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गांवों में छह लोगों की गई जान, कई जिंदगी-मौत से कर रहे संघर्ष

आजमगढ़ जिले के पवई थाना क्षेत्र के आजमगढ़-अंबेडकरनगर बॉर्डर के गांवों में जहरीली शराब के सेवन से छह लोगों की मौत हो गई। वहीं कई अन्य बीमार हैं और जिंदगी-मौत से संघर्ष कर रहे हैं। सूचना पर दोनों जिलों के पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। दोनों जिलों के कप्तान पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच कर डेरा डाले हुए हैं। कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। लॉकडाउन में शराब की दुकानें बंद होने से अवैध रूप से बेची जा रही शराब के सेवन से यह घटना हुई है। पवई क्षेत्र के मित्तुपुर गांव के पास की घटना होने से हड़कंप मचा हुआ है।बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते शासन ने कोरोना कर्फ्यू के तहत शराब की दुकानों को भी बंद कर दिया था। जिसके चलते शराब का नशा करने वाले परेशान थे। जिसका फायदा अवैध शराब कारोबारी उठा रहे थे और चोरी छिपे शराब की बिक्री कर रहे थे। मित्तूपुर बाजार में सोमवार की शाम भी अवैध शराब बेची जा रही थी। शराब पीने के बाद दर्जन भर लोगों की तबीयत खराब हो गई।परिजनों ने रात में ही स्थानीय प्राइवेट अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराया, जहां एक के बाद एक छह लोगों की मौत हो गई। वहीं कई अभी प्राइवेट अस्पताल में जीवन मौत से संघर्ष कर रहे हैं। मरने वालों में राजेश सोनी(29) पुत्र रमई निवासी मित्तूपुर, लालता(45) पुत्र अज्ञात निवासी सौदमा, मुन्ना(32) व पिंटू(35) निवासी राजेपुर, रीखु(60) निषाद निवासी देवसरा बलईपुर थाना पवई व प्रेमशंकर(35) पुत्र राजाराम निवासी उसरहा थाना जलालपुर जिला अंबेडकर नगर शामिल है। इसके अलावा रामफेर(47) पुत्र अच्छेलाल व रवि(25) पुत्र लौटू निवासी मित्तूपुर अभी जीवन मौत से संघर्ष कर रहे हैं।
कई मरीज अन्य जगहों पर अपना इलाज करा रहे हैं। शराब के सेवन से मौत की सूचना पर हड़कंप मच गया। आनन-फानन आजमगढ़ के एसपी सुधीर कुमार सिंह के साथ भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंच गई। दो लोगों को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। हिरासत में लिए गए लोगों में गुड्डू पुत्र मोती व मोती लाल पुत्र रामदेव शामिल हैं। दोनों क्षेत्र के पुराने अवैध शराब कारोबारी हैं।वीडियो बना रहे लोगों पर गिरी एसपी की गाज
घटना की जानकारी होते ही मौके पर लोगों की भीड़ जुट गई। वहीं भारी संख्या में पुलिस फोर्स भी पहुंच गई थी। कुछ मीडियाकर्मी व जनसामान्य मौके पर फोटो व वीडियोग्राफी कर रहे थे। जिस पर एसपी सुधीर कुमार सिंह भड़क उठे और कई लोगों का मोबाइल छीन लिया। जिसमें दो समाचार पत्रों के स्थानीय प्रतिनिधि भी शामिल रहे। इसके साथ ही गालियां देते हुए लोगों को मौके से खदेड़ा गया। एसपी द्वारा किए गए दुर्व्यवहार से लोगों में खासा आक्रोश देखने को मिला।
पुलिस की शह पर होती थी बिक्रीस्थानीय लोगों के अनुसार, पुलिस की शह पर ही यह धंधा चल रहा था। सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने बकायदा एक दिन की बिक्री का एक हजार रुपये रेट तय कर रखा था। इतना ही नहीं लोग यह भी कह रहे हैं कि यदि स्थानीय शराब की दुकानों की पड़ताल कराई जाए तो सभी के स्टॉक खाली होंगे। जब दुकान बंद थीं तो शराब का स्टॉक कैसे खत्म हो गया। इसकी भी जांच होनी चाहिए। जांच होगी तो अपने आप खुलासा हो जाएगा कि बंदी के बाद भी अवैध रूप से देशी शराब की बिक्री की गई और जब स्टॉक खत्म हो गया तो अवैध शराब बेची गई। जिससे यह घटना हुई।