अभिषेक जायसवाल, वाराणसीउत्तर प्रदेश के वाराणसी में कोरोना अब बेकाबू हो गया है। बढ़ते कोरोना संक्रमण का असर अब धार्मिक आयोजनों पर भी देखा जा रहा है। वाराणसी के गंगा तट पर नित्य संध्या होने वाली विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती की भव्यता भी गुरुवार से सिमट गई है।वाराणसी के दशाश्वमेध और राजेंद्र प्रसाद घाट पर गुरुवार को महाआरती के बजाय मां गंगा की सांकेतिक आरती की गई। दशाश्वमेध घाट पर गंगोत्री सेवा समिति द्वारा होने वाली गंगा आरती को 5 अर्चक के बजाय सिर्फ 1 अर्चक द्वारा सम्पन्न कराया गया। राजेन्द्र प्रसाद घाट पर भी ऐसा ही नजारा दिखा।दूर से भक्त निहारते रहे आरतीजिला प्रशासन के आदेश के बाद आयोजकों ने गंगा आरती के रूप को सूक्ष्म कर दिया। बिना लाउड स्पीकर के गंगा तट पर आरती हुई। प्रशासनिक आदेश के चलते भक्तों के गंगा आरती में भक्तों का प्रवेश भी वर्जित रहा। लेकिन दूर दराज से आए भक्त दूर से ही घाटों की सीढ़ियों पर बैठ गंगा आरती को निहारते रहे।नवम्बर 2020 में लौटी थी भव्यतामार्च में लॉकडाउन के ऐलान के साथ ही वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर बिना भक्तों के सांकेतिक आरती कर परम्परा का निर्वहन किया जा रहा था। अनलॉक की छूट के बाद 21 नवम्बर 2020 के बाद से घाटों पर होने वाली गंगा आरती की भव्यता लौटी तो भक्त इसके दीदार के लिए यहां जुटने लगे। अप्रैल से फिर से तेजी से बढ़ते कोरोना के कारण अब गुरुवार से फिर आरती सांकेतिक रूप में आ गई।ताकि न हो परेशानीगंगोत्री सेवा समिति के संस्थापक किशोरी रमन दुबे ने बताया कि भक्तों की सहूलियत और स्वास्थ्य को देखते हुए सरकारी आदेश के बाद संस्था ने आरती के स्वरूप को सूक्ष्म कर दिया है। हालात फिर से सामान्य होंगे तो आरती अपने पुराने रूप में लौटेगी।
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