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कार्मिक मंत्रालय भारत सरकार एवं कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) ने आपदा के समय ठप पड़ी भर्ती परीक्षाओं के बीच बेरोजगारों को निजी क्षेत्र में नौकरी दिलाने के लिए एक अनूठी पहल की है। एसएससी ने अपनी परीक्षाओं में फाइनल स्टेज पर पहुंचने के बाद भी अंतिम चयन से वंचित रह जाने वाले अभ्यर्थियों का डाटाबेेस अपने पोर्टल पर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इस डाटाबेस के आधार पर रोजगार देने वाली दूसरी एजेंसी इन छात्रों को बिना किसी परीक्षा के चयन कर सकेंगी। इससे इन एजेंसियों का खर्च के साथ समय भी बचेगा, साथ ही चयन से वंचित रह गए अभ्यर्थियों को नौकरी भी मिल सकेगी। आयोग की ओर से नवंबर 2020 से र्हुइं परीक्षाओं के लिए इस नियम को लागू किया जाएगा। एसएससी द्वारा कराई जाने वाली भर्ती परीक्षाओं में टॉप की मेरिट के अभ्यर्थियों का अंकों के आधार पर चयन किया जाता है। इसमें अंक समान होने पर अधिक उम्र वाले को वरीयता दी जाती है, इसके अलावा कई बार चयनित अभ्यर्थियों तथा चयन से वंचित रह गए अभ्यर्थियों में एक-दो अंकों का अंतर रह जाता है। ऐसी परिस्थितियों में कई अभ्यर्थी सरकारी नौकरी से वंचित रह जाते हैं। योग्यता के मामले में ये अभ्यर्थी चयनित हुए अभ्यर्थी के मुकाबले किसी भी मायने में कम नहीं होते। आयोग की ओर से परीक्षा में असफल अभ्यर्थियों के अभी तक अंक जारी नहीं किए जाते रहे हैं, अब सरकार की नई योजना के तहत छात्रों के अंक पोर्टल पर जारी किए जाएंगे, जिससे दूसरी एजेंसी इन योग्य अभ्यर्थियों का चयन कर सके।एसएससी मध्य क्षेत्र के निदेशक राहुल सचान का कहना है कि आयोग की ओर से फाइनल स्टेज में पहुंचे अभ्यर्थियों के अंक उसकी वेबसाइट पर रोलनंबर और मेरिट के आधार पर उपलब्ध करा दिए जाएंगे। उनका कहना है कि एसएससी की ओर से ग्रेजुएट स्तर की सीजीएल, हायर सेकेंडरी लेवल के लिए सीएचएसएल, स्टेनोग्राफर, जेई सहित मल्टी टॉस्किंग परीक्षा का आयोजन किया जाता है। ऐसे में जो भी एजेंसी हमारे अचयनित अभ्यर्थियों को नौकरी देगी, उसे हर स्तर के योग्य अभ्यर्थी मिल जाएंगे। इस योजना का लाभ निजी क्षेत्र की कोई भी एजेंसी ले सकती है।
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कार्मिक मंत्रालय भारत सरकार एवं कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) ने आपदा के समय ठप पड़ी भर्ती परीक्षाओं के बीच बेरोजगारों को निजी क्षेत्र में नौकरी दिलाने के लिए एक अनूठी पहल की है। एसएससी ने अपनी परीक्षाओं में फाइनल स्टेज पर पहुंचने के बाद भी अंतिम चयन से वंचित रह जाने वाले अभ्यर्थियों का डाटाबेेस अपने पोर्टल पर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इस डाटाबेस के आधार पर रोजगार देने वाली दूसरी एजेंसी इन छात्रों को बिना किसी परीक्षा के चयन कर सकेंगी। इससे इन एजेंसियों का खर्च के साथ समय भी बचेगा, साथ ही चयन से वंचित रह गए अभ्यर्थियों को नौकरी भी मिल सकेगी। आयोग की ओर से नवंबर 2020 से र्हुइं परीक्षाओं के लिए इस नियम को लागू किया जाएगा।
एसएससी द्वारा कराई जाने वाली भर्ती परीक्षाओं में टॉप की मेरिट के अभ्यर्थियों का अंकों के आधार पर चयन किया जाता है। इसमें अंक समान होने पर अधिक उम्र वाले को वरीयता दी जाती है, इसके अलावा कई बार चयनित अभ्यर्थियों तथा चयन से वंचित रह गए अभ्यर्थियों में एक-दो अंकों का अंतर रह जाता है। ऐसी परिस्थितियों में कई अभ्यर्थी सरकारी नौकरी से वंचित रह जाते हैं। योग्यता के मामले में ये अभ्यर्थी चयनित हुए अभ्यर्थी के मुकाबले किसी भी मायने में कम नहीं होते। आयोग की ओर से परीक्षा में असफल अभ्यर्थियों के अभी तक अंक जारी नहीं किए जाते रहे हैं, अब सरकार की नई योजना के तहत छात्रों के अंक पोर्टल पर जारी किए जाएंगे, जिससे दूसरी एजेंसी इन योग्य अभ्यर्थियों का चयन कर सके।
एसएससी मध्य क्षेत्र के निदेशक राहुल सचान का कहना है कि आयोग की ओर से फाइनल स्टेज में पहुंचे अभ्यर्थियों के अंक उसकी वेबसाइट पर रोलनंबर और मेरिट के आधार पर उपलब्ध करा दिए जाएंगे। उनका कहना है कि एसएससी की ओर से ग्रेजुएट स्तर की सीजीएल, हायर सेकेंडरी लेवल के लिए सीएचएसएल, स्टेनोग्राफर, जेई सहित मल्टी टॉस्किंग परीक्षा का आयोजन किया जाता है। ऐसे में जो भी एजेंसी हमारे अचयनित अभ्यर्थियों को नौकरी देगी, उसे हर स्तर के योग्य अभ्यर्थी मिल जाएंगे। इस योजना का लाभ निजी क्षेत्र की कोई भी एजेंसी ले सकती है।
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