कानपुरकानपुर में कोरोना वायरस का संक्रमण इन दिनों ग्रामीण क्षेत्रों में तबाही मचा रहा है। गांवों में मातमी शोर की गूंज है, लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि मातमी शोर गूंज स्वास्थ्य महकमे को नहीं सुनाई दे रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाली मौतों का परिणाम गंगा की रेती में दफन शव और नदियों में बहते लाशों रूप में देखा जा रहा है। बिधनू ब्लॉक के तीन गांव में पिछले डेढ़ महीने में 75 मौतें हो चुकी हैं। गांवों मातम पसरा है। अधिकतर मरने वालों में संक्रमण के लक्षण थे। ग्रामीण क्षेत्रों में वायरस हुआ एक्टिवबिधनू ब्लॉक के चौराई गांव में पिछले डेढ़ महीने में 23 मौतें हो चुकी हैं। जामू गांव में भी 37 ग्रामीणों ने दम तोड़ा है। इसके साथ ही कठारा गांव में 20 ग्रामीणों की मौत हो चुकी है। अधिकतर मरने वाले 60 प्लस थे। ग्रामीणों ने स्वजनों का अंतिम संस्कार अपनी आर्थिक स्थिति के हिसाब से किया है। लगातार हो रही मौतों की वजह से गांव में दहशत का माहौल है। ग्रामीण डरे और सहमे हुए हैं। हर घर में ग्रामीण बीमार पड़े हैं।कानपुर के अन्य ब्लॉकों का भी यही हाल है। बिल्हौर और ककवन ब्लॉक के अलग-अलग गांव में बीते 15 दिनों में 28 ग्रामीणों की मौत हुई है। इसी तरह से चौबेपुर ब्लॉक के विभिन्न गांव में बीते 11 दिनों 23 मौतें हुई हैं। घाटमपुर ब्लॉक के परास गांव में 30 मौतें, जहांगीराबाद गांव में 20 मौतें, भदरस गांव में 40 मौतें, टिकवापुर और गुजेला गांव में 30 मौतें हो चुकी हैं। यही हाल बाकी के ब्लॉकों का है।’रोजाना 250 टेस्ट हो रहे हैं’बिधनू सीएचसी अधीक्षक एसपी यादव का कहना है कि बिधनू ब्लॉक में हुई मौतें संक्रमण से नहीं हुई हैं। गांव-गांव जाकर एंटीजन और आरटी-पीसीआर टेस्ट कराए जा रहे हैं। पॉजिटिव आने पर भी लोग अस्थायी क्वॉरंटाइन सेंटर में नहीं जा रहे हैं। सीएचसी में रोजना 250 एंटीजन और आरटी-पीसीआर टेस्ट किए जा रहे हैं।
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