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इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) की ऑनलाइन परीक्षा के पहले ही दिन अव्यवस्था हावी रही। पोर्टल पर उत्तर पुस्तिका की पीडीएफ अपलोड न होने से परेशान परीक्षार्थी परीक्षा नियंत्रक के कार्यालय पहुंच गए और वहां जमकर हंगामा किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए इविवि प्रशासन ने छात्रों को पीडीएफ अपलोड करने के लिए डेढ़ घंटे का अतिरिक्त समय दिया। इविवि एवं संघटक महाविद्यालयों की सत्र 2020-21 की विषम सेमेस्टर की मुख्य परीक्षाएं और सत्र 2019-20 की स्नातक द्वितीय एवं तृतीय वर्ष की बैक पेपर की परीक्षाएं शनिवार से शुरू हुईं। परीक्षाएं तीन पालियों सुबह आठ से 10, सुबह 11 से दोपहर एक और अपराह्न दो से चार बजे तक प्रस्तावित थीं। दो घंटे की परीक्षा के बाद अभ्यर्थियों को उत्तर पुस्तिका की पीडीएफ अपलोड करने के लिए 45 मिनट का अतिरिक्त समय दिया गया था। इन परीक्षाओं के लिए दस हजार परीक्षार्थी पंजीकृत हैं। बड़ी संख्या में एक साथ पोर्टल खोलने पर लोड बढ़ा और समस्या शुरू हो गई।किसी परीक्षार्थी का प्रश्रपत्र डाउनलोड नहीं हो रहा था तो कोई अपनी उत्तर पुस्तिका की पीडीएफ अपलोड नहीं कर पा रहा था। छात्रों ने एक-दूसरे को फोन किया तो पता चला कि ज्यादातर परीक्षार्थी ऐसी ही समस्याओं से जूझ रहे हैं। इविवि प्रशासन की ओर से पहले ही स्पष्ट किया जा चुका था कि उत्तर पुस्तिका की पीडीएफ सिर्फ पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। अन्य किसी माध्यम से उत्तर पुस्तिका स्वीकार नहीं की जाएगी। छात्रों के सामने कोई विकल्प नहीं था। उन्हें लगा कि पीडीएफ अपलोड नहीं हुई तो फेल हो जाएंगे।छात्रों ने हेल्पलाइन नंबर पर भी फोन किया, लेकिन नंबर भी लगातार व्यस्त जा रहा था। अगर नंबर उठा भी तो जवाब मिला कि प्रयास करते रहें, लेकिन समस्या को कोई ठोस हल नहीं निकल सका। हताश होकर छात्र परीक्षा नियंत्रक कार्यालय पहुंच गए और मांग करने लगे कि उत्तर पुस्तिका की हार्डकॉपी जमा की जाए या ईमेल के माध्यम से भी कॉपियां स्वीकार की जाएं। देर शाम तक चले हंगामे के बाद सुबह आठ से 10 और सुबह 11 से दोपहर एक बजे की पाली में परीक्षा देने वाले छात्रों को शनिवार शाम चार बजे से डेढ़ घंटे तक और तीसरी पाली में परीक्षा देने वाले छात्रों को शाम 5.30 बजे से डेढ़ घंटे तक उत्तर पुस्तिका की पीडीएफ अपलोड करने के लिए अतिरिक्त समय दिया गया। हालांकि रात तक परीक्षा नियंत्रक कार्यालय के बाहर परीक्षार्थी डटे रहे। परीक्षा नियंत्रक प्रो. रमेंद्र कुमार सिंह के अनुसार 80 फीसदी कॉपियां पोर्टल पर अपलोड हो गईं हैं। आज से पीडीएफ अपलोड करने के लिए मिलेंगे दो घंटेऑनलाइन परीक्षा में पहले दिन सामने आईं दिक्कतों के मद्देनजर इविवि प्रशासन ने उत्तर पुस्तिका की पीडीएफ पोर्टल पर अपलोड करने की समय सीमा 45 मिनट से बढ़ाकर दो घंटे कर दी है। इविवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो. रमेंद्र कुमार सिंह के अनुसार यह व्यवस्था चार अप्रैल से लागू की गई है। ईमेल, ऑफलाइन माध्यम से भी स्वीकार होंगी कॉपियांइविवि की ऑनलाइन परीक्षा में व्यवस्था गड़बड़ाई तो विश्वविद्यालय प्रशासन को बैकफुट पर आना पड़ा। इविवि प्रशासन ने शनिवार रात निर्णय लिया कि जिन विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं दूसरे प्रयास में भी पोर्टल पर सब्मिट नहीं हो पाईं हैं, उनकी उत्तर पुस्तिकाएं ऑफलाइन और ईमेल के माध्यम से स्वीकार की जाएंगी। परीक्षा नियंत्रक प्रो. रमेंद्र कुमार सिंह के अनुसार परीक्षार्थी अपनी उत्तर पुस्तिकाओं की पीडीएफ ईमेल आईडी [email protected] पर भी प्रेषित कर सकते हैं। परीक्षार्थियों को au_Roll No_paper code नाम से फाइल बनानी है। पेपर कोड की जगह विषय कोड नहीं लिखना है। परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि कुछ कॉपियों ऑफलाइन माध्यम से जमा भी कर ली गई हैं।