prayagraj news : Dr. Ak Bansal (File Photo)
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जीवन ज्योति अस्पताल के निदेशक डॉ. एके बंसल की हत्या में जिन शूटरों का हाथ था, वह कुख्यात फ्रैक्चर गैंग के सदस्य थे। दिनदहाड़े हत्या करना इनका शगल था। रुपयों के लिए किसी को गोली मारना इनके लिए आम बात थी। 2015 में इस गिरोह ने पहली बार हत्या की वारदात की। गिरोह के सदस्यों ने इस वारदात को जिस दुस्साहसिक तरीके से अंजाम दिया, उसके चलते न सिर्फ प्रतापगढ़ बल्कि आसपास के जनपदों में भी उनका आतंक कायम हो गया। एसटीएफ अफसरों के मुताबिक, पूछताछ में शूटर शोएब ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। बताया कि उसके साथ ही डॉक्टर बंसल की हत्या में शामिल मकसूद उर्फ जैद और यासिर ने गिरोह बना रखा था, जिसे उन्होंने फ्रैक्चर गैंग का नाम दिया था। वर्चस्व कायम करने के लिए वह शुरू में मारपीट किया करते थे। धीरे-धीरे उनका दुस्साहस बढ़ता गया।
इसी दौरान उनका चुनमुन नाम के युवक से विवाद हुआ। उस दौरान वह पहला व्यक्ति था, जिसने इस गैंग से भिड़ने की हिम्मत दिखाई थी। वर्ष 2015 में चुनमुन जब प्रतापगढ़ के मानधाता में बस में बैठकर कहीं जा रहा था, तभी फ्रैक्चर गैंग ने बीच रास्ते बस रुकवाई और फिर खचाखच भरी बस में घुसकर चुनमुन की गोली मारकर हत्या कर दी। इस सनसनीखेज हत्याकांड के बाद ही गिरोह के सदस्य अपराध जगत में कुख्यात हो गए। फिर उन्होंने भाड़े पर हत्या का काम शुरू कर दिया।
गलतफहमी मेें कर दी थी डॉक्टर की हत्या
फ्रैक्चर गैंग के सदस्यों ने 2015 में ही हत्या की एक खौफनाक वारदात प्रतापगढ़ के नगर कोतवाली क्षेत्र में अंजाम दी। उन्हें हरिप्रताप सिंह की हत्या की सुपारी मिली थी। जिसके लिए वह तय समय पर चिलबिला रेलवे क्रॉसिंग के पास पहुंच गए। लेकिन वहां उनसे चूक हुई। मिलती जुलती शक्ल के चलते उन्होंने हरिप्रताप की जगह डॉ. प्रभात की गोली मारकर हत्या कर दी। मार्बल कारोबारी की हत्या में भी आया था नामएसटीएफ अफसरों ने बताया कि गैंग के बढ़ते वर्चस्व के चलते इसके सदस्य रंगदारी मांगने का भी काम करने लगे थे। यही वजह थी कि प्रतापगढ़ के बड़े मार्बल व्यापारी राजेश सिंह से भी उनकी ठन गई थी। बाद में उनकी हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड की जांच भी एसटीएफ ने शुरू कर दी है।
पेड़ पर करते थे फायरिंग की प्रैक्टिस
एसटीएफ अफसरों ने बताया कि फ्रैक्चर गिरोह के सदस्य प्रतापगढ़ में भुलियापुर गांव के पास जंगल में स्थित एक पेड़ पर फायरिंग की प्रैक्टिस करते थे। कारतूसों के फायर से उन्होंने पेड़ पर 1090 लिखा था। इसके अलावा निशानेबाजी के लिए जंगल में जानवरों का भी शिकार करते थे। इनके आतंक के चलते ही ग्रामीण भी कुछ बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे। लूट व एटीएम क्लोनिंग में भी गया जेलगिरफ्तार किया गया शोएब लूट व एटीएम क्लोनिंग में भी जेल जा चुका है। 2018 में हत्या के प्रयास के मामले में उसे नामजद किया गया था। जिसके बाद से वह लगातार फरार चल रहा था। पुलिस ने इस मामले में उस पर 50 हजार का इनाम भी घोषित कराया था। यही नहीं प्रतापगढ़ और प्रयागराज के अलावा इस गैंग के सदस्यों पर अमेठी के पीपरपुर गांव में भी हत्या का प्रयास का मुकदमा दर्ज है।
