हाइलाइट्स:कोरोना महामारी के बीच रेमडेसिविर और ऑक्सिजन की कालाबाजारी की आ रही थीं खबरेंअब गाजियाबाद पुलिस ने तीन युवकों को किया गिरफ्तार, जो ज्यादा दामों पर बेच रहे थे फ्लो मीटरफ्लो मीटर ऑक्सिजन सिलिंडर में लगने वाला एक पार्ट होता हैगाजियाबादरेमडेसिविर इंजेक्शन, ऑक्सिजन व अन्य दवाइयों की कालाबाजारी के बाद अब जालसाज ऑक्सिजन सिलिंडर में लगने वाले फ्लो मीटर की भी कालाबाजारी कर रहे हैं। गाजियाबाद में घंटाघर कोतवाली पुलिस ने फ्लो मीटर की कालाबाजारी करने वाले 3 बदमाशों को गिरफ्तार किया है। ये लोग तीमारदारों की मजबूरी का फायदा उठाकर मार्केट रेट से 20-25 गुना अधिक कीमत पर इसे बेच रहे थे।कोतवाली प्रभारी संदीप सिंह ने बताया कि गिरफ्तार तीनों आरोपी सलमान, इमरान और जावेद दिल्ली के रहने वाले हैं। इनके पास से 8 फ्लो मीटर, 1 लाख रुपये कैश और 1 ईको स्पोर्ट्स कार बरामद की गई है। गैंग से जुड़े अन्य लोगों के बारे में जानकारी की जा रही है। उन्हें भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।20 दिन में बेचे 200 मीटरकोतवाली प्रभारी ने बताया कि तीनों में से कोई भी सर्जिकल या मेडिकल के काम से जुड़ा नहीं है। उन्होंने कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने और ऑक्सिजन व उसके बाद फ्लो मीटर के लिए हो रही मारामारी का फायदा उठाने के लिए अपने सोर्स से इन मीटरों को खरीदना शुरू किया। इन्होंने दिल्ली के कई स्टोर से बल्क में मीटर उठाए। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने 20 दिनों में 200 मीटर बेचे हैं। इस दौरान लोगों की जरूरत के हिसाब से इन्होंने 15 से 25 हजार रुपये तक वसूले हैं।बरामद सामानप्लांट के पास मौजूद होते थे साथीपूछताछ में आरोपियों ने बताया कि दिल्ली एनसीआर के विभिन्न ऑक्सिजन प्लांट के पास उनके साथी खड़े होते थे। ये लोग ऑक्सिजन सिलिंडर लेने वाले ऐसे लोगों को टारगेट करते थे, जिन्हें फ्लो मीटर नहीं मिल रहा होता था। इसके बाद उनका संपर्क तीनों आरोपियों से करवाया जाता था और तीमारदार की जरूरत के हिसाब से फ्लो मीटर दिए जाते थे। ये लोग रुपये कैश में लेते थे। पुलिस को इस संबंध में कुछ सूचना मिली थी। इसके बाद पुलिस ग्राहक बनकर इन आरोपियों तक पहुंची और इन्हें मौके से गिरफ्तार कर लिया।क्या होता है फ्लो मीटरफ्लो मीटर ऑक्सिजन सिलिंडर में लगने वाला एक पार्ट है। इसकी सहायता से ही यह पता चलता है कि मरीज तक ऑक्सिजन की कितनी मात्रा पहुंच रही है। फ्लो मीटर के माध्यम से ही प्रतिघंटे के हिसाब से मरीज को जितनी ऑक्सिजन की जरूरत है, उतना फ्लो छोड़ा जाता है।ऑक्सिजन कंसंट्रेटर के नाम पर भी ठग रहे हैं लोगजिले में कुछ दिन पहले ही ऑक्सिजन कंसंट्रेटर के नाम पर ठगी का भी मामला सामने आया था। इस संबंध में विजय नगर थाने में केस दर्ज कराया गया था। शिकायतकर्ता के अनुसार, मुंबई के एक शख्स ने ऑक्सिजन कंसंट्रेटर दिलाने के नाम पर 17 लोगों से 11 लाख रुपये की ठगी की थी। आरोपी ने सस्ते में व जल्दी माल दिलाने का झांसा दिया था। इसके बदले में उसने सभी से एडवांस में रुपये ट्रांसफर कराए थे। रुपये मिलते ही उसने अपना नंबर बंद कर लिया था।रेमडेसिविर की कालाबाजारी में हो चुकी है बड़ी कार्रवाईबता दें कि गाजियाबाद पुलिस ने रेमडेसिविर की कालाबाजारी में दिल्ली एम्स के गेस्ट न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. मोहम्मद अल्तमश समेत तीन आरोपियों को कुछ दिन पहले गिरफ्तार किया था। इनके पास से 70 रेमडेसिविर इंजेक्शन, 2 ऑक्टेमरा इंजेक्शन के अलावा 36 लाख 10 हजार रुपये कैश, एक स्कोडा कार और दो बाइक भी बरामद हुई थी। पुलिस के अनुसार, ये लोग रेमडेसिविर इंजेक्शन को 40 से 50 हजार रुपये में ब्लैक कर रहे थे।गिरफ्तार किए गए आरोपी
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