इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेसर्स सिंपलेक्स इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के अध्यक्ष, सीईओ, निदेशक सहित पांच अधिकारियों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने पूर्व कर्मचारी के वेतन बकाया भुगतान मामले को लेकर मेरठ में कंपनी अधिकारियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर के तहत गिरफ्तारी और विवेचना पर रोक लगा दी है।कोर्ट ने वेतन भुगतान विवाद को आपस में सुलझा लेने की छूट दी है। कहा है कि आरोपों पर सात साल से अधिक सजा नहीं हो सकती। आरोप सेवा संबंधी है। ऐसे में पुलिस किसी भी अधिकारी का उत्पीड़न न करे, न ही अपराध की विवेचना की जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति डॉ. केजे ठाकर तथा न्यायमूर्ति अजीत सिंह की खंडपीठ ने कार्यकारी चेयरमैन राजीव मुंदरा व अन्य की याचिका पर दिया है।याची का कहना था कि कंपनी का मुख्यालय कोलकाता में है और कंपनी मेरठ में निर्माण कार्य कर रही है। कोरोना संक्रमण के कारण कार्य शिथिल है। कंपनी कार्यालय दिल्ली में भी है। प्रमोद कुमार सिंह ने कंपनी से इस्तीफा दे दिया। उन्हे वेतन का एक हिस्सा दिया गया। किन्तु मांग अधिक है। वेतन विवाद में आपराधिक केस दर्ज नहीं किया जा सकता। एसीजेएम मेरठ के निर्देश पर एफआईआर दर्ज की गई है। कंपनी बातचीत को तैयार है। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि आठ जुलाई नियत करते हुए आपसी निपटारे की छूट दी है।
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