एसडीएम ने स्टोर मालिक को नोटिस देकर तीन दिन में मांगा जवाबड्रग इंस्पेक्टर की तहरीर में स्टोर मालिक पर कालाबाजारी और जमाखोरी के संगीन आरोप
बरेली। कोरोना के दौर में सर्जिकल सामान की कालाबाजारी और जमाखोरी के साथ कई साजो-सामान की रीपैकिंग कर उस पर ज्यादा कीमत के लेवल जैसे गंभीर मामले में बृहस्पतिवार देर रात जिला प्रशासन के निर्देश पर डीडीपुरम के मेहता सर्जिकल स्टोर के खिलाफ थाना प्रेमनगर में एफआईआर दर्ज कर ली गई। इसके साथ एसडीएम की ओर से स्टोर मालिक को नोटिस देकर तीन दिन में जवाब मांगा गया है।एसडीएम सदर विशु राजा ने बुधवार दोपहर एफएसडीए अधिकारियों के साथ मेहता सर्जिकल स्टोर पर छापा मारा था जहां तमाम गड़बड़ियां मिली थी। पीपीई किट को रीपैक कर उस पर सौ के बजाय 19 सौ रुपये का लेबल लगाया जा रहा था। तमाम और स्टॉक के बिल और हिसाब-किताब न मिलने पर एसडीएम ने कारोबार पर रोक लगाकर स्टोर और उसका गोदाम सील करा दिया था। गुरुवार शाम एसडीएम कार्यालय ने प्रेमनगर पुलिस को पत्र लिखकर मेहता सर्जिकल स्टोर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए। पत्र में यह भी कहा गया है कि थाना प्रभारी क्षेत्र में निरंतर दौरा कर यह सुनिश्चित करें कि आपदा के इस समय में कोई भी सेवा प्रदाता आपदा अधिनियम का उल्लंघन न कर पाए। इंस्पेक्टर प्रेमनगर अवनीश यादव ने बताया कि तहरीर मिली है रिपोर्ट दर्ज की जा रही है।
एसडीएम के पत्र में संगीन आरोप फिर भी एफआईआर में नाम नहीं
औषधि निरीक्षक उर्मिला वर्मा की ओर से दी गई है पुलिस को तहरीरबरेली। एसडीएम की ओर से इंस्पेक्टर प्रेमनगर को लिखी चिट्ठी में मेहता सर्जिकल स्टोर पर कोरोना आपदा के दौरान संगीन किस्म की गड़बड़ियां किए जाने का तो लंबा जिक्र है लेकिन फिर भी स्टोर मालिक का नाम एफआईआर से गायब है।एसडीएम के पत्र के मुताबिक मेहता सर्जिकल स्टोर पर आवश्यक मेडिकल उपकरणों और दूसरे संसाधनों का अवैध भंडारण कर उनकी कालाबाजारी की जा रही थी। छापे के दौरान स्टोर मालिक लाइसेंस से संबंधित कोई भी रिकॉर्ड नहीं दिखा पाए और न सामान की खरीदफरोख्त का हिसाब दे पाए। इससे साफ है कि गोदाम अवैध रूप से चलाया जा रहा है। छापे में सर्जिकल उपकरण, मास्क, पीपीई किट, डैड बॉडी कवर, आइसोलेशन प्रोटेक्शन किट, ग्लब्स, सैनिटाइजर जैसी कई वस्तुएं मौके पर मिलीं जिनकी सूची फार्म 16ए और फार्म 17 पर संलग्न है। स्टोर मालिक ने इस स्टॉक की खरीद का कोई अभिलेख प्रस्तुत नहीं किया जिससे साफ है कि इस पूरी खरीद में वित्तीय, प्रशासनिक और टैक्स संबंधी नियमों की अनदेखी की गई है। इस विकट आपदा में यह न सिर्फ धोखाधड़ी और सरकारी विनियमों के उल्लंघन की श्रेणी में आता है बल्कि मानवीय मूल्यों के हनन का भी प्रमाण है।एसडीएम की चिट्ठी में कहा गया है कि स्टोर में पीपीई किट, सैनेटाइजर और दूसरे उपकरण बिना लेबल के पाए गए। स्टोर के कर्मचारी इन उपकरणों की रीलेबलिंग और रीपैकेजिंग करते पाए गए, जिससे साफ है कि फर्म की मंशा एक्सापायरी डेट के उपकरणों को बाजार में खपाने और घटिया सामान को भी ज्यादा रेट पर बेचकर बड़ा मुनाफा कमाने की थी। स्टोर मालिक पिछले दो महीने में बेचे गए कोविड से संबंधित सर्जिकल उपकरणों के बिल भी प्रस्तुत नहीं कर पाए। जबकि वे जानते थे कि घटिया और बिना बिल के उपकरणों को बेचने से जन स्वास्थ्य और सरकारी राजस्व को हानि पहुंचने की प्रबल आशंका है।
एसडीएम ने स्टोर मालिक को नोटिस देकर तीन दिन में मांगा जवाब
ड्रग इंस्पेक्टर की तहरीर में स्टोर मालिक पर कालाबाजारी और जमाखोरी के संगीन आरोप
