हाइलाइट्स:अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) कैंपस में कोरोना वायरस के नए वेरियंट से संक्रमण फैलने की आशंका हैयूनिवर्सिटी के वीसी ने आईसीएमआर को पत्र लिखकर नए वेरियंट की जांच करने का अनुरोध किया हैपिछले 22 दिनों में यूनिवर्सिटी कैंपस में कोविड से 16 से ज्यादा प्रफेसर्स और करीब 25 नॉन टेक्निकल स्टाफ की मौत हुईअलीगढ़अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) कैंपस में कोरोना वायरस के नए वेरियंट से संक्रमण फैलने की आशंका है। यूनिवर्सिटी के वीसी ने आईसीएमआर को पत्र लिखकर नए वेरियंट की जांच करने का अनुरोध किया है। पिछले 22 दिनों में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी कैंपस में कोविड से 16 से ज्यादा कार्यरत प्रफेसर्स और करीब 25 नॉन टेक्निकल स्टाफ की मौत हुई है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जेएन मेडिकल कॉलेज में रेजिडेंट डॉक्टर समेत कुछ सीनियर डॉक्टर और उनके परिवार वाले भी कोविड की चपेट में हैं।एएमयू के वीसी तारिक मंसूर ने रविवार को आईसीएमआर के डीजी को पत्र लिखा। इसमें लिखा है कि संदेह बढ़ रहा है कि अलीगढ़ के सिविल लाइंस एरिया में वायरस का कोई खास वेरियंट फैल रहा है। एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायॉलजी डिपार्टमेंट की कोविड-19 टेस्टिंग के लिए अप्रूव्ड लैब ने सैंपल भी भेजे हैं। आईसीएमआर गाइडलाइंस के हिसाब से वायरल की जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए ये सैंपल सीएसआईआर को भेजे गए हैं। वीसी ने आईसीएमआर डीजी से अनुरोध किया कि इसकी जांच कराई जाए। सोमवार रात आईसीएमआर डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने एएमयू वीसी से बात भी की।AMU में एक और प्रोफेसर की कोरोना संक्रमण से मौत, सीएम योगी ने की कुलपति से बातआईसीएमआर के संक्रामक रोग विभाग के साइंटिस्ट समीरन पांडा ने कहा कि जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए सैंपल मिले हैं और लैब में जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के नए वेरियंट भारत में कई जगह पर पाए गए हैं, क्योंकि इस वायरस का म्यूटेंट बनता जाता है। महाराष्ट्र से लेकर पश्चिम बंगाल तक में वेरियंट मिला है। अलीगढ़ में भी वेरियंट हो सकता है क्योंकि वायरस जब फैलता है तो म्यूटेंट बनता ही है। नया म्यूटेंट जो तेजी से फैलता है, वह पुराने म्यूटेंट की जगह ले लेता है। वैसे कोई भी म्यूटेंट हो, सबके फैलने का तरीका एक ही है। सबसे बचाव का एक ही उपाय है। मास्क लगाएं, सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करें और वैक्सिनेशन पर जोर दें।’ऑक्सिजन-दवाओं की कमी से ज्यादा मौतें’एएमयू के कुछ प्रफेसर्स लगातार हो रही मौतों को लेकर सिस्टम पर भी सवाल उठा रहे हैं। हिस्ट्री डिपार्टमेंट के प्रफेसर नदीम रिजवी ने कहा कि जेएन मेडिकल कॉलेज कैंपस के स्टाफ का ध्यान रखता है। कोविड से मौत कम, बल्कि ऑक्सिजन-दवाइयों की कमी और मेडिकल सुविधाओं के अभाव में ज्यादा मौतें हुई हैं। सबको पता था कि कोरोना की दूसरी लहर आएगी पर इसके लिए तैयारी नहीं की गई। मेडिकल कॉलेज को तैयार क्यों नहीं किया गया ताकि वह महामारी को हैंडल कर सके।अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय
Nationalism Always Empower People
More Stories
Rishikesh में “अमृत कल्प” आयुर्वेद महोत्सव में 1500 चिकित्सकों ने मिलकर बनाया विश्व कीर्तिमान, जानें इस ऐतिहासिक आयोजन के बारे में
Jhansi पुलिस और एसओजी की जबरदस्त कार्रवाई: अपहृत नर्सिंग छात्रा नोएडा से सकुशल बरामद
Mainpuri में युवती की हत्या: करहल उपचुनाव के कारण सियासी घमासान, सपा और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप