भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत शुक्रवार को चंदौली में थे। यहां इलिया क्षेत्र के भिटिया गांव में शिव मंदिर परिसर में किसान महापंचायत को उन्होंने संबोधित किया। राकेश टिकैत ने कहा कि 26 जनवरी को लाल किले पर ध्वज फहराने का षडयंत्र किया गया, ताकि किसान आंदोलन को कमजोर किया जा सके।इस मामले में किसानों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। राकेश टिकैत ने कहा, मुकदमा दर्ज कराने का अधिकार सरकार के पास है ही नहीं। लाल किले को सरकार पहले ही डालमिया को बेच चुकी है। ऐसे में डालमिया को मुकदमा कराना चाहिए। राकेश टिकैत ने संबोधन में कहा कि यह लड़ाई किसान, मजदूर, अनुसूचित जाति, शोषित और छोटे व्यापारियों की है। अगर यह लड़ाई कमजोर होगी तो शोषण होता रहेगा। सरकार में हमला बोलते हुए कहा कि सरकार देश में लोकतंत्र की जगह राजतंत्र को स्थापित करने की कोशिश कर रही है। इसी वजह से किसानों के हित के फैसले नहीं लिए जा रहे हैं। किसानों को बर्बाद करने वाला है कृषि कानून : टिकैत
नए कृषि कानूनों पर राकेश टिकैत ने कहा कि मोदी सरकार ने तीन जो कानून लाए हैं। वह किसानों को बर्बाद करने वाला है। बिहार का हवाला देते हुए कहा कि जो हालात बिहार के हैं उसे सुधारने में 10 साल लगेंगे। यहां की मंडियों में घास उगे हैं जो लूट के निशान हैं। कहा कि देश की स्थिति राजतंत्र जैसी हो गई है। लोकतंत्र के बाद देश में भूख का व्यापार होगा। एमएसपी पर कानून न होने से किसानों को 500 से एक हजार रुपये प्रति क्विंटल अनाज बेचना पड़ रहा है। इसके पूर्व आयोजक मंडल की ओर से राकेश टिकैत को स्मृति चिह्न एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।अध्यक्षता रामअनंत पांडेय और संचालन सुरेश यादव ने किया। इस अवसर पर यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश चौहान, राजवीर सिंह जादौन, जितेंद्र तिवारी, लक्ष्मण मौर्य, प्रह्लाद सिंह, किसान विकास मंच के संयोजक रामअवध सिंह, अफलातून देसाई, बाबूलाल मानव, रामअवतार सिंह, अनूप सिंह कौशिक, शैलेश मौर्या, रमाशंकर सरकार, हिमांशु, रमेश सिंह, नीरज रहे।
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