गोरखपुरउत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में पंचायत चुनाव से लेकर अभी तक 50 शिक्षक और शिक्षणेत्तर कार्य में शामिल लोगों की मौत हो गई। शिक्षकों के मौत के बाद परिजन लगातार मुआवजा की मांग कर रहे थे, जिसके बाद गोरखपुर बीएसए ने मृतक शिक्षक एवं शिक्षक कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देने का फैसला लिया है। बीएसए ने इसके लिए बाकायदा 4 सदस्यों की कमेटी भी गठित की है।बता दें कि जिले के परिषदीय विद्यालयों के 50 शिक्षक और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हो चुकी है, जिसके बाद इन टीचर्स के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी तथा जीपीएफ, बीमा और अन्य देयकों के भुगतान करने का फैसला लिया है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने पहल करते हुए जिले के खंड शिक्षा अधिकारियों को अपने-अपने ब्लॉक के मृतक शिक्षकों की सूची और उनसे संबंधित जरूरी कागजात को 17 मई तक उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। इसके अलावा बीएसए ने मृतक शिक्षकों के परिजनों को नौकरी और अन्य देयकों के लिए नोडल अधिकारी के नेतृत्व में एक चार सदस्यीय कमेटी गठित की है। इस कमेटी का प्रभारी कैंपियरगंज के बीईओ सुबास गुप्ता को बनाया गया है। इसके अलावा अन्य ब्लॉक के बीईओ, पटल सहायक फैसल हसन सिद्दकी और मिथिलेश नंदन सहयोगी के तौर पर कमेटी में शामिल किए गए हैं। कमेटी के चारों अधिकारी मृतक शिक्षकों का ब्योरा तैयार कर शासन को भेजेंगे, ताकि मृतक के आश्रितों को जल्द नौकरी मिल सके।उधर, बीएसए बीएन सिंह ने बताया कि कोरोना से मृतक शिक्षकों एवं कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी और देयकों के भुगतान के लिए एक कमेटी बनाई गई है। समय से यह प्रक्रिया पूरी करने के लिए नोडल अधिकारी नियमित जांच करेंगे। इसके अलावा खंड शिक्षक अधिकारी एक्टिव होकर अपने ब्लॉक के मृतक शिक्षकों के सभी डिटेल उपलब्ध कराएंगे।
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