हाइलाइट्स:पंजाब से यूपी लाने का हो चुका है आदेशपरिजन एनकाउंटर की जता रहे हैं आशंकापत्नी राष्ट्रपति को लिख चुकी है पत्रमऊपिछले हफ्ते शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब की रोपड़ जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को दो हफ्ते के अंदर उत्तर प्रदेश की जेल में शिफ्ट किए जाने का आदेश दिया था। इसके बाद से उनके एनकाउंटर की आशंका परिजन जता रहे हैं। पत्नी राष्ट्रपति को लिख चुकी है पत्रबुधवार को राष्ट्रपति को पत्र लिखकर मुख्तार अंसारी की पत्नी ने पति को पंजाब से उत्तर प्रदेश लाने के दौरान उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित करने की गुहार लगाई है। लेकिन इन सबके बीच मुख्तार अंसारी से जुड़ी एक ऐसी बात जो आप नहीं जानते होंगे। वह यह कि मुख्तार अंसारी के नाना महावीर चक्र विजेता तो चाचा देश के उपराष्ट्रपति रहे हैं। यही नहीं दादा आजादी से पहले इंडियन नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष थे।दादा इंडियन नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष थेबता दें कि बाहुबाली मुख्तार अंसारी के दादा डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन के दौरान 1926-27 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष थे। वे गांधी जी के बेहद करीबी माने जाते थे। नौशेरा की लड़ाई में शहीद हुए थे मुख्तार के नानामुख्तार अंसारी के नाना ब्रिगेडियर उस्मान महावीर चक्र विजेता थे। उन्होंने 1948 की जंग में भारतीय सेना की ओर से नौशेरा की लड़ाई लड़ी और भारत को जीत दिलाई थी। वह इस जंग में शहीद हो गए थे। भारत के कई सैन्य इतिहासकारों की राय है कि अगर ब्रिगेडियर उस्मान की समय से पहले मौत न हो गई होती तो वो शायद भारत के पहले मुस्लिम थल सेनाध्यक्ष होते।वो शायद अकेले भारतीय सैनिक थे, जिनके सिर पर पाकिस्तान ने 50,000 रुपये का इनाम रखा था, जो उस ज़माने में बहुत बड़ी रक़म हुआ करती थी।वील चेयर पर मुख्तार, कोरोना का बहाना…यूपी सरकार की भी खास तैयारीसाफ सुथरी छवि के लिए जाने जाते थे पितामुख्तार के पिता सुब्हानउल्लाह अंसारी ने इसी खानदानी विरासत को आगे बढ़ाया। वह कम्युनिस्ट नेता होने के साथ साफ सुथरी छवि के लिए जाने जाते थे। इसी वजह से सुब्हानउल्लाह अंसारी को 1971 के नगर पालिका चुनाव में निर्विरोध चुना गया था। यही नहीं भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी मुख्तार के रिश्ते में चाचा लगते हैं। बता दें कि हत्या, अपहरण और एक्सटॉर्शन जैसी दर्जनों संगीन वारदातों के आरोप में मुख्तार अंसारी पर 40 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। 2005 में मऊ में हिंसा भड़काने के आरोप मुख्तार अंसारी पर लगे थे। वहीं, बीजेपी नेता कृष्णानंद राय की 7 साथियों समेत हत्या का आरोप भी मुख्तार अंसारी पर लगा था।
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