वाराणसी में रविदास गेट के समीप फल विक्रेता काशीनाथ मौर्य उर्फ सोनू की हत्या और उसके भाई विश्वनाथ उर्फ मोनू की हत्या के प्रयास के विरोध में मंगलवार को लंका की दुकानों के शटर नहीं उठे। सुबह लंका थाने का घेराव करने के बाद शाम को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सोनू का शव सौंपा गया तो सभी हत्यारोपियों को फांसी की सजा की मांग को लेकर पुन: लंका थाने के समीप प्रदर्शन करने लगे। भाजपा के कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने पीड़ित परिजनों को 25 लाख रुपये मुआवजा और काशीनाथ की पत्नी को सरकारी नौकरी दिलाने के साथ ही आरोपियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन देकर प्रदर्शन कर रहे लोगों को शांत कराया। तब जाकर परिजन भाजपा विधायक के साथ शव लेकर हरिश्चंद्र घाट के लिए रवाना हुए। इस दौरान लंका से नगवा मार्ग पर वाहनों की लंबी कतार लगी हुई थी।बीएचयू के तीन छात्र गिरफ्तारउधर, पुलिस ने घटनास्थल के समीप लगे सीसी कैमरों की फुटेज की मदद से सात आरोपियों को चिह्नित किया है। प्रकरण में बीएचयू के तीन छात्रों, एलबीएस हॉस्टल में रहने वाले पटना निवासी आनंद राज चौधरी व सुबोध कुमार और सुसुवाही में रहने वाले व बक्सर निवासी अंकुर सिंह को गिरफ्तार किया है। पुलिस को वारदात में गिरफ्तार तीनों आरोपियों के दोस्त हिमांशु पांडेय, घनश्याम राय, गोपी सिंह सहित पांच लोगों की तलाश है। इस दौरान सुबह से लेकर रात तक रविदास गेट के आसपास का क्षेत्र छावनी में तब्दील रहा और पांच थानों की फोर्स व पीएसी तैनात रही।
नगवा निवासी सगे भाई काशीनाथ, विश्वनाथ और शिवनाथ की रविदास गेट के समीप फल की दुकान है। शिवनाथ के अनुसार, सोमवार की शाम सात बजे के लगभग वह अपनी दुकान से थोड़ी दूर पर खड़ा था। उसी दौरान आनंद और सुबोध अपने पांच-छह दोस्तों के साथ उसकी दुकान पर आए। सभी दुकान पर पहुंचते ही काशीनाथ और विश्वनाथ से मारपीट कर दोनों पर चाकू से ताबड़तोड़ वार करने लगे।काशीनाथ के सीने में बायीं तरफ चाकू लगने के कारण बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में उसकी मौत हो गई जबकि विश्वनाथ अभी भी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। वारदात को अंजाम देकर मौके से भाग रहे आरोपियों में से आनंद और सुबोध को लोगों ने पकड़ कर पुलिस को सौंप दिया। वहीं लंका इंस्पेक्टर महेश पांडेय ने थाने की क्राइम टीम के दरोगा राजकुमार पांडेय और शशि प्रताप सिंह के साथ सुसुवाही में दबिश देकर अंकुर को गिरफ्तार किया। चिह्नित चार अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस की चार अलग-अलग टीमें दबिश दे रही है।होलिका के दिन हुआ था विवाद, हिमांशु ने कहा था सिखाएंगे सबक
आनंद, सुबोध और अंकुर ने पुलिस को बताया कि काशी विद्यापीठ में पढ़ने वाले और एलबीएस हॉस्टल में ही रहने वाले हिमांशु पांडेय से होलिका दहन के दिन काशीनाथ से किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। विवाद की वजह हिमांशु ही जानता है। तभी हिमांशु ने कहा था कि काशीनाथ को मजा चखाएंगे। सोमवार को हिमांशु के कहने पर ही गोपी ने उन सभी को बुलाया। इसके बाद सभी काशीनाथ की दुकान पर पहुंचे और सेव की कीमत पूछने के बहाने उसे व उसके भाई को घेर कर चाकू से ताबड़तोड़ वार कर दिए।