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कोरोना की दूसरी लहर प्रयागराज के वकीलों को पिछली बार के मुकाबले ज्यादा भारी पड़ गई। हर दिन हो रही मौतों से आम जनता के साथ ही अधिवक्ता समाज भी स्तब्ध है। अब तक सौ से अधिक वकील कोराना की भेंट चढ़ चुके हैं तो वहीं हजारों संक्रमित हैं। मरने वालों में हाईकोर्ट के जज से लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता और आम वकील तक शामिल हैं। स्थिति यह है कि अधिवक्ताओं के प्रतिनिधि भी कुछ कर पाने में लाचारी महसूस कर रहे हैं। उनकी ओर से की जा रही थोड़ी बहुत मदद अब नाकाफी साबित हो रही है। कमोवेश यही हाल हाईकोर्ट के कर्मचारियों का भी है। अबकी कोरोना के कारण तकरीबन आधा दर्जन कर्मचारियों को जान गंवानी पड़ी है। 2020 में लगे लॉक डाउन के बाद से ही हाईकोर्ट में एहतियातन मुकदमों की वर्चुअल सुनवाई की व्यवस्था लागू कर दी गई थी। हालांकि इससे वकीलों को हो रही कठिनाई को देखते हुए एक मार्च से कोर्ट को पूरी तरह सामान्य काम काज के लिए खोलने का आदेश दिया गया। मगर यह आदेश पूरी तरह से अमल में आ पाता, इससे पहले ही कोराना की दूसरी लहर ने असर दिखाना शुरू कर दिया। 2020 के पूरे वर्ष में कोरोना से मरने वाले जहां गिनती के वकील थे, वहीं दूसरी लहर में महीने भर में ही आंकड़ा सौ के पार जा चुका है। इसमें अधिवक्ता और उनके परिजन भी शामिल हैं।हाईकोर्ट बार ने कोरोना पीड़ित वकीलों की मदद के लिए जरूर कदम बढ़ाए मगर संसाधनों के अभाव में वह भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। बार के अध्यक्ष अमरेंद्र सिंह कहते हैं, 15 दिन पहले बाईपैप और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का आर्डर दिया था। मगर आज तक सप्लाई नहीं हो पाई है। कोराना संक्रमित वकीलों को दस हजार रुपये और मरने वालों के परिजनों को पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है। मगर इस समय सबसे अधिक जरूरत चिकित्सा मदद की है, जो नहीं हो पा रही है। बार कौंसिल की मदद ठपकोरोना पीड़ित वकीलों को बार कौंसिल की ओर से मिल रही 25 हजार रुपये की आर्थिक मदद फिलहाल ठप है। कौंसिल अध्यक्ष पद को लेकर चल रहे विवाद की वजह से मेडिकल क्लेम और कोरोना सहायता का काम रूक गया है। वर्तमान में चेयरमैन को लेकर स्थिति साफ नहीं है। हालांकि इस पद पर चुने गए रोहिताश्व कुमार अग्रवाल का कहना है कि चेयरमैन पद का मामला एक-दो दिन में सुलझ जाएगा। उन्होंने महाधिवक्ता से इस मुद़दे पर वार्ता की है। उनका कहना है कि कौंसिल की ओर से दिवंगत वकीलों के परिवार को मिलने वाली पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता जल्द ही दी जाएगी। वकीलों को शीघ्र ही मेडिकल क्लेम मुहैया कराया जाएगा।
कोरोना की दूसरी लहर प्रयागराज के वकीलों को पिछली बार के मुकाबले ज्यादा भारी पड़ गई। हर दिन हो रही मौतों से आम जनता के साथ ही अधिवक्ता समाज भी स्तब्ध है। अब तक सौ से अधिक वकील कोराना की भेंट चढ़ चुके हैं तो वहीं हजारों संक्रमित हैं। मरने वालों में हाईकोर्ट के जज से लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता और आम वकील तक शामिल हैं। स्थिति यह है कि अधिवक्ताओं के प्रतिनिधि भी कुछ कर पाने में लाचारी महसूस कर रहे हैं। उनकी ओर से की जा रही थोड़ी बहुत मदद अब नाकाफी साबित हो रही है। कमोवेश यही हाल हाईकोर्ट के कर्मचारियों का भी है। अबकी कोरोना के कारण तकरीबन आधा दर्जन कर्मचारियों को जान गंवानी पड़ी है।
2020 में लगे लॉक डाउन के बाद से ही हाईकोर्ट में एहतियातन मुकदमों की वर्चुअल सुनवाई की व्यवस्था लागू कर दी गई थी। हालांकि इससे वकीलों को हो रही कठिनाई को देखते हुए एक मार्च से कोर्ट को पूरी तरह सामान्य काम काज के लिए खोलने का आदेश दिया गया। मगर यह आदेश पूरी तरह से अमल में आ पाता, इससे पहले ही कोराना की दूसरी लहर ने असर दिखाना शुरू कर दिया। 2020 के पूरे वर्ष में कोरोना से मरने वाले जहां गिनती के वकील थे, वहीं दूसरी लहर में महीने भर में ही आंकड़ा सौ के पार जा चुका है। इसमें अधिवक्ता और उनके परिजन भी शामिल हैं।
हाईकोर्ट बार ने कोरोना पीड़ित वकीलों की मदद के लिए जरूर कदम बढ़ाए मगर संसाधनों के अभाव में वह भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। बार के अध्यक्ष अमरेंद्र सिंह कहते हैं, 15 दिन पहले बाईपैप और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का आर्डर दिया था। मगर आज तक सप्लाई नहीं हो पाई है। कोराना संक्रमित वकीलों को दस हजार रुपये और मरने वालों के परिजनों को पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है। मगर इस समय सबसे अधिक जरूरत चिकित्सा मदद की है, जो नहीं हो पा रही है।
बार कौंसिल की मदद ठप
कोरोना पीड़ित वकीलों को बार कौंसिल की ओर से मिल रही 25 हजार रुपये की आर्थिक मदद फिलहाल ठप है। कौंसिल अध्यक्ष पद को लेकर चल रहे विवाद की वजह से मेडिकल क्लेम और कोरोना सहायता का काम रूक गया है। वर्तमान में चेयरमैन को लेकर स्थिति साफ नहीं है। हालांकि इस पद पर चुने गए रोहिताश्व कुमार अग्रवाल का कहना है कि चेयरमैन पद का मामला एक-दो दिन में सुलझ जाएगा। उन्होंने महाधिवक्ता से इस मुद़दे पर वार्ता की है। उनका कहना है कि कौंसिल की ओर से दिवंगत वकीलों के परिवार को मिलने वाली पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता जल्द ही दी जाएगी। वकीलों को शीघ्र ही मेडिकल क्लेम मुहैया कराया जाएगा।
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