बरेली। कोरोना के दौर में सर्जिकल सामान की कालाबाजारी और जमाखोरी के साथ कई साजो-सामान की रीपैकिंग कर उस पर ज्यादा कीमत के लेवल जैसे गंभीर मामले में बृहस्पतिवार देर रात जिला प्रशासन के निर्देश पर डीडीपुरम के मेहता सर्जिकल स्टोर के खिलाफ थाना प्रेमनगर में एफआईआर दर्ज कर ली गई। इसके साथ एसडीएम की ओर से स्टोर मालिक को नोटिस देकर तीन दिन में जवाब मांगा गया है।
एसडीएम सदर विशु राजा ने बुधवार दोपहर एफएसडीए अधिकारियों के साथ मेहता सर्जिकल स्टोर पर छापा मारा था जहां तमाम गड़बड़ियां मिली थी। पीपीई किट को रीपैक कर उस पर सौ के बजाय 19 सौ रुपये का लेबल लगाया जा रहा था। तमाम और स्टॉक के बिल और हिसाब-किताब न मिलने पर एसडीएम ने कारोबार पर रोक लगाकर स्टोर और उसका गोदाम सील करा दिया था। गुरुवार शाम एसडीएम कार्यालय ने प्रेमनगर पुलिस को पत्र लिखकर मेहता सर्जिकल स्टोर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए। पत्र में यह भी कहा गया है कि थाना प्रभारी क्षेत्र में निरंतर दौरा कर यह सुनिश्चित करें कि आपदा के इस समय में कोई भी सेवा प्रदाता आपदा अधिनियम का उल्लंघन न कर पाए। इंस्पेक्टर प्रेमनगर अवनीश यादव ने बताया कि तहरीर मिली है रिपोर्ट दर्ज की जा रही है।
एसडीएम के पत्र में संगीन आरोप फिर भी एफआईआर में नाम नहीं
औषधि निरीक्षक उर्मिला वर्मा की ओर से दी गई है पुलिस को तहरीर
बरेली। एसडीएम की ओर से इंस्पेक्टर प्रेमनगर को लिखी चिट्ठी में मेहता सर्जिकल स्टोर पर कोरोना आपदा के दौरान संगीन किस्म की गड़बड़ियां किए जाने का तो लंबा जिक्र है लेकिन फिर भी स्टोर मालिक का नाम एफआईआर से गायब है।
एसडीएम के पत्र के मुताबिक मेहता सर्जिकल स्टोर पर आवश्यक मेडिकल उपकरणों और दूसरे संसाधनों का अवैध भंडारण कर उनकी कालाबाजारी की जा रही थी। छापे के दौरान स्टोर मालिक लाइसेंस से संबंधित कोई भी रिकॉर्ड नहीं दिखा पाए और न सामान की खरीदफरोख्त का हिसाब दे पाए। इससे साफ है कि गोदाम अवैध रूप से चलाया जा रहा है। छापे में सर्जिकल उपकरण, मास्क, पीपीई किट, डैड बॉडी कवर, आइसोलेशन प्रोटेक्शन किट, ग्लब्स, सैनिटाइजर जैसी कई वस्तुएं मौके पर मिलीं जिनकी सूची फार्म 16ए और फार्म 17 पर संलग्न है। स्टोर मालिक ने इस स्टॉक की खरीद का कोई अभिलेख प्रस्तुत नहीं किया जिससे साफ है कि इस पूरी खरीद में वित्तीय, प्रशासनिक और टैक्स संबंधी नियमों की अनदेखी की गई है। इस विकट आपदा में यह न सिर्फ धोखाधड़ी और सरकारी विनियमों के उल्लंघन की श्रेणी में आता है बल्कि मानवीय मूल्यों के हनन का भी प्रमाण है।
एसडीएम की चिट्ठी में कहा गया है कि स्टोर में पीपीई किट, सैनेटाइजर और दूसरे उपकरण बिना लेबल के पाए गए। स्टोर के कर्मचारी इन उपकरणों की रीलेबलिंग और रीपैकेजिंग करते पाए गए, जिससे साफ है कि फर्म की मंशा एक्सापायरी डेट के उपकरणों को बाजार में खपाने और घटिया सामान को भी ज्यादा रेट पर बेचकर बड़ा मुनाफा कमाने की थी। स्टोर मालिक पिछले दो महीने में बेचे गए कोविड से संबंधित सर्जिकल उपकरणों के बिल भी प्रस्तुत नहीं कर पाए। जबकि वे जानते थे कि घटिया और बिना बिल के उपकरणों को बेचने से जन स्वास्थ्य और सरकारी राजस्व को हानि पहुंचने की प्रबल आशंका है।
मेहता सर्जिकल स्टोर को नोटिस जारी कर तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा गया है। उसके खिलाफ औधषि निरीक्षक ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। -विशु राजा, एसडीएम
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