हाइलाइट्स:सीबीएसई ने कोरोना की वजह से 10वीं का एग्जाम किया रद्दअब रिजल्ट बनाना चुनौती, कई स्कूलों में नहीं हुए प्री बोर्डसभी स्टूडेंट्स को 11वीं में एडमिशन मिलना भी होगा मुश्किलकई स्कूलों के प्रिंसिपल भी रिजल्ट को लेकर हैं उलझन मेंनोएडाहाई स्कूल के एग्जाम कैंसल होने के बाद अब छात्रों का रिजल्ट तय करने की चुनौती बढ़ेगी। रिजल्ट के लिए अब सीबीएसई क्या-क्या दस्तावेज मांग ले इसको लेकर फिलहाल असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसे छात्रों के सामने 11वीं में एडमिशन लेने में संघर्ष बढ़ सकता है जोकि सीनियर सेकेंडरी स्कूल में नहीं पढ़ रहे हैं और 10वीं के बाद उन्हें 11 वीं में किसी दूसरे स्कूल में एडमिशन लेना है।इन आधार पर तय हो सकता है हाईस्कूल का रिजल्टकयास लगाए जा रहे हैं कि इंटरनल असेसमेंट मार्क्स के आधार पर भी सीबीएसई रिजल्ट तय कर सकती है। सभी को जनरल प्रमोशन भी दिया जा सकता है और प्री-बोर्ड एग्जाम के रिजल्ट के आधार पर भी रिजल्ट जारी हो सकता है। हालांकि कुछ स्कूलों ने कोविड की वजह से प्री-बोर्ड एग्जाम कराए ही नहीं है तो ऐसे स्कूलों में क्या होगा। इंडस वैली स्कूल की प्रिंसिपल शिखा शर्मा का कहना है कि अभी कुछ क्लियर नहीं है कैसे रिजल्ट जारी होगा।छात्रों के फेल होने की संभावना बेहद कमहर साल सीबीएसई का रिजल्ट 10-15 प्रतिशत तक कम रहता है इस बार बोर्ड एग्जाम न होने से छात्रों के फेल होने की संभावना बेहद कम हो गई है। इसके चलते हाई स्कूल के सभी छात्रों को 11 वीं में एडमिशन चाहिए होगा और उतनी सीटों की उपलब्धता कराना एक चुनौती बन सकता है।इस मजबूरी को अवसर बना सकते हैं 12वीं के छात्रशिक्षाविदों का कहना है कि 12वीं के छात्रों को इस सत्र का रिजल्ट मिलने में लंबा समय लगने वाला है। इसे लेकर सभी पैरंट्स व छात्र तनाव में हैं लेकिन यदि इसके दूसरे पहलू के बारे में देखा जाए तो इसे अवसर भी बनाया जा सकता है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए छात्रों को भरपूर समय मिल जाएगा और सिलेबस की पढ़ाई भी साथ-साथ जारी रहेगी जिसके चलते छात्र प्रतियोगी व बोर्ड एग्जाम दोनों की पढ़ाई में बेहतर परफॉर्म कर सकते हैं।केंद्रीय विद्यालय संगठन के पूर्व एडिशनल कमिश्नर यूएन खाबड़े का कहना है, ‘जब आपदा आती है तो फैसले इस आधार पर लिए जाते हैं कि सबसे कम खराब फैसला कौन सा है। फिलहाल यह सबसे कम खराब फैसला है। 12वीं के छात्रों को अगर जान जोखिम में डाले बिना सत्र पूरा होने में दो साल भी लग जाएं तो इसे ठीक ही माना जाएगा। जो सीनियर सेकेंडरी वाले स्कूल में नहीं पढ़ रहे हैं उन्हें 11वीं में एडमिशन लेने में थोड़ी दिक्कत आएगी।’सिटी पब्लिक स्कूल के चेयरमैन मूलचंद चौधरी का कहना है, ‘कुछ स्कूलों ने प्री-बोर्ड एग्जाम नहीं लिए हैं और काफी छात्रों ने दिए भी नहीं हैं। इस कारण प्री-बोर्ड एग्जाम के आधार पर रिजल्ट जारी करना थोड़ा चुनौतीपूर्ण होगा। छात्रों को फेल कर पाने का भी कोई खास आधार इस बार नहीं मिल बन पाएगा। इसके चलते आगे चलकर 11वीं में एडमिशन की मारामारी बनेगी।’
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