राशिद जहीर, मेरठमेरठ पुलिस भले ही बदमाशों के साथ मुठभेड़ करने में प्रदेश में सबसे आगे है। लेकिन मेरठ में एक थाना ऐसा भी है। जहां मंत्रोच्चारण, गंगाजल और चंदन के टीके के साथ अपराधों से मुकाबला किया जाता है। मेरठ में अपनी दूसरी पत्नी और सौतेले बेटे से उत्पीड़न के शिकार एक व्यक्ति ने जब थाने में न्याय की गुहार लगाई तो थानेदार ने हरिद्वार जाकर रहने और रोजाना ब्रह्म मुहूर्त में गायत्री मंत्र का जाप करने की सलाह दे डाली। पुलिस और परिवार के उत्पीड़न के शिकार पीड़ित वृद्ध ने अब आईजी कार्यालय पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई है। मेरठ के आदर्श थाने में शुमार रहे नौचंदी थाने में इन दिनों पुलिसिंग आईपीसी, सीआरपीसी और पुलिस मैनुअल के साथ नहीं, बल्कि गंगाजल, चंदन के टीके और गायत्री मंत्र के भरोसे हो रही है। थाने में आने वाले फरियादियों को चंदन का टीका लगाने और गंगाजल का उन पर छिड़काव करने से चर्चाओं में आए इंस्पेक्टर प्रेमचंद शर्मा इस बार विवादों के घेरे में फंस गए हैं। थानेदार साहब ने अपने हाथ से लिख कर दिया गायत्री मंत्रइंस्पेक्टर साहब ने दूसरी पत्नी और सौतेले बेटे के दुर्व्यवहार से पीड़ित एक व्यक्ति को 3 दिन हरिद्वार स्थित गायत्री आश्रम में रहकर ब्रह्म मुहूर्त में गायत्री मंत्र का जाप करने और गंगाजल का सेवन करने की सलाह दे डाली। इतना ही नहीं परिवारिक उत्पीड़न से मुक्ति पाने की यह थेरेपी खुद थानेदार साहब ने अपने हाथ से लिख कर पीड़ित को दी। पीड़ित का मुकदमा दर्ज करने की बजाय उसे धार्मिक और विचारों को शुद्ध रखने की सलाह दी। पीड़ित ने थानेदार की इस अजीब सलाह का 2 दिन पालन किया। इस दौरान आरोप यह भी है कि पत्नी और बेटे ने उसे 3 बार पीट डाला। जिसके बाद अब उसने आईजी कार्यालय पहुंचकर इंसाफ की गुहार लगाई है ।गायत्री मंत्र जपने की सलाह दीमेरठ के थाना नौचंदी क्षेत्र के शास्त्रीनगर इलाके में रहने वाली हेमंत गोयल जब पत्नी और बेटे के दुर्व्यवहार की शिकायत लेकर थाने पहुंचे तो उन पर पहले गंगाजल का छिड़काव किया गया। चंदन का टीका लगाया गया और फिर जब उन्होंने अपनी बात कही तो उन्हें गायत्री मंत्र जपने की सलाह दी गई। हरिद्वार जाकर कुछ समय गुजारने का समझौता लिखवा लियापीड़ित के वकील रामकुमार शर्मा की मानें तो हेमंत जब दोबारा पीटने के बाद थाने पहुंचे तो थानेदार ने उन्हें कहा कि अपने गायत्री मंत्र का जाप ठीक से नहीं किया होगा और इस बार दोनों पक्षों को बुलाकर सभी को हरिद्वार जाकर कुछ समय गुजारने का समझौता लिखवा लिया। वकील ने आरोप लगाया कि मेरठ पुलिस कानून के साथ मजाक कर रही है, अगर इस तरह पुलिसिंग की जाएगी तो फिर आईपीसी, सीआरपीसी और पुलिस मैनुअल का कोई मतलब नहीं रह जाता। पीड़ित पक्ष ने इस मामले में आईजी से कार्रवाई की मांग की है।इंस्पेक्टर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देशपुलिसिंग की इस अजीब और अनोखे मामले पर आला अधिकारियों ने किरकिरी से बचने के लिए मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। हालांकि, पीड़ित की शिकायत पर आईजी ने मुकदमा दर्ज करने और इंस्पेक्टर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं ।
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