फाल्गुन पूर्णिमा व होली की पूर्व संध्या पर रविवार को जगत जननी मां विंध्यवासिनी के पावन दरबार में श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा। सुगंधित फूलों और रत्नजड़ित हार से किया गया मां विंध्यवासिनी देवी के भव्य शृंगार दर्शन पाकर श्रद्धालु अभीभूत हो उठे। घंटा-घड़ियाल, शंख, नगाड़ा और माता के जयकारे से पूरा विंध्यधाम गूंज उठा।
भोर में मंगला आरती के बाद से दर्शन-पूजन का दौर शुरू हुआ, जो देर रात तक अनवरत जारी रहा। विंध्याचल मंदिर की गलियों में कतार में खडे़ नर-नारी माता का जयघोष करते आगे बढ़ते जा रहे थे। मंदिर परिसर में पहुंचकर किसी ने झांकी से तो किसी ने गर्भगृह में पहुंचकर मत्था टेका। मंदिर के छत पर अनुष्ठान-पूजन का भी दौर दिनभर चलता रहा। अगली स्लाइड पर क्लिक कर देखें…।
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