तेजेश चौहान, गाजियाबादगाजियाबाद के पूर्व मेयर आशु वर्मा और बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजा वर्मा की 84 वर्षीय माता ने घर पर रहकर ही अपने हौसले और योग एवं आयुर्वेद के बल पर कोरोना को मात दी है। उन्होंने यह साबित किया है कि दवाओं के साथ उपचार के दौरान मरीज के लिए हौसला बनाए रखना भी बेहद जरूरी है। यदि मरीज के अंदर इच्छाशक्ति मजबूत हो और हौसला बरकरार रहे तो निश्चित तौर पर कोरोना की जंग से जीता जा सकता है। बुजुर्ग महिला का कहना है कि कहीं ना कहीं दवा के साथ हौसला और योग भी कोरोना में बड़ा कारगर सिद्ध हो रहा है।कोरोना हराने के लिए इच्छाशक्ति और हौसला रखना बेहद जरूरीगाजियाबाद की रहने वाली 84 वर्षीय शन्नो देवी ने बताया कि अक्सर लोग कोविड-19 पॉजिटिव की रिपोर्ट देखते ही मनोबल तोड़ने लगते हैं और निराश होकर घबरा जाते हैं। कुछ लोग अस्पताल में उपचार के लिए बेड की तलाश शुरू कर देते हैं और कुछ घर पर रहकर ही इलाज कराते हैं। ऐसा ही उन्होंने उस वक्त किया, जब वह कोरोना संक्रमित हो गईं। उन्होंने लगातार पूरे हौसले के साथ दवाई के साथ-साथ योग अपनाया और आयुर्वेद का काढ़ा, भाप लेती रहीं । इसके साथ ही उन्होंने अपनी इच्छा शक्ति को भी मजबूत किया और कोरोना को मात दी है।हौसला और इच्छाशक्ति कोरोना को हराने का मूल मंत्रकोरोना को घर पर रहकर ही मात देने वाली 84 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने बताया कि यदि किसी की भी रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो घबराने की आवश्यकता नहीं है। सबसे पहले इसके उपचार के लिए मरीज की इच्छा शक्ति और हौसला मूल मंत्र है। इसके बाद ही यदि योग और आयुर्वेद के फार्मूले को अपनाया जाए तो निश्चित तौर पर इस जानलेवा बीमारी से छुटकारा मिल सकता है। उन्होंने भी यही किया और उसका परिणाम आज सबके सामने हैं। उन्होंने कोरोना के जंग जीत ली है।
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