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जीवन ज्योति अस्पताल के निदेशक डॉ. एके बंसल की हत्या में जिन शूटरों का हाथ था, वह कुख्यात फ्रैक्चर गैंग के सदस्य थे। दिनदहाड़े हत्या करना इनका शगल था। रुपयों के लिए किसी को गोली मारना इनके लिए आम बात थी। 2015 में इस गिरोह ने पहली बार हत्या की वारदात की। गिरोह के सदस्यों ने इस वारदात को जिस दुस्साहसिक तरीके से अंजाम दिया, उसके चलते न सिर्फ प्रतापगढ़ बल्कि आसपास के जनपदों में भी उनका आतंक कायम हो गया।
एसटीएफ अफसरों के मुताबिक, पूछताछ में शूटर शोएब ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए। बताया कि उसके साथ ही डॉक्टर बंसल की हत्या में शामिल मकसूद उर्फ जैद और यासिर ने गिरोह बना रखा था, जिसे उन्होंने फ्रैक्चर गैंग का नाम दिया था। वर्चस्व कायम करने के लिए वह शुरू में मारपीट किया करते थे। धीरे-धीरे उनका दुस्साहस बढ़ता गया।
prayagraj news : डॉ. एके बंसल की हत्या के आरोप में गिरफ्तार शूटर।
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इसी दौरान उनका चुनमुन नाम के युवक से विवाद हुआ। उस दौरान वह पहला व्यक्ति था, जिसने इस गैंग से भिड़ने की हिम्मत दिखाई थी। वर्ष 2015 में चुनमुन जब प्रतापगढ़ के मानधाता में बस में बैठकर कहीं जा रहा था, तभी फ्रैक्चर गैंग ने बीच रास्ते बस रुकवाई और फिर खचाखच भरी बस में घुसकर चुनमुन की गोली मारकर हत्या कर दी। इस सनसनीखेज हत्याकांड के बाद ही गिरोह के सदस्य अपराध जगत में कुख्यात हो गए। फिर उन्होंने भाड़े पर हत्या का काम शुरू कर दिया।
prayagraj news : डॉ. एके बंसल का हत्यारोपी शूटर शोएब।
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गलतफहमी मेें कर दी थी डॉक्टर की हत्या
फ्रैक्चर गैंग के सदस्यों ने 2015 में ही हत्या की एक खौफनाक वारदात प्रतापगढ़ के नगर कोतवाली क्षेत्र में अंजाम दी। उन्हें हरिप्रताप सिंह की हत्या की सुपारी मिली थी। जिसके लिए वह तय समय पर चिलबिला रेलवे क्रॉसिंग के पास पहुंच गए। लेकिन वहां उनसे चूक हुई। मिलती जुलती शक्ल के चलते उन्होंने हरिप्रताप की जगह डॉ. प्रभात की गोली मारकर हत्या कर दी। मार्बल कारोबारी की हत्या में भी आया था नामएसटीएफ अफसरों ने बताया कि गैंग के बढ़ते वर्चस्व के चलते इसके सदस्य रंगदारी मांगने का भी काम करने लगे थे। यही वजह थी कि प्रतापगढ़ के बड़े मार्बल व्यापारी राजेश सिंह से भी उनकी ठन गई थी। बाद में उनकी हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड की जांच भी एसटीएफ ने शुरू कर दी है।
बंसल हत्याकांड
– फोटो : self
पेड़ पर करते थे फायरिंग की प्रैक्टिस
एसटीएफ अफसरों ने बताया कि फ्रैक्चर गिरोह के सदस्य प्रतापगढ़ में भुलियापुर गांव के पास जंगल में स्थित एक पेड़ पर फायरिंग की प्रैक्टिस करते थे। कारतूसों के फायर से उन्होंने पेड़ पर 1090 लिखा था। इसके अलावा निशानेबाजी के लिए जंगल में जानवरों का भी शिकार करते थे। इनके आतंक के चलते ही ग्रामीण भी कुछ बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे। लूट व एटीएम क्लोनिंग में भी गया जेलगिरफ्तार किया गया शोएब लूट व एटीएम क्लोनिंग में भी जेल जा चुका है। 2018 में हत्या के प्रयास के मामले में उसे नामजद किया गया था। जिसके बाद से वह लगातार फरार चल रहा था। पुलिस ने इस मामले में उस पर 50 हजार का इनाम भी घोषित कराया था। यही नहीं प्रतापगढ़ और प्रयागराज के अलावा इस गैंग के सदस्यों पर अमेठी के पीपरपुर गांव में भी हत्या का प्रयास का मुकदमा दर्ज है।
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