अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के करीबी शिष्य संगम स्थित बड़े हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक स्वामी आनंद गिरि को पंचायती अखाड़ा निरंजनी से निष्कासित कर दिया गया है। संन्यास धारण करने के बाद आनंद गिरि की पारिवारिक मायामोह में फंसने की शिकायतें मिली थीं। इसके बाद अखाड़े की पंच परमेश्वर कमेटी ने इसकी जांच की। जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद अखाड़े की कार्यकारिणी ने हरिद्वार में बैठक कर निष्कासन का निर्णय लिया गया। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने शुक्रवार को निष्कासन की कार्रवाई की पुष्टि की।निरंजनी अखाड़े की ओर से उनके निष्कासन संबंधी पत्र जारी कर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि संन्यास धारण करने के बावजूद अपने परिवार से संबंध रखने के कारण उन्हें निष्कासित किया गया है। अखाड़े की इस कार्रवाई के बाद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने आनंद गिरि को बाघंबरी गद्दी मठ और संगम स्थित बड़े हनुमान मंदिर की व्यवस्थाओं से भी उनको अलग कर दिया है।
स्वामी आनंद गिरि पर बाघंबरी गद्दी और हनुमान मंदिर से अर्जित धन घर भेजने का भी आरोप है।निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्रपुरी के मुताबिक अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि का पंच परमेश्वरों को पत्र मिला था। पत्र में संत आनंद गिरि के संन्यास परंपरा के उल्लंघन की शिकायत की गई थी। इसके बाद अखाड़े के पंच परमेश्वरों से इस प्रकरण की जांच कराई गई। जांच में आनंद गिरि के पारिवारिक संबंधों का खुलासा होने के साथ ही हनुमान मंदिर से अर्जित धनराशि घर भेजने की पुष्टि हुई। सचिव महंत रविंद्रपुरी ने बताया कि पंच परमेश्वरों की जांच के बाद अखाड़ा कार्यकारिणी पदाधिकारियों की हरिद्वार के अष्टकौशल मायापुर में बैठक हुई। इसमें सर्वसम्मति से आनंद गिरि को अखाड़ा से बाहर करने का प्रस्ताव पारित हुआ। इस संबंध में आनंद गिरि से फोन और व्हाट्सएप पर संपर्क साधा गया, लेकिन उनका पक्ष नहीं मिल सका।
नरेंद्र गिरि से सबसे करीबी शिष्यों में शामिल थे स्वामी आनंद
प्रयागराज। स्वामी आनंद गिरि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के सबसे करीबी शिष्यों में गिने जाते रहे हैं। हाल केकुछ वर्षों से महंत
नरेंद्र गिरि का उत्तराधिकारी भी उन्हें कहा जाने लगा था। बीते वर्ष नोएडा में हनुमान मंदिर महंत आनंद गिरि को सौंपा गया था। आनंद गिरि बांघबरी गद्दी
मठ और संगम केबड़े हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक के तौर पर अब तक जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
आस्ट्रेलिया में शिष्याओं से मारपीट के आरोप में गिरफ्तारी के बाद सुर्खियों में आए थे आनंद गिरि
प्रयागराज। योग गुरु स्वामी आनंद गिरि आस्ट्रेलिया में अपनी दो महिला शिष्याओं के साथ मारपीट और अभद्रता के आरोप में वर्ष 2019 में गिरफ्तारी ते
बाद अचानक सुर्खियों में आ गए थे। वर्ष 2016 और 2018 में अपनी शिष्याओं के साथ मारपीट और बदसलूकी के पुराने मामले में आस्ट्रेलिया की पुलिस ने उनको गिरफ्तार किया था। सिडनी की एक अदालत ने उनको बरी कर दिया था।संत आनंद गिरि अखाड़ा से पिछले 12 साल से जुड़े रहे। महंत नरेंद्र गिरि का कुछ रोज पहले पत्र मिला। जिसमें संत आनंद गिरि को पारिवारिक संबंध होने के कारण मंदिर से हटाने का जिक्र किया था और अखाड़ा स्तर पर भी इसकी जांच करवाने की बात कही गई थी। संत आनंद गिरि पर लगे आरोप सही पाए गए और उनको अखाड़ा से बाहर कर दिया। महंत रविंद्रपुरी, सचिव निरंजनी अखाड़ा।स्वामी आनंद गिरि की अपने घर-परिवार से संबंध रखने की शिकायतें मिली थीं। इसके बाद अखाड़े की ओर से जांच कराकर उनके निष्कासनका निर्णय लिया गया है। महंत नरेंद्र गिरि, अध्यक्ष, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद।
की पुलिस ने उनको गिरफ्तार किया था। सिडनी की एक अदालत ने उनको बरी कर दिया था।संत आनंद गिरि अखाड़ा से पिछले 12 साल से जुड़े रहे। महंत नरेंद्र गिरि का कुछ रोज पहले पत्र मिला। जिसमें संत आनंद गिरि को पारिवारिक संबंध होने के कारण मंदिर से हटाने का जिक्र किया था और अखाड़ा स्तर पर भी इसकी जांच करवाने की बात कही गई थी। संत आनंद गिरि पर लगे आरोप सही पाए गए और उनको अखाड़ा से बाहर कर दिया। महंत रविंद्रपुरी, सचिव निरंजनी अखाड़ा।स्वामी आनंद गिरि की अपने घर-परिवार से संबंध रखने की शिकायतें मिली थीं। इसके बाद अखाड़े की ओर से जांच कराकर उनके निष्कासनका निर्णय लिया गया है। महंत नरेंद्र गिरि, अध्यक्ष, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि करीबी शिष्य संगम स्थित बड़े हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक स्वामी आनंद गिरि को पंचायती अखाड़ा निरंजनी से निष्कासित कर दिया गया है।
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