हाइलाइट्स:अस्पताल में भर्ती करने के लिए आरटीपीसीआर रिपोर्ट की जरूरत नहीं रोशन जैकब ने कहा-टेम्प आईडी पोर्टल पर बनाकर उन्हें हॉस्पिटल का एलोकेशन किया जाएजनपद में 14 सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को कमांड सेन्टर द्वारा भर्ती कराए जा रहे हैंलखनऊलखनऊ में एक ओर जहां कोरोना के लगातार मामले बढ़ते जा रहे हैं तो दूसरी ओर कोरोना से संक्रमित और गैर संक्रमित मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने के दौरान कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे मामलों में और सख्त रवैया अपनाते हुए लखनऊ की प्रभारी अधिकारी ने कहा कि शासनादेश के अनुसार किसी मरीज को अस्पताल में भर्ती करने के लिए आरटीपीसीआर रिपोर्ट की जरूरत नहीं है। पोर्टल पर बने टेम्प आईडीआपको बताते चलें कि मंगलवार को लखनऊ की प्रभारी अधिकारी रोशन जैकब स्मार्ट सिटी में बनाए इंट्रीग्रेटेड कोविड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर का निरीक्षण करने पहुंची थीं। उस दौरान डीएसओ पोर्टल की समीक्षा करते हुए उन्हें कई खामियां नजर आईं, जिसके चलते उन्होंने कोविड संक्रमित मरीज के अस्पताल में भर्ती के दौरान दिखाई जाने वाले आरटीपीसीआर रिपोर्ट पर पाबंदी लगा दी। उन्होंने कहा कि आरटीपीसीआर रिपोर्ट के आधार पर ही कमांड सेन्टर से रोगियों को हॉस्पिटल का एलोकेशन किया जाता था, लेकिन अब इसकी कोई आवश्यकता नहीं है। कोविड लक्षणात्मक रोगियों को तत्काल प्रभाव से अस्पताल में भर्ती किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सिटी स्कैन और कोविड लक्षण के आधार पर भी रोगी की टेम्प आईडी पोर्टल पर बनाकर उन्हें हॉस्पिटल का एलोकेशन किया जाए। विभाग द्वारा होगा अस्पतालों का भुगतानप्रभारी अधिकारी ने कहा कि पोर्टल पर जिन कोविड रोगियों की टेम्प आईडी बनाकर हॉस्पिटल एलोकेशन के लिए रिक्वेस्ट भेजी जाती है, उसे अस्पताल प्रशासन द्वारा भर्ती करने के लिए एप्रूव नहीं किया जाता है। इसके साथ ही टेम्प आईडी वाले रेफ़लर को भी अस्पतालों द्वारा नहीं माना जाता है। इसके लिए उन्होंने लखनऊ के सीएमओ को निर्देश दिए हैं कि जो भी टेम्प आईडी के रेफ़लर कमांड सेन्टर द्वारा अस्पताल प्रशासन को भेजे जाएंगे, उनका भी भुगतान विभाग द्वारा किया जाएगा, जिससे कोई भी अस्पताल टेम्प आईडी वाले कोविड रोगियों को भर्ती करने के लिए मना न करें। पैसे की मांग तो अस्पताल के खिलाफ होगी कार्रवाई – रोशन जैकबप्रभारी अधिकारी रोशन जैकब ने बताया कि जनपद में 14 सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को कमांड सेन्टर द्वारा भर्ती कराए गए रोगियों के उपचार के लिए विभाग की ओर से भुगतान किया जाता है। उन्होंने कहा कि जिन अस्पतालों की ओर से भुगतान के लिए मांग नहीं की गई है, वो सीएमओ कार्यालय में मांग कर सकते हैं, लेकिन कमांड सेन्टर की ओर से भर्ती कराए गए रोगियों से इलाज के नाम पर किसी भी प्रकार का शुल्क या मांग नहीं की जाएगी। यदि रेफ़लर वाले मरीजों से इलाज के नाम पर अस्पताल प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार के शुल्क वसूला जाता है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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