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Noida News: कहीं 4 तो कहीं 7 घंटे की ऑक्सिजन बची है नोएडा के अस्पतालों में, खाली बेड का डेटा जारी करने का CM का आदेश दरकिनार

नोएडानोएडा के अस्पतालों में शुक्रवार को भी ऑक्सिजन का हाहाकार बरकरार रहा। सुबह से शाम तक तमाम मरीजों को अस्पतालों के गेट से वापस लौटना पड़ा लेकिन बेड नहीं मिला। ऑक्सिजन की कमी बताते हुए कुछ अस्पतालों ने मरीजों को आनन-फानन में डिस्चार्ज कर दिया। शहर के लगभग सभी अस्पतालों में किसी ने पास 4 तो कहीं 7 घंटे की ऑक्सिजन की बैकअप बचा हुआ है। बीच-बीच में सभी अस्पतालों को थोड़ी-थोड़ी ऑक्सिजन की सप्लाई की जा रही है। लेकिन यह बैकअप पहले की तरफ हफ्ते से 10 दिन का नहीं हो पा रहा। इससे मरीजों के साथ ही डॉक्टर की सांसें भी किसी अनहोनी के डर से अधर में लटकी रहती हैं। ऑक्सिजन का सही इंतजाम करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के पास इसका कोई सही जवाब नहीं है कि आखिर कब तक लोगों की सांसें यूं ही ऑक्सिजन के इंतजार में अटकी रहेंगी।वहीं दूसरी तरफ गुरुवार को सीएम ने साफ कहा था कि किस अस्पताल में कितने बेड खाली हैं, इसका डेटा स्वास्थ्य विभाग को रोजाना जारी करना होगा। किसी भी अस्पताल में मरीज को भर्ती कराने के लिए सीएमओ की अनुमति की कोई जरूरत नहीं है। मरीज की कंडीशन के आधार पर अस्पताल डायरेक्ट मरीज को भर्ती करने का फैसला लेंगे। इससे पहले जारी गाइडलाइन के अनुसार स्वास्थ्य विभाग को रोजाना डेटा जारी करना है कि जिले में कितने टेस्ट हुए, कितनों की क्या रिपोर्ट आई। हालांकि इन सारे डेटा को लेकर स्वास्थ्य विभाग गाइडलाइन व सीएम के आदेश दोनों को दरकिनार कर रहा है। वहीं जिला प्रशासन भी डेटा जारी करने में पारदर्शिता से बच रहा है।कैलाश ने ऑक्सिजन मिलने के बाद मरीज किए भर्ती गुरुवार की तरह शुक्रवार को भी शहर के सभी अस्पतालों में ऑक्सिजन का हायतौबा मची रही। सेक्टर 11 स्थित मेट्रो अस्पताल में दिल्ली वाले मेट्रो अस्पताल से मरीज शिफ्ट होने की वजह से दोपहर 12 बजे वहां भी क्राइसिस की स्थिति थी। यहां भी डेढ़ से दो घंटे की ऑक्सिजन ही बची थी कि तभी कुछ सप्लाई और आ गई। शाम 4-5 बजे के बीच कई अस्पतालों से हुई बातचीत में पता चला कि ऑक्सिजन की टेंशन लगातार बनी हुई है। फोर्टिस ने ऑक्सिजन को किसी तरह मैनेज करके मरीजों का लोड अभी संभाले हुआ है। कैलाश ग्रुप के चारों अस्पताल में गुरुवार को नए एडमिशन बंद कर दिए गए थे लेकिन शुक्रवार को एडमिशन शुरू हो गए हैं क्योंकि उनको ऑक्सिजन की सप्लाई मिल गई है।हॉस्पिटल ऑक्सिजन बचीजेपी हॉस्पिटल6-7 घंटे यथार्थ ग्रेनो वेस्ट 5-6 घंटे कैलाश सेक्टर 27 7 घंटे कैलाश ग्रेनो 7 घंटेमेट्रो हॉस्पिटल 6 घंटेप्रकाश अस्पताल 5 घंटेइंडो गल्फ अस्पताल 4-5 घंटे सूर्या अस्पताल 5 घंटे त्रिपाठी अस्पताल 5-6 घंटेकोविड सेक्टर 39 करीब 12 घंटे** (शाम 5 बजे तक इतना ऑक्सिजन का बैकअप था अस्पतालों के पास)लोगों को मिल रहे बस धक्के शहर के अस्पतालों में इस समय कोविड के करीब 3500 मरीज भर्ती हैं और काफी होम आइसोलेशन में है। इन मरीजों के परिजन दवा, इंजेक्शन, प्लाज्मा, ऑक्सिजन आदि के लिए हर जगह दौड़ रहे हैं लेकिन उनको कहीं से कुछ नहीं मिल रहा। मेट्रो अस्पताल में भर्ती एक मरीज के परिजन अखिलेश ने बताया कि पिछले तीन दिन से डॉक्टर रोज रेडमेसिविर इंजेक्शन लाने के लिए बोल रहे हैं। कहीं मिल ही नहीं रहा तो हम कहां से लाएं। फोर्टिस अस्पताल में भर्ती मरीज की परिजन सुषमा ने बताया कि प्लाज्मा के लिए सुबह से शाम तक तमाम लोगों से बात की पर रात तक भी इंतजाम नहीं हो पाया।