्र 2021-22 पूरी तरह से प्रभावित होगा। शैक्षिक सत्र पिछड़ने पर संस्थानों को पुराने शैक्षिक सत्र की वार्षिक सेमेस्टर परीक्षाओं के लिए समय निकालना कठिन होगा।
जेईई मेंस के बाद प्रवेश की जिम्मेदारी आईआईटी खड़गपुर, एनआईटी जयपुर को मिली
जेईई मेंस में सफल छात्र एडवांस की परीक्षा में शामिल होते हैं। एडवांस में सफल होने के बाद अच्छी ब्रांच नहीं मिलने पर अभ्यर्थी एनआईटी, ट्रिपलआईटी में प्रवेश को वरीयता देते हैं। इस बार जोसा (ज्वाइंट सीट एलोकेशन एथारिटी) की जिम्मेदारी आईआईटी खड़गपुर को दी गई है। जोसा से सीट आवंटन के बाद बची सीटों पर अंतिम दौर की काउंसलिंग सी-सैब के माध्यम से एनआईटी जयपुर को दी गई है। 2020-21 शैक्षिक सत्र में सी-सैब की जिम्मेदारी एमएनएनआईटी को मिली थी।
विस्तार
यूपी बोर्ड सहित देश के दूसरे सभी शिक्षा बोर्ड की ओर से बारहवीं की परीक्षा को लेकर कोई निर्णय नहीं होने से इस बार भी एमएनएनआईटी, ट्रिपलआईटी सहित दूसरे संस्थानों में शैक्षिक सत्र पिछड़ सकता है। जेईई मेंस की अप्रैल, मई की परीक्षा नहीं होने से आईआईटी, एनआईटी, ट्रिपलआईटी सहित दूसरे केंद्रीय संस्थानों में प्रवेश में देरी होगी। कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने के बाद ही बोर्ड परीक्षाएं कराई जा सकेंगी। बोर्ड परीक्षाओं से मुक्त होने के बाद एनटीए की ओर से जेईई मेंस अप्रैल एवं मई की परीक्षाएं कराई जा सकेंगी।
कोरोना संक्रमण कम होने के बाद ही बोर्ड परीक्षाएं देश भर के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश बारहवीं का परीक्षा परिणाम के बाद होता है। सीबीएसई, आईसीएसई, यूपी बोर्ड सहित देश के अधिकांश राज्य शिक्षा बोर्ड की ओर से अभी बारहवीं की परीक्षा नहीं कराई गई है। उत्तर प्रदेश सहित कुछ राज्यों में जहां कोरोना संक्रमण की गति धीमी पड़ रही है, वहीं दक्षिण के कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण तेज हो रहा है। सीबीएसई की परीक्षाओं को लेकर कोई निर्णय पूरे देश में कोरोना संक्रमण कम होने पर ही लिया जा सकेगा।
परीक्षा में देरी से ऑल इंडिया स्तर के सभी प्रवेश प्रभावित
एमएनएनआईटी के निदेशक प्रो. राजीव त्रिपाठी ने बताया कि बोर्ड परीक्षाओं के साथ ही जेईई मेंस की दो चरण की परीक्षा नहीं हुई है। बोर्ड परीक्षाएं कब होंगी पता नहीं ऐसे में एनआईटी, ट्रिपलआईटी सहित दूसरे केंद्रीय संस्थानों में शैक्षिक सत्र देर से शुरू होना तय है। इंजीनियरिंग के साथ ही बोर्ड परीक्षा में देरी के चलते मेडिकल, लॉ एवं मैनेजमेंट के साथ दूसरी प्रवेश परीक्षाएं भी प्रभावित होंगी। ऑल इंडिया स्तर पर प्रवेश में देरी के चलते शैक्षिक सत्र 2021-22 पूरी तरह से प्रभावित होगा। शैक्षिक सत्र पिछड़ने पर संस्थानों को पुराने शैक्षिक सत्र की वार्षिक सेमेस्टर परीक्षाओं के लिए समय निकालना कठिन होगा।
जेईई मेंस के बाद प्रवेश की जिम्मेदारी आईआईटी खड़गपुर, एनआईटी जयपुर को मिली
जेईई मेंस में सफल छात्र एडवांस की परीक्षा में शामिल होते हैं। एडवांस में सफल होने के बाद अच्छी ब्रांच नहीं मिलने पर अभ्यर्थी एनआईटी, ट्रिपलआईटी में प्रवेश को वरीयता देते हैं। इस बार जोसा (ज्वाइंट सीट एलोकेशन एथारिटी) की जिम्मेदारी आईआईटी खड़गपुर को दी गई है। जोसा से सीट आवंटन के बाद बची सीटों पर अंतिम दौर की काउंसलिंग सी-सैब के माध्यम से एनआईटी जयपुर को दी गई है। 2020-21 शैक्षिक सत्र में सी-सैब की जिम्मेदारी एमएनएनआईटी को मिली थी।
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