अभिषेक जायसवाल, वाराणसीदेशभर में कोरोना के बढ़ते रफ्तार को देखते हुए सीबीएसई बोर्ड ने 10वीं की परीक्षा को रद्द कर दी है। वहीं, 12वीं की परीक्षा को स्थगित कर दिया है। सीबीएसई बोर्ड के इस फैसले के बाद अभिभावक और छात्रों ने राहत की सांस ली हैं। हालांकि, कुछ छात्रों का कहना है कि यदि परीक्षाएं हो जातीं तो परीक्षा की टेंशन से उन्हें मुक्ति मिलती। श्रेयांश पांडेय एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में चिल्ड्रेन एकेडमी में पढ़ने वाले 10वीं के स्टूडेंट श्रेयांश पांडेय ने बताया कि परीक्षा रद्द होने की जगह यदि स्थगित किया जाता तो ज्यादा अच्छा होता। सामूहिक परीक्षा के बाद सामने आने वाले रिजल्ट से ये दिखता है कि उन्होंने पढ़ाई में सालभर कितनी मेहनत की है।अंबिका विक्रमग्लोरियस एकेडमी में पढ़ने वाले 12वीं के स्टूडेंट अंबिका विक्रम ने बताया परीक्षा टलने पर भले ही लोगों को लग रहा हो कि उन्हें तैयारी के लिए कुछ और समय मिल गया है। लेकिन ये हमारे लिए एक तनाव जैसा है। परीक्षा का शेड्यूल जारी होने के साथ ही हमने अपनी तैयारी शुरू कर दी थी। लेकिन अब इस तैयारी का फल कब मिलेगा, उसका लम्बा इंतजार करना पड़ेगा।कोरोना से सता रहा था डरअभिभावक रविअप्रैल के बाद अचानक बढ़े कोरोना मरीजों की संख्या के बीच बोर्ड परीक्षाओं को लेकर अभिभावकों के मन भी बच्चों के सेहत को लेकर चिंता थी। श्रेयांश के पिता रवि पांडेय ने बताया कि कोविड को लेकर जिस तरह के हालात सामने थे, उससे मन में डर था कि बच्चे को कैसे परीक्षा सेंटर तक ले जाएंगे और परीक्षा केंद्र मौजूदा हालात कितना सुरक्षित है, इसको भी लेकर मन में असमंजस की स्थिति थी। लेकिन अब परीक्षा रद्द हो गई ये खुशी की बात है। वहीं, अभिभावक संतोष ओझा कहते हैं कि मौजूदा हालात को देखते हुए सीबीएसई बोर्ड ने जो फैसला लिया है, वो बिल्कुल ठीक है। कुछ ऐसे ही अन्य अभिभावकों ने भी कहा।
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