वाराणसी में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बीएचयू ने सर सुंदरलाल अस्पताल की ओपीडी को बंद करने का निर्णय लिया गया है। फिलहाल इमरजेंसी सेवा सामान्य दिनों की तरह चलती रहेगी। सुविधा के लिए टेलीमेडिसिन के माध्यम से मरीजों को परामर्श दिया जाएगा। यहां निर्धारित समय पर डॉक्टरों से मरीज परामर्श ले सकेंगे।बीएचयू अस्पताल में न केवल वाराणसी और आसपास जिले के बल्कि बड़ी संख्या में पूर्वांचल, बिहार, झारखंड और अन्य जगहों के मरीज इलाज के लिए आते हैं। औसतन अगर ओपीडी की बात करें तो सामान्य दिनों में भी चार से पांच हजार मरीज ओपीडी में डॉक्टर को दिखाने के लिए आते हैं।पिछले 10 दिनों से जिस तरह से कोरोना का संक्रमण बढ़ा है, उसका असर अब बीएचयू की स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ने लगा है। एक ओर जहां बीएचयू सुपरस्पेशियलिटी ब्लॉक में मरीजों के भर्ती होने की संख्या बढ़ रही है तो वहीं आईएमएस बीएचयू के विभिन्न विभागों के चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसमें कुछ चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ अस्पताल में भर्ती हैं तो बड़ी संख्या में होम आइसोलेशन में भी हैं।बुधवार से प्रभावी करने का निर्णय
इसको देखते हुए आईएमएस बीएचयू प्रशासन ने अस्पताल में सामान्य ओपीडी को बंद करने का निर्णय लिया है। इसमें केवल इमरजेंसी सेवा ही चलती रहेगी। शनिवार को आईएमएस बीएचयू के निदेशक प्रोफेसर बीआर मित्तल की अध्यक्षता में हुई बैठक में इसका फैसला हो चुका है, जल्द ही आधिकारिक आदेश भी जारी कर दिया जाएगा। बैठक में इसे बुधवार से प्रभावी करने का निर्णय हुआ है।
नही उठा अस्पताल के एमएस का फोन
आईएमएस बीएचयू में निदेशक की अध्यक्षता में शनिवार को हुई बैठक में ओपीडी बंद करने का निर्णय लिया जा चुका है। निदेशक ने बताया कि आगे की व्यवस्थाओं के लिए एमएस को अधिकृत किया गया है। कब से ओपीडी बंद होगी, मरीजों की सुविधा के लिए और क्या फैसला होगा, इस बारे में जब एमएस डॉक्टर एसके माथुर को फोन किया गया तो उनका फोन नहीं उठा। ऐसे में यह व्यवस्था कब से प्रभावी होगी, इसको लेकर असमंजस बना हैं।
वाराणसी में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बीएचयू ने सर सुंदरलाल अस्पताल की ओपीडी को बंद करने का निर्णय लिया गया है। फिलहाल इमरजेंसी सेवा सामान्य दिनों की तरह चलती रहेगी। सुविधा के लिए टेलीमेडिसिन के माध्यम से मरीजों को परामर्श दिया जाएगा। यहां निर्धारित समय पर डॉक्टरों से मरीज परामर्श ले सकेंगे।
बीएचयू अस्पताल में न केवल वाराणसी और आसपास जिले के बल्कि बड़ी संख्या में पूर्वांचल, बिहार, झारखंड और अन्य जगहों के मरीज इलाज के लिए आते हैं। औसतन अगर ओपीडी की बात करें तो सामान्य दिनों में भी चार से पांच हजार मरीज ओपीडी में डॉक्टर को दिखाने के लिए आते हैं।
पिछले 10 दिनों से जिस तरह से कोरोना का संक्रमण बढ़ा है, उसका असर अब बीएचयू की स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ने लगा है। एक ओर जहां बीएचयू सुपरस्पेशियलिटी ब्लॉक में मरीजों के भर्ती होने की संख्या बढ़ रही है तो वहीं आईएमएस बीएचयू के विभिन्न विभागों के चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसमें कुछ चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ अस्पताल में भर्ती हैं तो बड़ी संख्या में होम आइसोलेशन में भी हैं।
बुधवार से प्रभावी करने का निर्णय
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