कानपुरकानपुर में संक्रमित मरीजों को अस्पतालों मे बेड नहीं मिल रहे थे। इलाज के अभाव में कई जिंदगियों ने घरों और एंबुलेंस में दम तोड़ दिया। जिले में हैलट समेत 09 अस्पतालों को कोविड हॉस्पिटल का दर्जा दिया गया था। इन 09 अस्पतालों में 1522 बेड थे। कोरोना की दूसरी लहर से कोविड हॉस्पिटलों के बेड फुल हो गए। पूरे शहर में बेड के लिए हाहाकार मचने लगा। जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर शहर के 16 और अस्पतालों को कोविड हॉस्पिटल घोषित किया है। सोमवार से इन अस्पतालों में कोविड के मरीज भर्ती किए जाने लगे हैं।जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने बेड की कमी को देखते हुए 16 प्राइवेट हॉस्पिटलों में संक्रमित मरीजों के उपचार की व्यवस्था की है। इन 16 प्राइवेट अस्पतालों में कोविड के मरीजों का उपचार शुरू होने से 1335 बेड बढ़ जाएंगे। जिसमें से 189 आईसीयू में हैं और 914 जनरल बेड हैं। बीते 16 अप्रैल को डीएम कानपुर और सीएमओ ने प्राइवेट हॉस्पिटल संचालकों के साथ बैठक की थी। जिसमें 16 अस्पतालों कोविड अस्पताल बनाने का फैसला लिया गया था।16 नए कोविड हॉस्पिटलजिला प्रशासन ने संक्रमण के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए इन 16 अस्पतालों में संक्रमित मरीजों का उपचार करने के निर्देश दिए हैं। जिसमें कृष्णा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, कुलवंती हास्पिटल, फॉर्च्यून हॉस्पिटल, केएमसी हॉस्पिटल, मरियमपुर हॉस्पिटल, मधुराज हॉस्पिटल, ग्रेस हॉस्पिटल, अपोलो हॉस्पिटल, चांदनी हॉस्पिटल, लीलामणी हॉस्पिटल, जेएल रोहतगी हॉस्पिटल, लाइफट्रॉन हॉस्पिटल, फैमिली हॉस्पिटल, प्रिया हॉस्पिटल, द्विवेदी हॉस्पिटल, मेडिहेल्थ हॉस्पिटल। इन अस्पतालों में 1335 बेड हैं, जिसमें 189 आईसीयू और 914 जनरल बेड हैं।09 कोविड अस्पतालों के 1522 बेड फुल हैंकोरोना की पहली लहर में 09 कोविड अस्पताल बनाए गए थे, जिसमें से 1522 बेड थे। इनमें कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा था, लेकिन दूसरी लहर ने पूरे शहर को अपनी चपेट ले लिया। कछ ही दिनों में 09 अस्पतालों के बेड फुल हो गए। हैलट अस्पताल के 360 बेड फुल हैं। एयरफोर्स के 25 बेड फुल हैं। रामा मेडिकल कॉलेज के 115 बेड फुल हैं। नारायणा मेडिकल कॉलेज के 300 बेड फुल हैं। रिजेंसी हॉस्पिटल के 75 बेड फुल हैं। एसपीएम हॉस्पिटल के 75 बेड फुल हैं। गुरुतेग बहादुर हॉस्पिटल के 60 बेड फुल हैं। एसआईएस हॉस्पिटल के 70 बेड फुल हैं। कानपुर में 25 कोविड अस्पतालों में 2628 बेड हो गए हैं। संक्रमित मरीजों को इन अस्पतालों में आसानी से इलाज मिल सकेगा।रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लतकानपुर में रेमडेसिविर इंजेक्श की ऑक्सीजन और बेड से भी ज्याद किल्लत चल रही है। कानपुर के दवाओं के थोक कारोबारियों के यहां भी रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं मिल रहा है। कोरोना के गंभीर मरीजों के तीमारदार रेमडेसिविर इंजेक्शन की तलाश कर रहे हैं, लेकिन संजीवनी कहे जाने वाला इंजेक्शन लोगों को नहीं मिल रहा है।
Nationalism Always Empower People
More Stories
Rishikesh में “अमृत कल्प” आयुर्वेद महोत्सव में 1500 चिकित्सकों ने मिलकर बनाया विश्व कीर्तिमान, जानें इस ऐतिहासिक आयोजन के बारे में
Jhansi पुलिस और एसओजी की जबरदस्त कार्रवाई: अपहृत नर्सिंग छात्रा नोएडा से सकुशल बरामद
Mainpuri में युवती की हत्या: करहल उपचुनाव के कारण सियासी घमासान, सपा और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप