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एंबुलेंस मामले में बाराबंकी में मुकदमा दर्ज होने के बाद मुख्तार के खिलाफ डॉ. अलका ने दी तहरीर

मऊ सदर से बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की पेशी में इस्तेमाल होने वाली एंबुलेंस के मामले में बाराबंकी में मुकदमा दर्ज होने पर भाजपा नेत्री डॉ. अलका राय ने प्रेसवार्ता कर खुद को बेगुनाह बताया है। उन्होंने विधायक पर साजिश के तहत फंसाने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को शहर कोतवाली में तहरीर दी।भाजपा गोरक्ष क्षेत्र की महिला मोर्चा की महामंत्री और पेशे से चिकित्सक डा. अलका राय ने तहरीर में बताया कि वर्ष 2015 में मुख्तार के प्रतिनिधि ने उनसे एक कागज पर दस्तखत कराया था। बताया था कि जनता को समर्पित करने के लिए मऊ विधायक एक एंबुलेंस खरीद रहे हैं। एंबुलेंस तभी खरीदी जाएगी, जब किसी अस्पताल का रिफरेंस होगा।जनहित को देखते हुए उन्होंने दस्तखत कर दिया था। अब वह एंबुलेंस बाराबंकी जिले में फर्जी पते पर कैसे पंजीकृत हो गई, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। डॉ. अलका राय के अनुसार, हस्ताक्षर कराने के दौरान विधायक के प्रतिनिधि ने उनसे 15 या 20 हजार रुपये का एक चेक भी लिया था। बताया कि बाराबंकी से उनका कभी कोई नाता नहीं रहा है।यदि उनके नाम से फर्जी पते पर वाहन का पंजीकरण कराया गया, तो निश्चित तौर से उन्हें षड्यंत्र के तहत फंसाया गया है। इस बारे में सीओ नगर धनंजय मिश्रा ने बताया कि बाराबंकी में डा. अलका राय के विरुद्घ रिपोर्ट दर्ज हुई है। धोखाधड़ी बाराबंकी में हुई है। ऐसे में यहां तहरीर देने का कोई मतलब नहीं है। यह मामला छोटा नहीं है, बल्कि यह संगठित अपराध से जुड़ा है।

मऊ सदर से बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की पेशी में इस्तेमाल होने वाली एंबुलेंस के मामले में बाराबंकी में मुकदमा दर्ज होने पर भाजपा नेत्री डॉ. अलका राय ने प्रेसवार्ता कर खुद को बेगुनाह बताया है। उन्होंने विधायक पर साजिश के तहत फंसाने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को शहर कोतवाली में तहरीर दी।

भाजपा गोरक्ष क्षेत्र की महिला मोर्चा की महामंत्री और पेशे से चिकित्सक डा. अलका राय ने तहरीर में बताया कि वर्ष 2015 में मुख्तार के प्रतिनिधि ने उनसे एक कागज पर दस्तखत कराया था। बताया था कि जनता को समर्पित करने के लिए मऊ विधायक एक एंबुलेंस खरीद रहे हैं। एंबुलेंस तभी खरीदी जाएगी, जब किसी अस्पताल का रिफरेंस होगा।

जनहित को देखते हुए उन्होंने दस्तखत कर दिया था। अब वह एंबुलेंस बाराबंकी जिले में फर्जी पते पर कैसे पंजीकृत हो गई, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। डॉ. अलका राय के अनुसार, हस्ताक्षर कराने के दौरान विधायक के प्रतिनिधि ने उनसे 15 या 20 हजार रुपये का एक चेक भी लिया था। बताया कि बाराबंकी से उनका कभी कोई नाता नहीं रहा है।
यदि उनके नाम से फर्जी पते पर वाहन का पंजीकरण कराया गया, तो निश्चित तौर से उन्हें षड्यंत्र के तहत फंसाया गया है। इस बारे में सीओ नगर धनंजय मिश्रा ने बताया कि बाराबंकी में डा. अलका राय के विरुद्घ रिपोर्ट दर्ज हुई है। धोखाधड़ी बाराबंकी में हुई है। ऐसे में यहां तहरीर देने का कोई मतलब नहीं है। यह मामला छोटा नहीं है, बल्कि यह संगठित अपराध से जुड़ा है।