कानपुरकानपुर में पंचायत चुनाव मतगणना के दौरान एक हैरान करने वाली घटना प्रकाश में आई है। घाटमपुर ब्लॉक के निमधा गांव से प्रधानी जीतने वाली मालती देवी और उनका परिवार कुछ ही घंटे जीत की खुशियों को मना सका। जल्द ही जीत की खुशियां मातम में बदल गईं। नवनिर्वाचित प्रधान की जीत के 10 घंटे बाद मौत हो गई। मृतका पूर्व में बीडीसी सदस्य भी रह चुकी हैं। निर्वाचित प्रधान की मौत के बाद गांव में दोबारा प्रधान पद के लिए वोटिंग कराई जाएगी।घाटमपुर के निमधा गांव में रहने वाले रिटायर्ड शिक्षक अनिल सचान की पत्नी मालती देवी का गांव में प्रभाव था। मालती देवी 2010 में बीडीसी का चुनाव भी जीत चुकी थीं। ग्रामीणों को मालती देवी पर पूरा भरोसा था कि ग्राम प्रधान बनने के बाद गांव का विकास होगा। महिला सीट आरक्षित होने की वजह से मालती देवी चुनावी मैदान में थीं।कानपुर में बीते 15 अप्रैल को मतदान हुआ था। मतदान के दो दिन बाद मालती देवी को पैरालिसिस अटैक पड़ा था। परिजनों ने मालती देवी को कानपुर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। तबीयत में सुधार होने के बाद परिजन उन्हे फिर गांव ले गए थे, लेकिन बीते 30 अप्रैल को फिर से तबीयत बिगड़ गई तो परिजनों ने फिर से निजी अस्पताल में भर्ती कराया था।खुशिया बदली मातम मेंरविवार को पंचायत चुनावों की मतगणना शुरू हुई थी। निमधा गांव का परिणाम देररात आया, जिसमें मालती देवी ने जीत हासिल की थी। जीत खबर मालती देवी ने सुनी तो उनकी आंखों से आंसू निकल आए थे, लेकिन सोमवार को उनकी मौत हो गई। परिजन अभी जीत की खुशी को ठीक से सेलीब्रेट भी नहीं कर पाए थे।
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