गोरखपुरगोरखपुर के पाली ब्लॉक के एक गांव में पिछले 27 दिनों के दौरान 10 मौतों के बाद सन्नाटा पसरा हुआ है। कोरोना और अन्य वजहों से हुई मौतों के कारण लोग दहशत में हैं। मेडिकल टीम के डॉक्टरों का कहना है कि सभी की जांच कराई जा रही है।15 अप्रैल को पहली मौतगोरखपुर से 30 किलोमीटर दूर पाली ब्लॉक के चडराव गांव में पिछले 27 दिनों में 10 मौतों के बाद गांव में मौत का सन्नाटा पसरा हुआ है। तीन हजार की आबादी वाले इस गांव में पहली मौत 15 अप्रैल को हुई थी, तब लोगों को जरा भी अंदेशा नहीं था कि गांव में किसी अनहोनी की शुरुआत होने वाली है, लेकिनसिलसिला शुरू हुआ जो अब तक बदस्तूर जारी है।प्रधान बोले…गांव के प्रधान अष्टभुजा सिंह का कहना है कि चुनाव के दूसरे दिन से मौत का यह तांडव शुरू हुआ जो अब तक जारी है। गांव में धीरे-धीरे 10 लोगों की मौत के बाद खौफ का माहौल है। किसी की मां, किसी का बेटा, किसी का भाई तो किसी की बहन की मौत ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। 5 की कोरोना रिपोर्ट थी पॉजिटिवपिछले 10 साल से जिला पंचायत सदस्य रहे गांव के ही भगवान सिंह बताते हैं कि इससे पहले अब तक एक साथ इतनी मौतें नहीं देखी थीं। उनका कहना है कि ज्यादातर मौतें पंचायत चुनाव के बाद हुई हैं। 10 मौतों में से 4 जिला अस्पताल में हुई हैं, जिनकी कोरोना जांच हुई थी। ये सभी पॉजिटिव पाए गए थे। शेष की मौत गांव में ही हुई है, जिनकी जांच नहीं हो पाई थी। बाहर से आने वालो की नहीं हुई जांच3000 की आबादी वाले इस गांव में ज्यादातर लोग बाहर रह कर कमाते हैं। 75% मौतों में लोगों को सर्दी जुकाम और बुखार था। बाहर से आने वाले किसी भी व्यक्ति की जांच नहीं कराई गई थी। इतनी मौतों के बाद अब जाकर स्वास्थ्य टीम गांव में आई है। इसके पहले ना तो कोई टीम आई थी और ना ही किसी की एंटीजिन या आरटी-पीसीआर जांच कराई गई थी।लोग जांच कराने से कतरा रहे: डॉ. राजन अरुणस्वास्थ्य टीम का नेतृत्व करने वाले डॉ. राजन अरुण बताते हैं कि सूचना मिलते ही टीम गांव में पहुंची है। अब तक 60 लोगों के नमूने लिए गए हैं। सबकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है, जिन परिवारों में मौत हुई है, उनके घर के सभी सदस्यों की सैंपलिंग जांच के लिए भेजी गई है, ज्यादातर लोगों को सर्दी जुकाम और बुखार है। हम कई जगह गांव में गए, लेकिन ज्यादातर लोग जांच कराने से कतरा रहे हैं।गांवों में भेजी जा रही है टीम: सीएमओसीएमओ सुधाकर पांडेय का कहना है कि गांवों में ब्लॉक और स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच व दवा की व्यवस्था है, जिन गांवों में ज्यादा दिक्कत है, वहां स्वास्थ्य टीम भेजी जा रही है। जांच के बाद उन्हें दवाएं और उचित डॉक्टरी सलाह दी जा रही है, जो मरीज गंभीर हैं, उन्हे अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है।
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