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मेडिकल की तैयारी करने वाले छात्र ने फांसी लगाकर जान दी 

कटरा स्थित द्वारकापुरी में रहने वाले मेडिकल परीक्षा की तैयारी करने वाले अभिज्ञान पाठक (18) ने फांसी लगाकर जान दे दी। जानकारी पर परिजनों में कोहराम मच गया। सूचना पर पुलिस पहुंची लेकिन घरवालों ने पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया। पुलिस के मुताबिक, छात्र ने अवसाद के चलते आत्मघाती कदम उठाया। संतोष पाठक मूल रूप से आजमगढ़ के रहने वाले हैं। वह और उनकी पत्नी बबिता नामी सीमेंट कंपनी में अफसर हैं। पति-पत्नी दो बच्चों संग कटरा के द्वारकापुरी में किराये के कमरे में रहते थे। बड़े बेटे अभिज्ञान ने डीपीएस से 12वीं की परीक्षा 96 प्रतिशत अंकों के साथ पास की थी। वर्तमान में वह मेडिकल परीक्षा की तैयारी में जुटा था। पुलिस के मुताबिक, परिजनों ने बताया कि शुक्रवार शाम पांच बजे के करीब पिता घर पर नहीं थे। मां घर के काम में व्यस्त थीं जबकि छोटा भाई कहीं गया था। जबकि अभिज्ञान अपने कमरे में पढ़ाई कर रहा था।बहुत देर तक वापस नहीं आने पर मां कमरे में गई तो वह फांसी पर लटका हुआ था। जानकारी पर आसपास के लोग व पिता भी आ गए। परिजन छात्र को फंदे से उतारकर निजी अस्पताल ले गए लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पुलिस भी पहुंच गई लेकिन परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया। जिस पर लिखापढ़ी के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। कर्नलगंज पुलिस के मुताबिक, परिजन घटना का स्पष्ट कारण तो नहीं बता सके हैं। लेकिन उन्होंने यह बताया है कि छात्र पढ़ाई को लेकर बेहद अवसाद में रहता था।

कटरा स्थित द्वारकापुरी में रहने वाले मेडिकल परीक्षा की तैयारी करने वाले अभिज्ञान पाठक (18) ने फांसी लगाकर जान दे दी। जानकारी पर परिजनों में कोहराम मच गया। सूचना पर पुलिस पहुंची लेकिन घरवालों ने पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया। पुलिस के मुताबिक, छात्र ने अवसाद के चलते आत्मघाती कदम उठाया।

संतोष पाठक मूल रूप से आजमगढ़ के रहने वाले हैं। वह और उनकी पत्नी बबिता नामी सीमेंट कंपनी में अफसर हैं। पति-पत्नी दो बच्चों संग कटरा के द्वारकापुरी में किराये के कमरे में रहते थे। बड़े बेटे अभिज्ञान ने डीपीएस से 12वीं की परीक्षा 96 प्रतिशत अंकों के साथ पास की थी। वर्तमान में वह मेडिकल परीक्षा की तैयारी में जुटा था। पुलिस के मुताबिक, परिजनों ने बताया कि शुक्रवार शाम पांच बजे के करीब पिता घर पर नहीं थे। मां घर के काम में व्यस्त थीं जबकि छोटा भाई कहीं गया था। जबकि अभिज्ञान अपने कमरे में पढ़ाई कर रहा था।

बहुत देर तक वापस नहीं आने पर मां कमरे में गई तो वह फांसी पर लटका हुआ था। जानकारी पर आसपास के लोग व पिता भी आ गए। परिजन छात्र को फंदे से उतारकर निजी अस्पताल ले गए लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पुलिस भी पहुंच गई लेकिन परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया। जिस पर लिखापढ़ी के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। कर्नलगंज पुलिस के मुताबिक, परिजन घटना का स्पष्ट कारण तो नहीं बता सके हैं। लेकिन उन्होंने यह बताया है कि छात्र पढ़ाई को लेकर बेहद अवसाद में रहता था।