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प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में प्रवक्ता के 712 पदों पर चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति फोन नंबर के इंतजार में अटकी हुई है। इसके लिए अपर मुख्य सचिव ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) को पत्र लिखकर चयनित अभ्यर्थियों के मोबाइाल फोन नंबर मांगे हैं। आयोग में नए अध्यक्ष के ज्वाइन करते ही फोन नंबर शासन को उपलब्ध करा दिए जाएंगे और इसके बाद उच्च शिक्षा निदेशालय चयनित अभ्यर्थियों की ऑनलाइन काउंसलिंग कराकर उन्हें नियुक्ति पत्र जारी करेगा।उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से बीते दिनों अलग-अलग समय में राजकीय महाविद्यालयों में प्रवक्ता के पदों पर सीधी भर्ती के अंतिम चयन परिणाम घोषित किए गए थे। प्रवक्ता के पदों पर चयनित अभ्यर्थियों की काउंसलिंग पहले ऑफलाइन माध्यम से होती थी, लेकिन इसमें अक्सर गड़बड़ी के आरोप लगते थे। अभ्यर्थियों की शिकायत रहती थी कि महाविद्यालय आवंटित करने में उनके साथ पक्षपात किया गया। इसी शिकायत के आधार पर शासन ने चयनित अभ्यर्थियों की काउंसलिंग ऑनलाइन माध्यम से कराने का निर्णय लिया और इसके लिए उच्च शिक्षा निदेशालय के माध्यम से एनआईसी लखनऊ को सॉफ्टवेयर बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई। पहली बार ऑनलाइन माध्यम से चयनित प्रवक्ताओं की नियुक्ति होनी है।सॉफ्टवेयर तैयार होने के बार इसमें चयनित अभ्यर्थियों का विवरण फीड किया गया, लेकिन इस विवरण में अभ्यर्थियों के फोन नंबर शामिल नहीं थे। ऑनलाइन काउंसलिंग में फोन नंबर सबसे जरूरी होता है, क्योंकि अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के कार्यक्रम एवं नियुक्ति पत्र की सूचना उनके फोन नंबर पर एसएमएस के माध्यम से दी जाती है। सूत्रों का कहना है कि शुरुआत में निदेशालय ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से अभ्यर्थियों के फोन नंबर मांगे थे, लेकिन आयोग ने नंबर उपलब्ध नहीं कराए। इसके बाद शासन को हस्तक्षेप करना पड़ा और अपर मुख्य सचिव ने फोन नंबर के लिए आयोग को पत्र लिखा। सूत्रों का कहना है कि आयोग में नए अध्यक्ष के ज्वाइन करने के बाद उनसे अनुमति लेकर उच्च शिक्षा निदेशालय को चयनित अभ्यर्थियों के फोन नंबर उपलब्ध करा दिए जाएंगे। उच्च शिक्षा के सहायक निदेशक डॉ. बीएल शर्मा का कहना है कि आयोग से जल्द ही फोन नंबर मिलने वाले हैं। इसके बाद ऑनलाइन काउंसलिंग शुरू कराकर अभ्यर्थियों को महाविद्यालय आवंटित करते हुए नियुक्ति पत्र जारी किए जाएंगे।
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प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में प्रवक्ता के 712 पदों पर चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति फोन नंबर के इंतजार में अटकी हुई है। इसके लिए अपर मुख्य सचिव ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) को पत्र लिखकर चयनित अभ्यर्थियों के मोबाइाल फोन नंबर मांगे हैं। आयोग में नए अध्यक्ष के ज्वाइन करते ही फोन नंबर शासन को उपलब्ध करा दिए जाएंगे और इसके बाद उच्च शिक्षा निदेशालय चयनित अभ्यर्थियों की ऑनलाइन काउंसलिंग कराकर उन्हें नियुक्ति पत्र जारी करेगा।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से बीते दिनों अलग-अलग समय में राजकीय महाविद्यालयों में प्रवक्ता के पदों पर सीधी भर्ती के अंतिम चयन परिणाम घोषित किए गए थे। प्रवक्ता के पदों पर चयनित अभ्यर्थियों की काउंसलिंग पहले ऑफलाइन माध्यम से होती थी, लेकिन इसमें अक्सर गड़बड़ी के आरोप लगते थे। अभ्यर्थियों की शिकायत रहती थी कि महाविद्यालय आवंटित करने में उनके साथ पक्षपात किया गया। इसी शिकायत के आधार पर शासन ने चयनित अभ्यर्थियों की काउंसलिंग ऑनलाइन माध्यम से कराने का निर्णय लिया और इसके लिए उच्च शिक्षा निदेशालय के माध्यम से एनआईसी लखनऊ को सॉफ्टवेयर बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई। पहली बार ऑनलाइन माध्यम से चयनित प्रवक्ताओं की नियुक्ति होनी है।
सॉफ्टवेयर तैयार होने के बार इसमें चयनित अभ्यर्थियों का विवरण फीड किया गया, लेकिन इस विवरण में अभ्यर्थियों के फोन नंबर शामिल नहीं थे। ऑनलाइन काउंसलिंग में फोन नंबर सबसे जरूरी होता है, क्योंकि अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के कार्यक्रम एवं नियुक्ति पत्र की सूचना उनके फोन नंबर पर एसएमएस के माध्यम से दी जाती है। सूत्रों का कहना है कि शुरुआत में निदेशालय ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से अभ्यर्थियों के फोन नंबर मांगे थे, लेकिन आयोग ने नंबर उपलब्ध नहीं कराए।
इसके बाद शासन को हस्तक्षेप करना पड़ा और अपर मुख्य सचिव ने फोन नंबर के लिए आयोग को पत्र लिखा। सूत्रों का कहना है कि आयोग में नए अध्यक्ष के ज्वाइन करने के बाद उनसे अनुमति लेकर उच्च शिक्षा निदेशालय को चयनित अभ्यर्थियों के फोन नंबर उपलब्ध करा दिए जाएंगे। उच्च शिक्षा के सहायक निदेशक डॉ. बीएल शर्मा का कहना है कि आयोग से जल्द ही फोन नंबर मिलने वाले हैं। इसके बाद ऑनलाइन काउंसलिंग शुरू कराकर अभ्यर्थियों को महाविद्यालय आवंटित करते हुए नियुक्ति पत्र जारी किए जाएंगे।
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