छतनाग गांव स्थित श्मशान घाट के किनारे रेती मेें अब शव नहीं दफनाए जा सकेंगे। इलाकाई पुलिस ने रविवार को झूंसी श्मशान घाट पहुंचकर निरीक्षण किया। इस दौरान घाटियों को ताकीद किया गया कि अगर कोई भी शव को जलाने की बजाए दफनाता है तो तत्काल पुलिस को सूचना दें। किसी भी सूरत में उन्हें शव दफनाने न दें। झूंसी के श्मशान घाट में रेती में शव दफनाए जाने की खबर रविवार के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित हुई तो झूंसी पुलिस हरकत में आई। इलाके के लोगों ने इसके लिए धन्यवाद ज्ञापित किया है।
झूंसी के छतनाग गांव स्थित श्मशान घाट पर बेखौफ तरीके से रेती में शव भी दफनाए जा रहे थे। लोग मनमाने तरीके से मां गंगा को बुरी तरह प्रदूषित करने में जुटे हुए थे। छतनाग श्मशान घाट पर झूंसी के अलावां जौनपुर, प्रतापगढ़, हंडिया, गोपीगंज, ज्ञानपुर, बरौत, बादशाहपुर समेत कई शहरों से लोग शवों का अंतिम संस्कार करने आते हैं। घाट के किनारे शव को जलाने के लिए लकड़ियों की भी कई टाल हैं। इसके बावजूद कोरोना के बढ़ते संक्रमण और लोगों की भारी संख्या में हुई मौत के दौरान चंद पैसे बचाने के लिए लोग मां गंगा को प्रदूषित करने में जुटे हुए हैं। घाट पर मां गंगा की अविरल धारा से महज दो सौ मीटर दूर पर ही तकरीबन एक किलोमीटर की एरिया में सौ से ज्यादा लाशें बेखौफ दफनाई गई हैं।
इससे छतनाग गांव समेत आसपास के लोग हतप्रभ हैं। रविवार को इससे जुड़ी खबर झूंसी में रेती में दफना दिए सैकड़ों शव शीर्षक से प्रकाशित हुई तो हड़कंप मच गया। पूरे मामले को प्रशासन और पुलिस के आला अफसरों ने तत्काल संज्ञान में लिया। तकरीबन आठ बजे सुबह इंसपेक्टर झूंसी शमशेर बहादुर सिंह पुलिस फोर्स के साथ श्मशान घाट पहुंचे तथा रेती में गाड़े गए शवों को देखा। पुलिस भी भारी संख्या में रेती में गाड़े गए शवों को देख सन्न रह गई। तत्काल घाटियों और लकड़ी बेचने वालों को बुलाकर ताकीद किया गया कि आगे से कोई भी शव दफनाने आता है तो उसे रोक दें। फिर भी न माने तो पुलिस को सूचना दें। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
छतनाग श्मशान घाट पर लगाया जाएगा बैनर
छतनाग के श्मशान घाट पर जहां शवों को दफनाया गया है। वहां पर जल्द ही बैनर लगाकर शवों को दफनाने से रोकने का प्रयास किया जाएगा। बैनर में साफ लिखा होगा कि यहां शव न दफनाए। नियत स्थान पर शव को ले जाकर जलाएं। शवों के अंतिम संस्कार में अगर कोई आर्थिक दिक्कत हो तो नगर निगम के अफसरों से संपर्क करें। उन्हें नगर निगम की ओर से अंतिम संस्कार के लिए पांच हजार रुपये उपलब्ध कराया जाएगा।
हनुमानगंज के लीलापुरकला घाट में भी कब्रिस्तान जैसा हाल, सैकड़ों शव दफनाए गए
छतनाग के श्मशान घाट की तरह ही हनुमानगंज के लीलापुर कला घाट पर भी सैकड़ों शवों को रेती में दफनाया गया है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के दौरान यहां के हालात और खराब हो गए हैं। अप्रैल से मई के पहले सप्ताह तक सैकड़ों शव लाकर घाट किनारे दफनाए गए हैं। ग्रामीणों की माने तो अप्रैल माह में रोजाना आठ से दस शव लीलापुरकला घाट श्मशान घाट पर लाकर दफनाए गए हैं। संक्रमण कम होने पर अब थोड़ी राहत है।
Nationalism Always Empower People
More Stories
Jhansi पुलिस और एसओजी की जबरदस्त कार्रवाई: अपहृत नर्सिंग छात्रा नोएडा से सकुशल बरामद
Mainpuri में युवती की हत्या: करहल उपचुनाव के कारण सियासी घमासान, सपा और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप
Hathras में खेत बेचने के नाम पर लाखों की ठगी, पुलिस ने सात आरोपियों के खिलाफ दर्ज किया मुकदमा