बीएचयू के कुछ छात्रों से आजिज आ गए हैं लंका के दुकानदारबीएचयू के कुछ छात्रों की गुंडागर्दी से लंका के दुकानदार आजिज आ गए हैं। लंका के मेडिकल स्टोर से लेकर अन्य दुकानों के दुकानदारों से जबरन वसूली और मारपीट की घटना आम बात सी हो गई है। यहां तक कि सामान खरीदने के बाद पैसा मांगने पर भी छात्र अनायास ही मारपीट शुरू कर देते हैं। इसके अलावा अलग-अलग त्योहारों पर मनमाना चंदा भी वसूलते हैं। इस संबंध में डीसीपी काशी जोन अमित कुमार ने बताया कि लंका इंस्पेक्टर को कहा गया है कि वह दुकानदारों से बात कर पता लगाएं कि ऐसे कौन से छात्र हैं जो अराजकता फैलाते हैं। सभी को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस वारदात में संलिप्त सभी आरोपियों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। इन आरोपियों को शरण देने वाले भी कार्रवाई की जद में आएंगे। इसके अलावा लंका और भेलूपुर थाना क्षेत्र के हॉस्टल और गेस्ट हाउस में रहने वालों का भी पुलिस सत्यापन करेगी।
पत्नी-मां बेसुध, भाजपा विधायक ने सीएम को चिट्ठी भेज कर शव को दिया कंधा
काशीनाथ की हत्या और विश्वनाथ के हत्या के प्रयास की घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पिता रमेश मौर्या को परिजन बड़ी ही मुश्किल से संभाले हुए थे। दोनों भाइयों की मां शीला देवी और काशीनाथ की पत्नी पिंगला मौर्या की हालत बेसुधों जैसी थी। वह बार-बार यही कह रही थी कि अब मेरा आठ साल का बच्चा किसके सहारे जिएगा, कैसे वह पढ़ेगा। पिता रमेश ने बताया कि काशीनाथ उनका कमाऊ पूत था। वह 25 साल पहले आजमगढ़ के जूना तरवा से आकर नगवा में बसे थे। उन्होंने कहा कि घटना से पहले फल की दुकान पर वही बैठे थे। काश वह दुकान से न गए होते तो शायद हत्यारे उनके दोनों बच्चों पर जानलेवा हमला न करते।पीड़ित परिजनों को ढांढस बंधाते हुए भाजपा के कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने कहा कि तत्काल 30 हजार की मदद, 25 लाख की आर्थिक मदद, बच्चे की पढ़ाई, पत्नी की सरकारी नौकरी और सुरक्षा के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेज दिया है। उन्होंने परिजनों से कहा कि वह उनके बड़े बेटे हैं और दुख की इस घड़ी में पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं। इसके साथ ही वह काशीनाथ के शव को कंधा देकर उसकी अंत्येष्टि के दौरान हरिश्चंद्र घाट पर मौजूद रहे। उधर, कांग्रेस नेता व पूर्व सांसद राजेश मिश्रा, कांग्रेस नेता व पूर्व विधायक अजय राय, सपा नेता व पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह पटेल, पूर्व विधायक महेंद्र पटेल सहित अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी पीड़ित परिजनों को ढांढस बंधाया।पुलिस और प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच जमकर नोकझोंक
मंगलवार की सुबह और शाम लंका थाने के समीप प्रदर्शन के दौरान काशीनाथ के परिजनों और पुलिस में तीखी नोकझोंक हुई। परिजनों ने पुलिस पर काशीनाथ के मासूम बेटे पर हाथ छोड़ने का आरोप लगाया। सभी का कहना था कि हमारे एक लड़के की हत्या हुई है और दूसरा जिंदगी-मौत के बीच जूझ रहा है। पुलिस हत्यारों को पकड़ने की बजाय हम सब पर ही अपना गुस्सा दिखा रही है। भाजपा विधायक सौरभ ने परिजनों को शांत कराया और पुलिस को फटकार लगाते हुए संयम बरतने के लिए कहा।
Nationalism Always Empower People
More Stories
Mainpuri में युवती की हत्या: करहल उपचुनाव के कारण सियासी घमासान, सपा और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप
Hathras में खेत बेचने के नाम पर लाखों की ठगी, पुलिस ने सात आरोपियों के खिलाफ दर्ज किया मुकदमा
Uttar Pradesh Police Recruitment 2024: सिपाही नागरिक पुलिस के 60,244 पदों पर कट ऑफ लिस्ट जारी, दिसंबर में दस्तावेज परीक्षण और शारीरिक परीक्षा