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कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति को देखते हुए जिला न्यायालय में भी मुकदमों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए करने का निर्णय लिया गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस संबंध में पहले ही निर्देश जारी कर जिला अदालतों को जहां तक संभव हो मुकदमों की सुनवाई वर्चुअल करने का निर्देश दिया था। इस क्रम में जिला जज इलाहाबाद अमरजीत त्रिपाठी ने अधीनस्थ न्यायालयों को निर्देश जारी कर दिया है। इसके तहत विभिन्न अदालतों का संचालन वीडियो कांफ्रेंसिग व भौतिक रूप से होगा। जिला एवं सत्र न्यायाधीश, विशेष/ अतिरिक्त न्यायाधीश (अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति), विशेष न्यायाधीश (आवश्यक वस्तु अधिनियम), विशेष/ अतिरक्त न्यायाधीश (मादक पदार्थ एवं मनोत्तेजक औषधि अधिनियम), विशेष / अतिरिक्त न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम), विशेष न्यायाधीश (एम.पी.एम.एल.ए.), विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर एक्ट), मुुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सिविल जज (वरिष्ठ श्रेणी), सिविल जज (कनिष्ठ श्रेणी) शर्की, सिविल जज (कनिष्ठ श्रेणी) गर्वी का संचालन वीडियो कांफ्रेंसिग व भौतिक रूप से होगा।न्यायालयों के संचालन के लिए पचास प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति परिसर में रहेगी। जिला जज ने कहा है कि लंबित नवीन प्रार्थना पत्र, लंबित नवीन अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र, अति आवश्यक प्रकीर्ण फौजदारी प्रार्थना पत्रों का निस्तारण अस्थाई निषेधाज्ञा जैसे अति आवश्यक दीवानी प्रार्थना पत्रों का निस्तारण, विचाराधीन बंदियों से संबंधित न्यायिक रिमांड तथा ऐसे वाद जिसके निस्तारण के लिए उच्च न्यायालय ने समय अवधि निर्धारित की है, सिर्फ उन्हीं सुनवाई होगी। न्यायालय की ओर से अधिकृत ईमेल आईडी तैयार की गई है जिसका प्रयोग अधिवक्ता प्रार्थना पत्रों के दाखिले के लिए कर सकेंगें। प्रार्थना पत्रों में अधिवक्ता एवं वादकारी का पूर्ण विवरण, मोबाइल नंबर समेत देना होगा। न्यायालय में ऐसे अधिवक्ता एवं वादकारी प्रवेश कर सकेंगे जिनके मामले सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हों। सुनवाई के उपरांत उनको न्यायालय परिसर तत्काल छोड़ना होगा। न्याय कक्षों में अधिवक्तागणों के लिए सिर्फ चार कुर्सियां होंगी। तथा न्यायालय कक्ष में प्रवेश करने वाले न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं और न्यायालय के कर्मचारियों द्वारा मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग किया जाएगा तथा सुनवाई हेतु सामाजिक एवं भौतिक दूरी के दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा। यह जानकारी सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रज्ञा सिंह-द्वितीय द्वारा दी गई है।
कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति को देखते हुए जिला न्यायालय में भी मुकदमों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए करने का निर्णय लिया गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस संबंध में पहले ही निर्देश जारी कर जिला अदालतों को जहां तक संभव हो मुकदमों की सुनवाई वर्चुअल करने का निर्देश दिया था। इस क्रम में जिला जज इलाहाबाद अमरजीत त्रिपाठी ने अधीनस्थ न्यायालयों को निर्देश जारी कर दिया है।
इसके तहत विभिन्न अदालतों का संचालन वीडियो कांफ्रेंसिग व भौतिक रूप से होगा। जिला एवं सत्र न्यायाधीश, विशेष/ अतिरिक्त न्यायाधीश (अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति), विशेष न्यायाधीश (आवश्यक वस्तु अधिनियम), विशेष/ अतिरक्त न्यायाधीश (मादक पदार्थ एवं मनोत्तेजक औषधि अधिनियम), विशेष / अतिरिक्त न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम), विशेष न्यायाधीश (एम.पी.एम.एल.ए.), विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर एक्ट), मुुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सिविल जज (वरिष्ठ श्रेणी), सिविल जज (कनिष्ठ श्रेणी) शर्की, सिविल जज (कनिष्ठ श्रेणी) गर्वी का संचालन वीडियो कांफ्रेंसिग व भौतिक रूप से होगा।
न्यायालयों के संचालन के लिए पचास प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति परिसर में रहेगी। जिला जज ने कहा है कि लंबित नवीन प्रार्थना पत्र, लंबित नवीन अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र, अति आवश्यक प्रकीर्ण फौजदारी प्रार्थना पत्रों का निस्तारण अस्थाई निषेधाज्ञा जैसे अति आवश्यक दीवानी प्रार्थना पत्रों का निस्तारण, विचाराधीन बंदियों से संबंधित न्यायिक रिमांड तथा ऐसे वाद जिसके निस्तारण के लिए उच्च न्यायालय ने समय अवधि निर्धारित की है, सिर्फ उन्हीं सुनवाई होगी।
न्यायालय की ओर से अधिकृत ईमेल आईडी तैयार की गई है जिसका प्रयोग अधिवक्ता प्रार्थना पत्रों के दाखिले के लिए कर सकेंगें। प्रार्थना पत्रों में अधिवक्ता एवं वादकारी का पूर्ण विवरण, मोबाइल नंबर समेत देना होगा। न्यायालय में ऐसे अधिवक्ता एवं वादकारी प्रवेश कर सकेंगे जिनके मामले सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हों। सुनवाई के उपरांत उनको न्यायालय परिसर तत्काल छोड़ना होगा। न्याय कक्षों में अधिवक्तागणों के लिए सिर्फ चार कुर्सियां होंगी। तथा न्यायालय कक्ष में प्रवेश करने वाले न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं और न्यायालय के कर्मचारियों द्वारा मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग किया जाएगा तथा सुनवाई हेतु सामाजिक एवं भौतिक दूरी के दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा। यह जानकारी सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रज्ञा सिंह-द्वितीय द्वारा दी गई है।
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