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UP Panchayat Chunav 2021: मायावती के खास…यूपी के इस गांव में 25 साल बाद पड़े प्रधानी के वोट, चुनाव के लिए अड़े नौजवान

हाथरसयूपी में पंचायत चुनाव के पहले चरण की वोटिंग हो गई है। इस बीच हाथरस जिले के एक गांव में तीन दशक बाद वोटिंग हुई है। बामौली गांव में 25 साल के बाद लोगों ने प्रधान पद के लिए अपने मत का प्रयोग किया। इस बार गांववालों में प्रधान पद के लिए आपसी सहमति नहीं बन सकी। इस वजह से वोट डाले गए। बामौली गांव में 80 लोगों के नाम भी मतदाता सूची से गायब थे। मतदाता सूची से नाम गायब होने की शिकायत भी आई। इसके चलते गांव के बहुत से लोग अपना वोट नहीं डाल पाए। ग्रामीणों ने मतदाता सूची में नाम नहीं होने पर शिकायत उच्च अधिकारियों से की थी। लेकिन लोगों की बात सुनने के बाद अधिकारी बिना कोई ठोस आश्वासन दिए चले गए। आपको बता दें कि हाथरस जिले का बामौली बीएसपी की सरकार में मंत्री रह चुके कद्दावर नेता रामवीर उपाध्याय के लिए चर्चित हैं।मोमबत्ती की रोशनी में सीएम सिटी का मतदान, वीडियो पंचायत चुनाव कासादाबाद विधायक रामवीर उपाध्याय इसी गांव से राजनीति में आए हैं। जब से रामवीर उपाध्याय राजनीति में सक्रिय हुए तभी से इस गांव में प्रधान पद के लिए ग्रामीणों की आपसी सहमति से निर्विरोध निर्वाचन होने लगा। पंचायत चुनाव से पहले गांव में लोगों की एक पंचायत हो जाती थी। गांव के सभी लोग आपसी सहमति के चलते उपाध्याय परिवार के किसी भी सदस्य की मौजूदगी में उस नाम पर मुहर लगा देते थे। लेकिन इस बार गांव के लोगो में प्रधान पद के लिए सहमति नहीं बन पाई। गांव के कुछ युवा मतदाताओं में इस बार एक राय नहीं बन पाई। नौजवान चुनाव पर अड़ गए।यूपी पंचायत चुनाव में बीजेपी ने मुलायम की भतीजी को दिया टिकटबामौली में करीब 80 ग्रामीणों के नाम इस बार मतदाता सूची से गायब मिले थे। वोटर लिस्ट में नाम ना होने पर लोगों का कहना था कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायत की मतदाता सूची में अपने नाम की जांच नहीं कराई थी। बामौली गांव के लोगों का कहना है कि ये काम प्रशासन की अनदेखी या फिर किसी अन्य व्यक्ति ने द्वेष भावना के चलते कराया है। गांव में मतदान से वंचित लोगों ने अपना वोट डालने के लिए बृहस्पतिवार को गांव के पोलिंग बूथ पर पहुंचने वाले अधिकारियों से मतदान की गुहार लगाई। लेकिन उनका वोट डालने का अधिकार इस बार छिन गया।हाथरस के गांव में 25 साल बाद वोटिंग