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खत्म होने का नाम नहीं ले रहा अखाड़े का दंगल : आनंद गिरी बोले- गुरुजी के आचरण, महंगे शौक से बर्बाद हो रहा मठ

योगगुरु स्वामी आनंद गिरि ने अपने गुरु अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के नए चौंकाने वाले शौक से लेकर उनके आचरण तक पर अंगुली उठाई है। उनका कहना है कि मठ, अखाड़े की बेशकीमती जमीन बेचकर करोड़ों रुपये कहां खर्च करते थे, पता नहीं। सीएम को भेजे पत्र में उन्होंने कहा, वर्ष भर पहले पैसे की जरूरत बताकर लीज निरस्त कराने के लिए दबाव बनाने पर बोले थे, जमीन तो बेचनी ही पड़ेगी। उनके ड्राइवर और सुरक्षा गार्ड के नाम करोड़ों के मकान, फ्लैट हैं।सिपाही अजय सिंह के नाम मठ के पास बिकी जमीन पर दो बड़े फ्लैट हैं। उसके नाम पर कई बेनामी संपत्ति भी खरीदी गई है। विपिन सिंह ड्राइवर को बड़ा मकान बनाकर दिया है। इससे पहले विद्यार्थी रामकृष्ण पांडेय को बड़ा मकान बनाकर देने के साथ ही मंदिर में दुकान भी दी गई। विद्यार्थी विवेक मिश्रा, मनीष शुक्ला के नाम से भी बड़ी जमीन खरीदवाने सहित उसे एक बड़ा मकान बनाकर दे दिया। अभिषेक मिश्रा को भी एक बड़ा मकान बनवा कर दिया है। मिथिलेश पांडेय को भी एक मकान और जमीन खरीदने के लिए पैसे दिए।
मठ और अखाड़े की अरबों रुपये की जमीनें बिकीं
स्वामी आनंद गिरि ने सोमवार को बाघंबरी गद्दी और निरंजनी अखाड़े की अरबों रुपये की जमीन बेचने का खुलासा किया। कहा, वर्ष 2004 में मठ बाघंबरी गद्दी का महंत बनने के बाद उन्होंने पहले मठ के विद्यालय की जमीन बेची। इसे लेकर उनको महंतई से हटाने की कार्रवाई की जाने लगी। उन्हें थानापति बनाकर बड़ोदरा में अखाड़े के मंदिर में पुजारी के रूप में नियुक्त किया गया, फिर गिड़गिड़ाने पर बाघंबरी गद्दी बुला लिया गया। वर्षों बाद रेलवे के आईजी रहे आरएन सिंह से उनके गुरु की करीबी हो गई। आईजी से भी मठ की जमीन का सौदा उन्होंने कर लिया। सीएम मुलायम सिंह यादव को जानकारी मिलने पर उन्होंने आईजी को निलंबित कर दिया और बाघंबरी गद्दी मठ की रक्षा हो सकी। वर्ष 2011 में सपा नेता महेश नारायण सिंह के माध्यम से शैलेंद्र सिंह नामक व्यक्ति को मठ की करीब सात बीघा भूमि 40 करोड़ में बेच दी। फिर वर्ष 2018 में उन्होंने मठ की जमीन का सौदा किया, लेकिन विरोध करने पर 1200 वर्गगज गोशाला की भूमि उनके नाम पर लीज कर दी। कहा, इस पर भविष्य में तुम्हारे नाम पर पेट्रोल पंप खोल देंगे। फिर लीज कैंसिल करने को क हा। ऐसा न करने पर विवाद बढ़ गया। इसके अलावा मांडा, रायबरेली, करछना में भी अरबों की जमीन बेची गइ।शिकायत सीएम से की गई है, तो मैं क्या कर सकता हूं। मुख्यमंत्री जी जांच कराएंगे तो जो सामने आएगा, देखा जाएगा। इस प्रकरण पर अभी मैं कुछ नहींबोलूंगा। – महंत नरेंद्र गिरि, अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद।

योगगुरु स्वामी आनंद गिरि ने अपने गुरु अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के नए चौंकाने वाले शौक से लेकर उनके आचरण तक पर अंगुली उठाई है। उनका कहना है कि मठ, अखाड़े की बेशकीमती जमीन बेचकर करोड़ों रुपये कहां खर्च करते थे, पता नहीं। सीएम को भेजे पत्र में उन्होंने कहा, वर्ष भर पहले पैसे की जरूरत बताकर लीज निरस्त कराने के लिए दबाव बनाने पर बोले थे, जमीन तो बेचनी ही पड़ेगी। उनके ड्राइवर और सुरक्षा गार्ड के नाम करोड़ों के मकान, फ्लैट हैं।

सिपाही अजय सिंह के नाम मठ के पास बिकी जमीन पर दो बड़े फ्लैट हैं। उसके नाम पर कई बेनामी संपत्ति भी खरीदी गई है। विपिन सिंह ड्राइवर को बड़ा मकान बनाकर दिया है। इससे पहले विद्यार्थी रामकृष्ण पांडेय को बड़ा मकान बनाकर देने के साथ ही मंदिर में दुकान भी दी गई। विद्यार्थी विवेक मिश्रा, मनीष शुक्ला के नाम से भी बड़ी जमीन खरीदवाने सहित उसे एक बड़ा मकान बनाकर दे दिया। अभिषेक मिश्रा को भी एक बड़ा मकान बनवा कर दिया है। मिथिलेश पांडेय को भी एक मकान और जमीन खरीदने के लिए पैसे दिए।

मठ और अखाड़े की अरबों रुपये की जमीनें बिकीं
स्वामी आनंद गिरि ने सोमवार को बाघंबरी गद्दी और निरंजनी अखाड़े की अरबों रुपये की जमीन बेचने का खुलासा किया। कहा, वर्ष 2004 में मठ बाघंबरी गद्दी का महंत बनने के बाद उन्होंने पहले मठ के विद्यालय की जमीन बेची। इसे लेकर उनको महंतई से हटाने की कार्रवाई की जाने लगी। उन्हें थानापति बनाकर बड़ोदरा में अखाड़े के मंदिर में पुजारी के रूप में नियुक्त किया गया, फिर गिड़गिड़ाने पर बाघंबरी गद्दी बुला लिया गया। वर्षों बाद रेलवे के आईजी रहे आरएन सिंह से उनके गुरु की करीबी हो गई। आईजी से भी मठ की जमीन का सौदा उन्होंने कर लिया। सीएम मुलायम सिंह यादव को जानकारी मिलने पर उन्होंने आईजी को निलंबित कर दिया और बाघंबरी गद्दी मठ की रक्षा हो सकी। वर्ष 2011 में सपा नेता महेश नारायण सिंह के माध्यम से शैलेंद्र सिंह नामक व्यक्ति को मठ की करीब सात बीघा भूमि 40 करोड़ में बेच दी। फिर वर्ष 2018 में उन्होंने मठ की जमीन का सौदा किया, लेकिन विरोध करने पर 1200 वर्गगज गोशाला की भूमि उनके नाम पर लीज कर दी। कहा, इस पर भविष्य में तुम्हारे नाम पर पेट्रोल पंप खोल देंगे। फिर लीज कैंसिल करने को क हा। ऐसा न करने पर विवाद बढ़ गया। इसके अलावा मांडा, रायबरेली, करछना में भी अरबों की जमीन बेची गइ।शिकायत सीएम से की गई है, तो मैं क्या कर सकता हूं। मुख्यमंत्री जी जांच कराएंगे तो जो सामने आएगा, देखा जाएगा। इस प्रकरण पर अभी मैं कुछ नहींबोलूंगा। – महंत नरेंद्र गिरि, अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद।