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Coronavirus In Uttar Pradesh: यूपी में अब बिना CMO लेटर के प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती होंगे कोरोना मरीज

हाइलाइट्स:यूपी के निजी अस्पतालों में 90% मरीज बिना सीएमओ के रेफरल लेटर के होंगे भर्ती सरकारी अस्पताल भी 30% मरीज इमरजेंसी के आधार पर बिना रेफरल भर सकेंगेयूपी में प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना मरीज भर्ती करने को जरूरी होता था CMO का लेटर हेमेन्द्र त्रिपाठी, लखनऊकोरोना के बढ़ते संक्रमण और प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती के लिए आ रही दिक्कतों को लेकर यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। यूपी में अब प्राइवेट अस्पतालों में 90 प्रतिशत मरीज बिना सीएमओ के रेफरल लेटर के भर्ती होंगे। वहीं सरकारी अस्पताल भी 30 प्रतिशत मरीज इमरजेंसी के आधार पर बिना रेफरल भर्ती कर सकेंगे। दरअसल पहले यूपी के प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना मरीज को भर्ती करने के लिए सीएमओ की मंजूरी वाले लेटर की व्यवस्था थी, जिसको योगी सरकार ने अब खत्म कर दिया है। यूपी के मौजूदा हालातों को देखते हुए कोरोना से संक्रमित मरीजों की अधिकतर मौतें अस्पतालों में बेड न मिलने के कारण हुई। अभी तक यूपी के कुछ कोविड अस्पतालों में बेड की उपलब्धता न होने के कारण संक्रमित मरीज भर्ती नहीं हो पा रहे थे। वहीं कुछ अस्पतालों में जहां बेड मौजूद थे, वहां भी सीएमओ का परमिशन लेटर समय से न मिलने के कारण संक्रमित मरीजों को इलाज के लिए भर्ती नहीं किया जा रहा था। लेकिन गुरुवार को उत्तर प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव की ओर से सभी जिलों के डीएम, मुख्य चिकित्सा अधिकारी और सभी मंडलायुक्तों के लिए खास निर्देश जारी कर दिए गए। सीएमओ के परमिशन लेटर वाली व्यवस्था खत्मसरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि कोरोना संक्रमित मरीज के भर्ती होने से पहले दिखाए जाने वाले सीएमओ के परमिशन लेटर वाली व्यवस्था को खत्म कर दिया गया। इसके चलते अब कोरोना से संक्रमित मरीजों को आपातकालीन स्थिति के बीच प्राइवेट अस्पतालों में बेड खाली होने पर बिना सीएमओ के परमिशन लेटर के तत्काल प्रभाव से भर्ती किया जाएगा। होम क्वारन्टीन मरीजों को दिक्कतेंप्रदेश सरकार की ओर से प्राइवेट अस्पतालों में संक्रमित मरीजों की भर्ती के लिए सीएमओ लेटर की बाध्यता खत्म होने के बाद यूपी में कोरोना से संक्रमित मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती होने में एक हद तक बड़ी राहत मिलेगी। इसी बीच राजधानी लखनऊ में बेड की उपलब्धता न होने की स्थिति में घर पर ही क्वारन्टीन हुए मरीजों को अभी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।लखनऊ में बिन ऑक्सीजन, बिन वेंटिलेटर, बिन बेड मरते लोग…CM साहब, क्या सच में मन नहीं पसीजता?कोरोना मरीजों की सुविधाओं के लिए हाल ही में लखनऊ के जिला प्रशासन की ओर से जारी हुए इमरजेंसी नंबरों में अधिकतर नंबरों से संपर्क न होने की शिकायतें सामने आ रही हैं। इन नंबरों में कुछ नंबर सीएमओ ऑफिस के हैं तो कुछ कोरोना कंट्रोल रूम के, जिन्हें संक्रमित मरीजों को स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं के लिए जारी किया गया था। ऐसे में होम क्वारंटीन मरीजों को दवाई और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की जानकारी व सलाह लेने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।Coronavirus In Uttar Pradesh: यूपी में अब बिना CMO लेटर के प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती होंगे कोरोना मरीज