छात्रों ने पहले ही जताई थी गड़बड़ी की आशंकाइविवि के छात्रों ने कुलपति को पत्र लिखकर पहले ही आशंका जताई थी कि ऑनलाइन परीक्षा में दिक्कत आ सकती है। छात्रों ने यह मांग भी की थी कि उत्तर पुस्तिका की पीडीएफ ईमेल आईडी और व्हाट्सएप पर भी स्वीकार की जाए। छात्रों ने पिछले साल हुई अंतिम सेमेस्टर और अंतिम वर्ष की ऑनलाइन परीक्षा का उदाहरण देते हुए यह मांग की थी, जिसमें उत्तर पुस्तिका की पीडीएफ ऑनलाइन अपलोड न पाने की स्थिति में इविवि प्रशासन ने ईमेल के माध्यम से कॉपियां स्वीकार की थीं। साथ ही बड़ी संख्या में परीक्षार्थियों ने सीधे परीक्षा नियंत्रक कार्यालय जाकर उत्तर पुस्तिका की हार्ड कॉपी जमा की थी।देर रात तक परेशान रहे शहर से बाहर रहने वाले परीक्षार्थियों इविवि में हॉस्टल बंद हैं और बड़ी संख्या में छात्र अपने घरों में रहकर ऑनलाइन परीक्षा दे रहे हैं। ऐसे छात्र देर रात तक परेशान रहे। शहर से बाहर रहकर परीक्षा दे रहे छात्रों की उत्तर पुस्तिका की पीडीएफ भी पोर्टल पर अपलोड नहीं हुई तो उन्होंने हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क किया। वहां भी समस्या का निराकरण नहीं हुआ तो छात्रों ने फोन पर ही अपने शिक्षकों और विभागाध्यक्ष से संपर्क किया, लेकिन उनके हाथ में भी कुछ नहीं था। परीक्षार्थी देर रात तक परेशान रहे कि आखिर क्या करें।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) की ऑनलाइन परीक्षा के पहले ही दिन अव्यवस्था हावी रही। पोर्टल पर उत्तर पुस्तिका की पीडीएफ अपलोड न होने से परेशान परीक्षार्थी परीक्षा नियंत्रक के कार्यालय पहुंच गए और वहां जमकर हंगामा किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए इविवि प्रशासन ने छात्रों को पीडीएफ अपलोड करने के लिए डेढ़ घंटे का अतिरिक्त समय दिया।
इविवि एवं संघटक महाविद्यालयों की सत्र 2020-21 की विषम सेमेस्टर की मुख्य परीक्षाएं और सत्र 2019-20 की स्नातक द्वितीय एवं तृतीय वर्ष की बैक पेपर की परीक्षाएं शनिवार से शुरू हुईं। परीक्षाएं तीन पालियों सुबह आठ से 10, सुबह 11 से दोपहर एक और अपराह्न दो से चार बजे तक प्रस्तावित थीं। दो घंटे की परीक्षा के बाद अभ्यर्थियों को उत्तर पुस्तिका की पीडीएफ अपलोड करने के लिए 45 मिनट का अतिरिक्त समय दिया गया था। इन परीक्षाओं के लिए दस हजार परीक्षार्थी पंजीकृत हैं। बड़ी संख्या में एक साथ पोर्टल खोलने पर लोड बढ़ा और समस्या शुरू हो गई।
किसी परीक्षार्थी का प्रश्रपत्र डाउनलोड नहीं हो रहा था तो कोई अपनी उत्तर पुस्तिका की पीडीएफ अपलोड नहीं कर पा रहा था। छात्रों ने एक-दूसरे को फोन किया तो पता चला कि ज्यादातर परीक्षार्थी ऐसी ही समस्याओं से जूझ रहे हैं। इविवि प्रशासन की ओर से पहले ही स्पष्ट किया जा चुका था कि उत्तर पुस्तिका की पीडीएफ सिर्फ पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। अन्य किसी माध्यम से उत्तर पुस्तिका स्वीकार नहीं की जाएगी। छात्रों के सामने कोई विकल्प नहीं था। उन्हें लगा कि पीडीएफ अपलोड नहीं हुई तो फेल हो जाएंगे।
