कानपुरकोरोना वायरस के संक्रमण ने इंसानों की सांसों पर अटैक किया है। उखड़ती सांसों को ऑक्सीजन नहीं मिलने की वजह से जाने कितने मरीजों ने दम तोड़ दिया। इसके असली आकड़े किसी के पास नहीं हैं। शासन के आदेश पर आईआईटी कानपुर ने ऑक्सिजन ऑडिट ऐप तैयार किया है। इस ऐप की मदद से ऑक्सिजन की किल्लत पर काबू पाने में मदद मिलेगी। आईआईटी कानपुर ने 24 घंटे में ऐप बनाकर शासन को सौंपा है।ऑक्सिजन ऑडिट सिस्टम ऐप की मदद से जानकारी कर सकते हैं कि अस्पतालों में कितनी ऑक्सिजन है। अस्पतालों में कितनी ऑक्सिजन खपत है और कितने दिनों की ऑक्सिजन शेष बची है। जरूरत पड़ने पर ऑक्सिजन को निश्चित समय में भेजा जा सकता है।समय रहते अस्पतालों को मिल सकेगी ऑक्सिजनबीते रविवार को अपर मुख्य अपर सचिव अवनीश अवस्थी ने आईआईटी, छत्रपति साहू जी महाराज विश्वविद्यालय, एचबीटीयू समेत प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों के साथ बैठक की थी। आईआईटी प्रफेसर मणींद्र अग्रवाल ने सोमवार तक ऑक्सिजन ऑडिट ऐप सौंपने का भरोसा दिया था। इस टीम में एकेटीयू और सीएसजेएमयू के कुलपति भी शामिल थे। बता दें कि प्रदेश के विश्वविद्यालय अस्पतालों से डाटा इकट्ठा करेंगें। यह ऐप एल्गोरिदम पर अपनी रिपोर्ट देगा। जिसके आधार पर ऑक्सिजन की आपूर्ति की जाएगी।विश्वविद्यालयों को मिली जिम्मेदारीछत्रपति साहूजी महाराज विश्वविद्यालय को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की जिम्मेदारी दी गई है। एचबीटीयू को सैफई मेडिकल कॉलेज और उर्सला अस्पताल और रामा हॉस्पिटल की जिम्मेदारी सौंपी गई है। बीएचयू को उसके आसपास के अस्पतालों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। एमएमएमयूटी गोरखपुर को बीआरडी मेडिकल कॉलेज और आसपास के अस्पतालों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। एनआईटी को प्रयागराज की अस्पतालों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
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