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पूर्व राज्यपाल केशरीनाथ के भतीजे और मुख्य स्थाई अधिवक्ता विकास चंद्र त्रिपाठी का निधन

हाईकोर्ट में प्रदेश सरकार के मुख्य स्थाई अधिवक्ता विकास चंद्र त्रिपाठी (65)का लखनऊ में निधन हो गया। वह होली त्यौहार के दौरान कोरोना संक्रमित हो गए थे। इलाज के लिए उनको एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया था। उनके निधन की सूचना मिलते ही वकीलों और परिचितों तथा जानने वालों में शोक की लहर दौड़ गई। विकास चंद्र त्रिपाठी बेहद सौम्य और मिलनसार के व्यक्तित्व के धनी थे।  जिसने भी उनके निधन के बारे में सुना उसे अचानक यकीन नहीं हुआ। लोग एक दूसरे को फोन करके सच्चाई का पता लगाते रहे। हर किसी की जुबान पर उनके सौम्य और मिलनसार व्यक्तित्व की चर्चा थी। निधन की सूचना मिलने के बाद मुख्य स्थाई अधिवक्ता के महाधिवक्ता कार्यालय आंबेडकर भवन स्थिति आफिस के आसपास सरकारी वकीलों की सुबह  भीड़ लगने लगी। वकील इस घटना को सुनकर स्तब्ध थे।  त्रिपाठी संक्रमण के चलते पहले एस आर एन हास्पीटल में कुछ दिन भर्ती रहे बाद में उन्हें लखनऊ इलाज के लिए जाना पड़ा, जहाँ कुछ दिन बाद निधन हो गया ।विकास अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संस्थापक सदस्य और संगठन मंत्री रहे थे। वह पूर्व राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी के भतीजे हैं। सिविल मामले के अच्चे वकीलों में उनको नाम शुमार था। वह रेलवे के भी अधिवक्ता रहे।उनका अंतिम संस्कार फाफामऊ स्थित घाट पर कोविड प्रोटोकॉल के तहत किया गया। अंतिम संस्कार के मौके पर परिवार के सदस्य और खास लोग मौजूद थे। परिवार में एक पुत्र और चार पुत्रियां व पत्नी हैं। महाधिवक्ता कार्यालय में राज्य विधि अधिकारियों की एक शोक सभा हुई । इसमें अपर महाधिवक्ता विनोद कांत, मनीष गोयल,  एम सी चतुर्वेदी, अजीत कुमार,  श्री कृष्ण पहल, मुख्य स्थाई अधिवक्ता- प्रथम,  जे एन मौर्य, विनीत पाण्डेय,  सौरभ  श्रीवास्तव,  विपिन बिहारी पाण्डेय, अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता,  रामानंद पाण्डेय, एके गोयल, एके राय, प्राणेश दत्त त्रिपाठी,  विजय शंकर मिश्र, निमाई दास, एसी मिश्र,  पियूष शुक्ला, मृत्युंजय तिवारी, जेबी सिंह, शासकीय अधिवक्ता शिव कुमार पाल, राज्य विधि अधिकारी कार्यालय कर्मचारी संघ के महामंत्री लालमणि तिवारी आदि ने आत्मा की शांति के लिए श्रद्धांजलि अर्पित की।