छात्रों ने हेल्पलाइन नंबर पर भी फोन किया, लेकिन नंबर भी लगातार व्यस्त जा रहा था। अगर नंबर उठा भी तो जवाब मिला कि प्रयास करते रहें, लेकिन समस्या को कोई ठोस हल नहीं निकल सका। हताश होकर छात्र परीक्षा नियंत्रक कार्यालय पहुंच गए और मांग करने लगे कि उत्तर पुस्तिका की हार्डकॉपी जमा की जाए या ईमेल के माध्यम से भी कॉपियां स्वीकार की जाएं। देर शाम तक चले हंगामे के बाद सुबह आठ से 10 और सुबह 11 से दोपहर एक बजे की पाली में परीक्षा देने वाले छात्रों को शनिवार शाम चार बजे से डेढ़ घंटे तक और तीसरी पाली में परीक्षा देने वाले छात्रों को शाम 5.30 बजे से डेढ़ घंटे तक उत्तर पुस्तिका की पीडीएफ अपलोड करने के लिए अतिरिक्त समय दिया गया। हालांकि रात तक परीक्षा नियंत्रक कार्यालय के बाहर परीक्षार्थी डटे रहे। परीक्षा नियंत्रक प्रो. रमेंद्र कुमार सिंह के अनुसार 80 फीसदी कॉपियां पोर्टल पर अपलोड हो गईं हैं।
आज से पीडीएफ अपलोड करने के लिए मिलेंगे दो घंटे
ऑनलाइन परीक्षा में पहले दिन सामने आईं दिक्कतों के मद्देनजर इविवि प्रशासन ने उत्तर पुस्तिका की पीडीएफ पोर्टल पर अपलोड करने की समय सीमा 45 मिनट से बढ़ाकर दो घंटे कर दी है। इविवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो. रमेंद्र कुमार सिंह के अनुसार यह व्यवस्था चार अप्रैल से लागू की गई है।
ईमेल, ऑफलाइन माध्यम से भी स्वीकार होंगी कॉपियां
इविवि की ऑनलाइन परीक्षा में व्यवस्था गड़बड़ाई तो विश्वविद्यालय प्रशासन को बैकफुट पर आना पड़ा। इविवि प्रशासन ने शनिवार रात निर्णय लिया कि जिन विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं दूसरे प्रयास में भी पोर्टल पर सब्मिट नहीं हो पाईं हैं, उनकी उत्तर पुस्तिकाएं ऑफलाइन और ईमेल के माध्यम से स्वीकार की जाएंगी। परीक्षा नियंत्रक प्रो. रमेंद्र कुमार सिंह के अनुसार परीक्षार्थी अपनी उत्तर पुस्तिकाओं की पीडीएफ ईमेल आईडी [email protected] पर भी प्रेषित कर सकते हैं। परीक्षार्थियों को au_Roll No_paper code नाम से फाइल बनानी है। पेपर कोड की जगह विषय कोड नहीं लिखना है। परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि कुछ कॉपियों ऑफलाइन माध्यम से जमा भी कर ली गई हैं।
छात्रों ने पहले ही जताई थी गड़बड़ी की आशंका
इविवि के छात्रों ने कुलपति को पत्र लिखकर पहले ही आशंका जताई थी कि ऑनलाइन परीक्षा में दिक्कत आ सकती है। छात्रों ने यह मांग भी की थी कि उत्तर पुस्तिका की पीडीएफ ईमेल आईडी और व्हाट्सएप पर भी स्वीकार की जाए। छात्रों ने पिछले साल हुई अंतिम सेमेस्टर और अंतिम वर्ष की ऑनलाइन परीक्षा का उदाहरण देते हुए यह मांग की थी, जिसमें उत्तर पुस्तिका की पीडीएफ ऑनलाइन अपलोड न पाने की स्थिति में इविवि प्रशासन ने ईमेल के माध्यम से कॉपियां स्वीकार की थीं। साथ ही बड़ी संख्या में परीक्षार्थियों ने सीधे परीक्षा नियंत्रक कार्यालय जाकर उत्तर पुस्तिका की हार्ड कॉपी जमा की थी।
देर रात तक परेशान रहे शहर से बाहर रहने वाले परीक्षार्थियों
इविवि में हॉस्टल बंद हैं और बड़ी संख्या में छात्र अपने घरों में रहकर ऑनलाइन परीक्षा दे रहे हैं। ऐसे छात्र देर रात तक परेशान रहे। शहर से बाहर रहकर परीक्षा दे रहे छात्रों की उत्तर पुस्तिका की पीडीएफ भी पोर्टल पर अपलोड नहीं हुई तो उन्होंने हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क किया। वहां भी समस्या का निराकरण नहीं हुआ तो छात्रों ने फोन पर ही अपने शिक्षकों और विभागाध्यक्ष से संपर्क किया, लेकिन उनके हाथ में भी कुछ नहीं था। परीक्षार्थी देर रात तक परेशान रहे कि आखिर क्या करें।
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