सुमित शर्मा, कानपुरकोरोना वायरस की दूसरी लहर ने मरीजों को एक-एक सांस के लिए तड़पाया है। ऑक्सिजन नहीं मिलने से शहर वासियों ने अपनों की उखड़ती हुई सांसों को देखा है। मंगलवार को पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर से स्पेशल ट्रेन 40 टन ऑक्सिजन लेकर कानपुर पहुंची। जूही यार्ड में ऑक्सिजन एक्सप्रेस से 20-20 टन के कंटेनरों को क्रेन से उतारा गया। यह ऑक्सिजन एक्सप्रेस की दूसरी खेप थी।जिला प्रशासन, रेलवे के अधिकारियों और पुलिस सुरक्षा के बीच ऑक्सिजन कंटेनरों को उतारा गया है। इन कंटेनरों को इंडेन प्लांट में स्टोर किया जा रहा है। खाली कंटेनरों को ऑक्सिजन एक्सप्रेस के साथ दुर्गापुर के लिए रवाना कर दिया जाएगा। गुरुवार को ऑक्सिजन कंटेनर लेकर स्पेशल ट्रेन फिर आएगी।शहर के हालात हो रहे सामान्यबीजेपी जिलाध्यक्ष सुनील बजाज का कहना है कि पिछले दिनों में देखा गया कि ऑक्सिजन की बहुत ज्यादा दिक्कत हो गई थी। अब स्थितियां समान्य हो रही हैं। रविवार को 80 टन ऑक्सिजन आई थी और आज 40 टन ऑक्सिजन दोबारा आ गई है। इसके साथ ही सड़क मार्ग से भी ऑक्सिजन शहर में आ रही है। अस्पतालों में ऑक्सिजन, बेड, प्लाजमा मिल रहा है। शहर में लगातार संकमण का ग्राफ गिर रहा है।कोविड फैसिलिटी हॉस्पिटलों को मिल रही ऑक्सिजनकानपुर में 25 कोविड फैसिलिटी हॉस्पिटल हैं। ऑक्सिजन एक्सप्रेस और सड़क रास्ते से कानपुर में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सिजन पहुंच रही है। सभी कोविड फैसिलिटी हॉस्पिटल और नॉन कोविड अस्पतालों को ऑक्सिजन मिल रही है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि इसके बाद भी अस्पताल मरीजों को भर्ती करने के लिए तैयार नहीं हैं।
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