Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

संक्रमित की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद फिर पॉजिटिव आए तो न घबराएं

ख़बर सुनें

ख़बर सुनें

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में फेफड़ों  में फाइब्रोसिस बढ़ने तथा निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद आरटीपीसीआर या ट्रूनॉट जांच में मरीज को फिर कोविड पॉजिटिव पाया जा रहा है। लेकिन, यह स्थिति डरने नहीं बल्कि डटकर मुकाबला करने की है। आत्मबल बढ़ाएं, पौष्टिक आहार और विशेषज्ञ की सलाह पर दवाइयां लें, फेफड़े संक्रमणमुक्त हो जाएंगे। गंभीर मरीज दो सप्ताह में स्वस्थ हो रहे हैं। टीबी, छाती और फेफड़ा रोग विशेषज्ञ डॉ.आशुतोष गुप्ता के मुताबिक कोविड संक्रमितों के इलाज के दौरान ऐसे कई मामले सामने आए, जिनमें निगेटिव रिपोर्ट वाले मरीजों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई। ऐसा वायरल लोड ज्यादा होने के कारण हो जाता है। कोरोना संक्रमितों के फेफड़ों में फाइब्रोसिस के हटने में दो से छह सप्ताह तक का समय लगता है। एक्सरसाइज और दवाओं के प्रभाव से ऑक्सीजन का स्तर भी सुधर जाता है। कई मामलों में दोबारा कोविड रिपोर्ट आने पर लोग घबरा जाते हैं, जबकि ऐसे समय में साहस से इलाज कराने की जरूरत हैं।
मास्क लगाएं, दूसरों से दूरी बनाएं तो नहीं होंगे संक्रमित
डॉ.आशुतोष गुप्ता कहते हैं, कई मामलों में देखा गया है कि आरटीपीसीआर और ट्रूनॉट जांच में संक्रमण के दस से 12 दिन बाद निगेटिव हुए मरीजों की कोविड रिपोर्ट फिर पॉजिटिव आती है। इसका कारण जांच के दौरान मशीनें डेड और एक्टिव वायरस को एक साथ काउंट कर डिडेक्ट करती हैं। इसी से रिपोर्ट में वायरल लोड बढ़ा दिखता है। मैं खुद भी संक्रमित हो चुका हूं लेकिन स्वस्थ होने के बाद सैकड़ों संक्रमितों का इलाज भी कर चुका हूं। दोबारा कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आए तो पैनिक होने नहीं बल्कि लगकर चिकित्सकों के निर्देशों का पालन करने की जरूरत है। ऐसे लोगों के संपर्क में आने वाले लोग भी सुरक्षित रहेंगे। स्थितियां मरीजों की इम्युनिटी और संक्रमितों की अन्य बीमारियों पर निर्भर करती हैं, लेकिन अधिकतर मरीज स्वस्थ हो रहे हैं। जरूरत सिर्फ मास्क लगाने, भीड़ से बचने और दूसरों से कम से कम दो गज दूरी बनाने की है। बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकलें और अनिवार्य रूप से साबुन से हाथ धोएं।दस से 12 दिनों में संक्रमित हो जाता है नॉन इंफेक्सरविशेषज्ञों के मुताबिक जब किसी संक्रमित की कोविड जांच रिपोर्ट निगेटिव आती है या संक्रमण के दस से12 दिन हो चुके होते हैं तो संक्रमित व्यक्ति नॉन इंफेक्सर हो जाता है। यानी ऐसे व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को संक्रमित नहीं कर सकते। इसलिए संक्रमणमुक्त हो चुके लोगों को बेहिचक अपनी दिनचर्या नियमित कर स्वास्थ्य लाभ लेना चाहिए।

विस्तार

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में फेफड़ों  में फाइब्रोसिस बढ़ने तथा निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद आरटीपीसीआर या ट्रूनॉट जांच में मरीज को फिर कोविड पॉजिटिव पाया जा रहा है। लेकिन, यह स्थिति डरने नहीं बल्कि डटकर मुकाबला करने की है। आत्मबल बढ़ाएं, पौष्टिक आहार और विशेषज्ञ की सलाह पर दवाइयां लें, फेफड़े संक्रमणमुक्त हो जाएंगे। गंभीर मरीज दो सप्ताह में स्वस्थ हो रहे हैं। 

टीबी, छाती और फेफड़ा रोग विशेषज्ञ डॉ.आशुतोष गुप्ता के मुताबिक कोविड संक्रमितों के इलाज के दौरान ऐसे कई मामले सामने आए, जिनमें निगेटिव रिपोर्ट वाले मरीजों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई। ऐसा वायरल लोड ज्यादा होने के कारण हो जाता है। कोरोना संक्रमितों के फेफड़ों में फाइब्रोसिस के हटने में दो से छह सप्ताह तक का समय लगता है। एक्सरसाइज और दवाओं के प्रभाव से ऑक्सीजन का स्तर भी सुधर जाता है। कई मामलों में दोबारा कोविड रिपोर्ट आने पर लोग घबरा जाते हैं, जबकि ऐसे समय में साहस से इलाज कराने की जरूरत हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : iStock

मास्क लगाएं, दूसरों से दूरी बनाएं तो नहीं होंगे संक्रमित
डॉ.आशुतोष गुप्ता कहते हैं, कई मामलों में देखा गया है कि आरटीपीसीआर और ट्रूनॉट जांच में संक्रमण के दस से 12 दिन बाद निगेटिव हुए मरीजों की कोविड रिपोर्ट फिर पॉजिटिव आती है। इसका कारण जांच के दौरान मशीनें डेड और एक्टिव वायरस को एक साथ काउंट कर डिडेक्ट करती हैं। इसी से रिपोर्ट में वायरल लोड बढ़ा दिखता है। मैं खुद भी संक्रमित हो चुका हूं लेकिन स्वस्थ होने के बाद सैकड़ों संक्रमितों का इलाज भी कर चुका हूं। दोबारा कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आए तो पैनिक होने नहीं बल्कि लगकर चिकित्सकों के निर्देशों का पालन करने की जरूरत है। ऐसे लोगों के संपर्क में आने वाले लोग भी सुरक्षित रहेंगे। स्थितियां मरीजों की इम्युनिटी और संक्रमितों की अन्य बीमारियों पर निर्भर करती हैं, लेकिन अधिकतर मरीज स्वस्थ हो रहे हैं। जरूरत सिर्फ मास्क लगाने, भीड़ से बचने और दूसरों से कम से कम दो गज दूरी बनाने की है। बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकलें और अनिवार्य रूप से साबुन से हाथ धोएं।दस से 12 दिनों में संक्रमित हो जाता है नॉन इंफेक्सरविशेषज्ञों के मुताबिक जब किसी संक्रमित की कोविड जांच रिपोर्ट निगेटिव आती है या संक्रमण के दस से12 दिन हो चुके होते हैं तो संक्रमित व्यक्ति नॉन इंफेक्सर हो जाता है। यानी ऐसे व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को संक्रमित नहीं कर सकते। इसलिए संक्रमणमुक्त हो चुके लोगों को बेहिचक अपनी दिनचर्या नियमित कर स्वास्थ्य लाभ लेना चाहिए।