एटासूबे में न ऑक्सिजन की किल्लत और न ही रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत की बात करने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ के दावे उस समय झूठे साबित हुए, जब रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए एक शख्स अलीगढ़ से एटा पहुंचा, लेकिन यहां भी उसे इंजेक्शन नहीं मिला। इसके बाद वह इटावा पहुंचा, लेकिन जब उसके हाथ में रेमडेसिविर इंजेक्शन आया तो उसकी पत्नी की सांसें थम चुकी थीं। मृतक महिला के पति जिला अस्पताल एटा में वरिष्ठ फिजीशियन हैं, लेकिन उन्हें अलीगढ़ और एटा में इंजेक्शन नहीं मिल सका। इंजेक्शन की खोज को जारी रखते हुए उन्हें देर रात 100 किलोमीटर दूर जनपद इटावा में इंजेक्शन मिला, लेकिन तब तक संक्रमित चिकित्सक पत्नी की मौत हो गई। 20 अप्रैल को चिकित्सक और उनकी पत्नी सहित बच्चे कोरोना पॉजिटिव आए। उन्हें होम आइसोलेट किया गया। जहां हालत बिगड़ने पर उन्हें शहर के एक अस्पताल में भर्ती कराया। इस दौरान रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरुरत पड़ी। अलीगढ़ में इंजेक्शन न मिलने पर वह पत्नी को एटा के बागवाला कोविड अस्पताल ले आए, लेकिन यहां भी उन्हें इंजेक्शन नहीं मिला। देर रात उन्हें इटावा से इंजेक्शन मिला गया। जहां बागवाला में भर्ती चिकित्सक पत्नी को लगाया गया। बृहस्पतिवार को महिला की मौत हो गई। बीते दिनों जिले को 100 रेमडेसिविर इंजेक्शन मिले थे। जहां अलीगढ़ के उच्चाधिकारी ने जिले से 30 इंजेक्शन की डिमांड की। जिले से 30 इंजेक्शन भेज दिए गए। बाकी बचे 70 इंजेक्शन मरीजों को लग गए। इस समय जिले में एक भी रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हैं।
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