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Oxygen Crisis in Noida: नोएडा के अस्पतालों में खत्म हुई ऑक्सिजन, कहीं मरीज किए गए डिस्चार्ज तो कहीं भर्ती हुई बंद… देखें क्या हैं हालात

हाइलाइट्स:ऑक्सिजन की कमी से चारों तरफ मरीज और तीमारदार परेशानदेश के कई राज्यों और शहरों में ऑक्सिजन की किल्लतनोएडा के अस्पतालों में कुछ घटों का बैकअप बचा तो डिस्चार्ज किए गए मरीजनोएडापूरे देश के अस्पतालों में इस समय ऑक्सिजन को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। नोएडा का हाल यह है कि यहां किसी भी अस्पताल में 4-5 घंटे से ज्यादा ऑक्सिजन का बैकअप नहीं है। ऑक्सिजन की कमी के चलते गुरुवार को शहर के कई अस्पतालों ने हाथ खड़े कर दिए। कहीं से चीखते चिल्लाते मरीजों को घर भेज दिया गया, तो कहीं नए गंभीर मरीजों को भर्ती लेने से साफ मना कर दिया गया।नॉन-कोविड मरीजों की बेहद जरूरी सर्जरी कैंसल करनी पड़ीं तो कहीं ऑक्सिजन खत्म होने पर मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करना पड़ा। ऐसे में तमाम मरीजों की जान पर बन आई। वहीं, जिला प्रशासन का कहना है कि सभी अस्पतालों में ऑक्सिजन की कमी है लेकिन हम लोगों के साथ खड़े हैं और इस समस्या का समाधान निकाल रहे हैं। किसी भी अस्पताल में ऑक्सिजन खत्म नहीं होने दी जाएगी। इस बात का शहर के लोग भरोसा रखें।कुछ घंटों की बची ऑक्सिजन तो…नोएडा व ग्रेटर नोएडा के प्रकाश अस्पताल में बुधवार दोपहर ऑक्सिजन की कमी होने पर हंगामा मच गया। दोपहर 12 बजे स्थिति यह थी कि नोएडा के प्रकाश अस्पताल में 55 मरीज ऑक्सिजन पर निर्भर थे और यहां मात्र ढाई घंटे की ऑक्सिजन बची थी। वहीं, ग्रेटर नोएडा वाले प्रकाश अस्पताल में उस समय 85 मरीज ऑक्सिजन पर निर्भर थे और मात्र तीन घंटे की ऑक्सिजन वहां बची थी।मरीजों को दूसरे अस्पताल ले जाने को कहादोपहर में स्थिति यह हो गई नोएडा वाले प्रकाश अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजनों को उनके मरीज घर ले जाना व दूसरे अस्पतालों में भर्ती कराने को कह दिया। इसके बाद अस्पताल के बाहर परिजनों की चीख पुकार मच गई। 80 साल के एक बुजुर्ग का रो-रोकर बुरा हाल था। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी यहां कई दिन से भर्ती हैं अब उसे वह कहां लेकर जाएं।अस्पताल से निकाले गए मरीज, मची अफरा-तफरीअस्पताल के गेट पर अफरातफरी मच गई। कई मरीजों को घर भेज दिया कई के परिजनों को दूसरे अस्पतालों में धक्के के लिए मजबूर होना पड़ा। इसके बाद अस्पताल ने बयान जारी कर बताया कि वह पिछले कई दिन से ऑक्सिजन के क्राइसिस से जूझ रहे हैं। उनके यहां फरीदाबाद से सप्लाई आ रही है जिसे हरियाणा सरकार ने रोक दिया है।कैलाश ने नए एडमिशन किए बंदकैलाश ग्रुप के नोएडा-ग्रेटर नोएडा स्थित चारों अस्पतालों में बुधवार को ऑक्सिजन की कमी रही। अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि नए एडमिशन लेने बिल्कुल बंद कर दिए हैं। दोपहर में उनके पास 2-3 घंटे की ऑक्सिजन का स्टॉक बचा था। करीब 400 से भी ज्यादा मरीज ऑक्सिजन के भरोसे भर्ती हैं। हालांकि बाद में जिला प्रशासन ने उनके यहां ऑक्सिजन की व्यवस्था कराई लेकिन नए एडमिशन लेने फिलहाल बंद हैं।फोर्टिंस में सारी सर्जरी टलीफोर्टिस अस्पताल में सुबह 11 बजे मात्र ढाई घंटे का ऑक्सिजन बैकअप था। इसके चलते बेहद गंभीर सर्जरी के लिए आए नॉन कोविड मरीजों को बिना ऑपरेशन किए ही घर भेजना पड़ा। शुक्रवार को भी जिन मरीजों के ऑपरेशन होने हैं उन्हें मना कर दिया गया है। नॉन कोविड मरीजों की सभी सर्जरी स्थगित हो गई है। करीब एक बजे इनके पास ऑक्सिजन की कुछ सप्लाई आई जिससे काम चलाया गया।शहर के सभी अस्पतालों में इस समय ऑक्सिजन की कमी है। सप्लाई भी लगातार जिले में आ रही है। जहां कम समय का बैकअप होता है उस अस्पताल को पहले ऑक्सिजन अरेंज करा रहे हैं। अगले दो-तीन दिन इसी कमी में काम चलाना है लेकिन किसी भी अस्पताल में हम मरीजों को ऑक्सिजन की कमी से जान नहीं जाने देंगे। ऑक्सिजन बैकअप को मैनेज करने में हमारी टीमें लगी हुई है।सुहास एलवाई, जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगरकिसी अस्पताल में नहीं है 5 घंटे से ज्यादा बैकअपबता दें कि इस समय जिले में 18 अस्पतालों में करीब 3 हजार से भी ज्यादा बेड पर कोविड के मरीजों का इलाज हो रहा है। इनमें करीब 40 प्रतिशत मरीजों को ऑक्सिजन की जरूरत है। वहीं नॉन कोविड अस्पतालों में भी तमाम मरीज ऑक्सिजन पर निर्भर हैं। जानकारों के मुताबिक किसी भी अस्पताल में 5 घंटे से ज्यादा का ऑक्सिजन बैकअप नहीं है। जेपी, एसआरएस, सूर्या, मेट्रो, त्रिपाठी, जेआर हॉस्पिटल, निम्स, शारदा आदि सभी अस्पताल अधिकतम 5 घंटे के ऑक्सिजन बैकअप पर चल रहे हैं। जहां दो से ढाई घंटे की ऑक्सिजन बचती वहीं हल्ला मचना शुरु हो जाता है।ऐसे मैनेज कर रहा है जिला प्रशासनजिला प्रशासन ने इस समय जिले में आने वाले मेडिकल ऑक्सिजन का कंट्रोल पूरी तरह अपने हाथ में ले लिया है। जहां से ऑक्सिजन आ रही है जिला प्रशासन की मॉनिटरिंग में अस्पतालों को दी जा रही है। जहां दो-ढाई घंटे का बैकअप हैं वहां 5 घंटे के बैकअप वाले अस्पताल से व्यवस्था की जा रही है। सप्लाई जिले में लगातार आ रही है लेकिन जरूरतसे 50 फीसदी कम ही ऑक्सिनज आ रही है।ऑक्सिजन की किल्लत