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ऑक्सीजन की ब्लैक मार्केटिंग… 15 से 20 हजार में बेचते थे प्रति सिलिंडर… 53 भरे, 64 खाली सिलिंडर बरामद

सुमित शर्मा, कानपुरकानपुर पुलिस ने ऑक्सीजन सिलिंडर की ब्लैक मार्केटिंग करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। बुधवार देररात पुलिस ने छोपेमारी कर 53 भरे और 64 खाली ऑक्सीजन के सिलिंडर बरामद किए। मौके से पुलिस ने पिता-पुत्र समेत तीन को गिरफ्तार किया है। कोरोना ने शहर को अपनी चपेट में ले लिया है। जिले में 90 फीसदी पेशेंट ऑक्सीजन पर हैं। ऑक्सीजन नहीं मिलने से पेशेंट अस्पतालों और घरों में दम तोड़ रहे हैं। ऑक्सीजन की कालाबाजारी रोकने के लिए एसटीएफ को लगाया गया है।अस्पतालों से लेकर सड़क तक ऑक्सीजन के लिए कोहराम मचा हुआ है। अपनों की उखड़ती सांसों को देखकर परिजन ऑक्सीजन सिलिंडर लेकर भटक रहे हैं। ऑक्सीजन सिलिंडर की रिफलिंग के लिए दिन-रात लंबी कतार लगाकर लोग खड़े हैं। इस महामारी के दौर में मुनाफाखोर पेशेंट के परिजनों से मनमानी रकम वसूल रहे हैं।रायपुरवा थाना क्षेत्र स्थित लोहा मंडी में रहने वाले यामीन की समा ट्रेडिंग कंपनी है। एसीपी अनवरगंज अकमल खान ने फोर्स के साथ ट्रेडिंग कंपनी पर छापा मारा था, जहां से यामीन और उसके बेटे आसिफ और एक कर्मचारी अली को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद पुलिस ने यामीन के गोदाम में दबिश दी तो वहां पर ऑक्सीजन सिलिंडरों का जखीरा बरामद हुआ। मौके से 53 भरे और 64 खाली सिलिंडर बरामद हुए हैं। अली डिमांड आने पर सिलिंडर की डिलीवरी देने के लिए जाता था। पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है, एक बड़े नेटवर्क का खुलासा हो सकता है।मुंह मांगी रकम वसूलते थे, मजबूरी का उठाते थे फायदासंक्रमितों के परिजन एक-एक सिलिंडर के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इन सिलिंडरों से उनके परिजनों की सांसों की डोर बधी है। यामीन और उसका बेटा संक्रमितों के परिजनों की मजबूरी का फायदा उठाते थे। एक सिलिंडर की मुंह मांगी रकम वसूलते थे। पिता-पुत्र एक सिलिंडर 15 से 20 हजार रुपये वसूलते थे।ब्लैक मार्केटिंग पर नजर रखेगी एसटीएफ, एलआईयू और खूफिया विभागकोरोना के कहर से बाद ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की शॉर्टेज हो गई है। आपदा की इस घड़ी में मुनाफाखोर अवसर तलाशने में जुट गए हैं। मुनाफाखोरों ने ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग शुरू कर दी है। कालाबाजारी करने वालों नकेल कसने के लिए एसटीएफ, एलआईयू और खूफिया विभाग को तैनात किया गया है।इंडस्ट्रियल एरिया की 50 से अधिक फैक्टरियां एसटीएफ और एलआईयू की निगरानी में हैं। शासन ने सख्त निर्देश दिए हैं कि ऑक्सीजन का इस्तेमाल उद्योग में नहीं किया जाए। ऑक्सीजन का इस्तेमाल सिर्फ मेडिकल में ही किया जाए।