कोरोना काल में ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर नई उम्मीदें जगी हैं। विधायक हर्षवर्धन वाजपेई के तेलियरगंज स्थित प्लांट में मंगलवार या बुधवार से उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। इनके अलावा कई अन्य लोगों ने ऑक्सीजन प्लांट लगाने की इच्छा जाहिर की है। निर्माण क्षेत्र की एक संस्था ने प्लांट लगाने के लिए आवेदन करने के साथ नैनी स्थित सरस्वती हाईटेक सिटी में जमीन की मांग की है।कोविड संक्रमितों की संख्या बढ़ने के बाद ऑक्सीजन की मांग तेजी से बढ़ी है। इसे देखते हुए प्रशासन ने ऑक्सीजन का उत्पादन बढ़ाने के लिए संभावनाएं तलाशनी शुरू कर दी हैं। विधायक हर्षवर्धन बाजपेई का कहना है कि तेलियरगंज प्लांट को शुरू करने के लिए जरूरी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। जल्द ही वहां 500 सिलिंडर ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू किया जाएगा। उनका कहना है कि जिले में 5000 सिलिंडर ऑक्सीजन की मांग है। नैनी स्थित प्लांट से 4000 सिलिंडर ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा है। नया प्लांट चालू होने के बाद 4500 सिलिंडर ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो नैनी प्लांट की क्षमता बढ़ाई जाएगी।
उधर प्रशासन की ओर से बीपीसीएल में ऑक्सीजन उत्पादन तथा सिलिंडर बनाए जाने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। वहां से हरी झंडी मिलने का इंतजार है। इसके अलावा प्रभा इंजीनियरिंग कंस्ट्रक्शन ने ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए सरस्वती हाईटेक सिटी में चार हजार वर्ग मीटर जमीन के लिए आवेदन किया है।कंस्ट्रक्शन संस्था के प्रबंधन की प्लांट लगाने वाली इकाइयों से भी वार्ता चल रही है। वहां से हरी झंडी मिलने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। शंभूनाथ ग्रुप की ओर से भी ऑक्सीजन प्लांट लगाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। प्लांट संस्थान के अस्पताल में ही लगाने की योजना है। इनके अलावा एक अन्य संस्थान ने ऑक्सीजन प्लांट के लिए उद्योग विभाग के अफसरों से संपर्क किया है। उसके पास खुद की जमीन भी है। उपायुक्त उद्योग अजय चौरसिया का कहना है कि कई अन्य उद्यमियों से भी ऑक्सीजन प्लांट लगाने की बात चल रही है। ऐसे में ये प्रयास सफल हुए तो नए प्लांट लगने और उत्पादन शुरू होने के बाद प्रयागराज जिले में तो ऑक्सीजन की मांग पूरी होगी ही, यहां से अन्य जनपदों को भी आपूर्ति की बात कही जा रही है।
ऑक्सीजन प्लांट के अन्य विकल्पों पर हो रहा विचार
जिले में आक्सीजन उत्पादन की संभावना तलाशे जाने के बीच कई अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है। सरस्वती हाईटेक सिटी में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए उद्यमियों से संपर्क किया जा रहा है। इसके अलावा नैनी इंडस्ट्रियल एरिया में कई लोगों ने भूखंड एलाट कराए हैं, लेकिन उन पर अभी कारखाने नहीं लगे हैं। इन भूखंडों को ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए दूसरे उद्यमियों को किराए पर दिए जाने का प्रस्ताव भी रखा गया है।
…लेकिन नए प्लांट लगाने में लग सकता है एक से डेढ़ महीना
ऑक्सीजन प्लांट लगाने की कई उद्यमियों ने इच्छा जाहिर की है लेकिन उनके सामने मशीन एवं उपकरणों की उपलब्धता की चुनौती है। ऑक्सीजन प्लांट तैयार करने वाली गिनती की इकाइयां हैं। कोरोना संक्रमण के बीच देश भर में नए ऑक्सीजन प्लांट लगाने की कवायद शुरू की गई है। इसलिए प्लांट लगाने वाली इकाइयों के पास अधिक डिमांड है। ऐसे में नए ऑक्सीजन प्लांट लगाने में कम से कम एक से डेढ़ महीने का समय लगने की बात कही जा रही है। इसके बाद उत्पादन शुरू होने में डेढ़ से दो महीने लग जाएंगे। यही वजह है कि यहां संस्थाओं तथा उद्यमियों ने ऑक्सीजन प्लांट लगाने की प्रक्रिया तो शुरू कर दी है लेकिन उनकी पूरी कवायद प्लांट उत्पादन इकाइयों के जवाब पर निर्भर है।
