प्रयागराज/लखनऊउत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के दौरान जान गंवाने वाले कर्मचारियों का मुआवजा कम होने की बात कहते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश की योगी सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा है कि ऐसे कर्मचारियों को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाने पर विचार होना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा है कि ऐसे कर्मचारियों को मजबूर किया गया था कि वो चुनाव में ड्यूटी करें। इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका की सुनवाई के दौरान जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजीत कुमार की खंडपीठ ने कहा कि प्रदेश में पंचायत चुनाव की ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले लोगों को 1 करोड़ रुपये मुआवजा देने पर विचार होना चाहिए। सरकार ने कहा- अभी दे रहे 30 लाख मुआवजाकोर्ट को सरकार के वकील ने बताया कि ऐसे लोगों को 30 लाख रुपये की राशि मुआवजे के तौर पर दी जा रही है। इसपर खंडपीठ ने कहा कि इसे 1 करोड़ रुपये करने पर विचार किया जाना चाहिए। ‘ड्यूटी के लिए लोगों को किया गया मजबूर’कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में यह भी कहा कि जिन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई, उनके लिए ये फैसला ऐच्छिक नहीं था। ऐसे कर्मचारियों को कोरोना में ड्यूटी के लिए मजबूर किया गया, ऐसे में इन्हें 1 करोड़ रुपये मुआवजा देने पर विचार होना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि राज्य चुनाव आयोग और सरकार मुआवजे की राशि बढ़ाने पर विचार करेगी और इस मुद्दे पर अगली तारीख में और बातचीत की जाएगी।
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