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कानपुर: ऑक्सिजन सिलिंडर की कालाबाजारी… 55 हजार में बड़े और 40, 000 में छोटे सिलिंडर बेचते थे

कानपुरकोरोना वायरस के संक्रमण ने शहर वासियों को ऑक्सिजन की एक सांस के लिए तड़पाया है। कानपुर में ऑक्सिजन की कमी तो दूर हो गई, लेकिन आज भी शहर में खाली ऑक्सिजन सिलिंडर आसानी से नहीं मिल रहा है। कोविड और नॉन कोविड पेशेंट तीमारदारों को ऑक्सिजन से ज्यादा, खाली सिलिंडरों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। कानपुर क्राइम ब्रांच की टीम ने सिलिंडर की ब्लैक मार्केटिंग करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। क्राइम बांच ने चार आरोपियों के पास से 10 सिलिंडर बरामद किए हैं।क्राइम ब्रांच की टीम ने पनकी पुलिस के साथ मिलकर चार आरोपियों को दबोचा है। ऑक्सिजन सिलिंडर और मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी करने वाले गिराहे का मास्टरमांइड अश्वनी जैन खुद को एक यूट्यूब चैनल का एमडी बता रहा है। अश्वनी जैन पत्रकारिता की आड़ में गोरखधंधा कर रहा था और लोगों पर रौब गांठता था। अश्वनी जैन अपने तीन साथियों रिषभ जैन, प्रदीप वाजपेई और अभिषेक तिवारी के साथ मिलकर ब्लैक मार्केटिंग कर रहा था।मेरठ से खरीद कर लाते थे सिलिंडरडीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल ने बताया कि पनकी फैक्टरी एरिया में चार अभियुक्तों को अरेस्ट किया गया है। इनके पास से 10 ऑक्सिजन सिलिंडर बरामद किए गए हैं। पकड़े गए आरोपी जरूरतमंदों को बड़े सिलिंडर 55,000 हजार में और छोटे सिलिंडरों को 40,000 हजार रुपये में बेचते थे। संकट की इस घड़ी में 80 से 90 ऑक्सिजन सिलिंडर बेच चुके हैं। उन्होने बताया कि आरोपी मेरठ से सिलिंडर और मेडिकल उपकरण लेकर आते थे।पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि ऑक्सिजन गैस प्लांट या फिर कोविड अस्पतालों के आसपास घूमकर जरूरतमंदों को ऑक्सिजन सिलिंडर ढूंढकर सिलिंडर बेचते थे। डीसीपी क्राइम का कहना है कि आरोपी मेरठ में कहां से सिलिंडर लाते थे, इसकी भी जांच की जा रही है।