ऑक्सीजन सिलिंडर की कमी दूर करने की भी कवायद
सिलिंडर की उपलब्धता नहीं होने की वजह से भी ऑक्सीजन की कमी पैदा हो गई है। बड़ी संख्या में सिलिंडर डंप हो गए हैं। इससे मुसीबत और बढ़ गई है। ऐसे में नई इकाइयों के सामने ऑक्सीजन सिलिंडर जुटाना चुनौती होगी। हालांकि, बीपीसीएल में ऑक्सीजन सिलिंडर के निर्माण की अनुमति के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। बीपीसीएल में उत्पादन शुरू हो गया तो यह समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी। इसके अलावा विधायक हर्षवर्धन बाजपेई का कहना है कि उनके 200 से 300 सिलिंडर उत्तर मध्य रेलवे के झांसी यार्ड में रखे हैं। उन्हें मंगाकर रेलवे के ही अस्पताल में लगाने के लिए कहा गया है। इससे रेलवे के अस्पताल में बेड की संख्या बढ़ाई जा सकेगी। उनका यह भी कहना है कि सिलिंडर बनाने वाली कंपनियों से भी संपर्क किया गया है।
बीपीसीएल में तैयार हो सकते हैं एक माह में आठ हजार नए सिलिंडर
सांसद डा. रीता बहुगुणा जोशी ने प्रयागराज में ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए शुक्रवार को सूबे के कैबिनेट मंत्री सतीश महाना से वार्ता की। कहा कि नैनी स्थित बीपीसीएल जो केंद्र सरकार का उपक्रम है, उसमें ऑक्सीजन तैयार की जा सकती है। प्रोफेसर जोशी ने कहा कि कुछ वर्ष पूर्व तक बीपीसीएल में औद्योगिक प्रयोग एवं स्वास्थ्य प्रयोग के लिए ऑक्सीजन का निर्माण होता था। बीपीसीएल कंपनी के पास सिलिंडर भी हैं और सिलेंडर बनाने के लिए कच्चा मैटेरियल भी है। इसलिए अगर उत्तर प्रदेश सरकार बीपीसीएल का थोड़ा सहयोग करें तो बीपीसीएल एक महीने के अंदर आठ हजार नए ऑक्सीजन सिलिंडर तैयार किए जा सकते हैं। सांसद ने कहा कि बीपीसीएल के पास तकरीबन छह हजार सीएनजी सिलेंडर भी पड़े हैं। उन्हें दुरुस्त कर उसका उपयोग ऑक्सीजन सिलिंडर के रुप में किया जा सकता है।
बीपीसीएल फैक्ट्री शुरू करने के लिए जेपी नड्डा और अर्जुन मेघवाल से की वार्ता
सांसद फूलपुर केशरी देवी पटेल ने नैनी स्थित बंद पड़ी बीपीसीएल फैक्टरी को तत्काल चालू करने की मांग की है। सांसद ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और मोदी सरकार के मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से शुक्रवार को कहा कि नैनी स्थित बीपीसीएल कंपनी एक समय पूरे देश में गैस सिलिंडरों की बड़े पैमाने पर आपूर्ति करती थी। पिछले कुछ समय से वह फैक्ट्री बंद पड़ी है। बीपीसीएल में बड़ी संख्या में गैस सिलिंडर एवं उससे संबंधित रॉ मैटेरियल बड़े पैमाने पर उपलब्ध है।अगर उक्त संयत्र को यथा शीघ्र प्रारंभ कर दिया जाए तो प्रयागराज समेत आसपास के कई जिलों में ऑक्सीजन सिलिंडरों की समस्या का तत्काल समाधान हो जाएगा। इस संबंध में सांसद ने जेपी नड्डा से जहां वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से वार्ता की तो वहीं अर्जुन मेघवाल से फोन पर बात कर सारी बात की जानकारी दी। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को पत्र भी भेजा। सांसद के मीडिया प्रभारी पवन श्रीवास्तव ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तथा केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सांसद को आश्वासन देते हुए कहा कि उनके सुझाव पर यथाशीघ्र कार्रवाई होगी।
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